Kedarnath Bypoll: बीजेपी ने आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाया, कांग्रेस से मनोज रावत का नाम घोषित
देहरादून, उत्तराखंड – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रविवार को केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक आशा नौटियाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। आशा नौटियाल, जो पहले भी इस सीट से विधायक रह चुकी हैं, वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चे की अध्यक्ष भी हैं। उनका चयन बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि वे स्थानीय जनता में एक पहचान रखती हैं और पार्टी की महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
कांग्रेस का प्रत्याशी: मनोज रावत का चयन
कांग्रेस पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया है। पार्टी ने 13 दावेदारों में से पूर्व विधायक मनोज रावत को उम्मीदवार बनाया है। रावत, जो पहले 2017 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल कर चुके हैं, अब एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। मनोज रावत का नामांकन सोमवार को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में होगा, जहां कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता उनके समर्थन में मौजूद रहेंगे।
मनोज रावत का चुनावी सफर
मनोज रावत ने 2017 में केदारनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और सफल रहे थे। हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जहां वे 12557 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। उनकी हार के पीछे कई राजनीतिक कारण माने जा रहे हैं, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सलाह और समर्थन से उन्हें इस बार फिर से टिकट मिला है।
कांग्रेस के नेताओं की भूमिका
कांग्रेस हाईकमान ने मनोज रावत के चयन में पार्टी के दिग्गज नेताओं की भूमिका को अहम माना है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, गणेश गोदियाल, और विधायक प्रीतम सिंह जैसे नेताओं ने मनोज रावत के लिए अपनी पैरवी की, जिससे उन्हें टिकट मिलने में मदद मिली।
प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि मनोज रावत 28 अक्तूबर को नामांकन करेंगे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश सहप्रभारी सुरेंद्र शर्मा, और अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित रहेंगे।
चुनावी माहौल: दोनों पार्टियों की तैयारियाँ
केदारनाथ उपचुनाव को लेकर दोनों प्रमुख पार्टियाँ चुनावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। बीजेपी आशा नौटियाल की पहचान का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस ने मनोज रावत के माध्यम से एक मजबूत प्रतिकूलता तैयार करने की योजना बनाई है।
बीजेपी के लिए आशा नौटियाल का चयन एक अवसर है, क्योंकि वे पहले से ही इस क्षेत्र में जानी-मानी चेहरा हैं। उनका अनुभव और राजनीतिक पृष्ठभूमि पार्टी को वोटरों के बीच एक सकारात्मक संदेश देने में मदद कर सकती है। बीजेपी ने आशा को मैदान में उतारकर न केवल अपनी महिला नेतृत्व की छवि को मजबूत किया है, बल्कि स्थानीय जनता के साथ उनके पुराने रिश्ते को भी भुनाने की कोशिश की है।
वहीं, कांग्रेस के लिए मनोज रावत को फिर से मैदान में उतारना चुनौतीपूर्ण है। 2022 की हार के बाद पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नए रणनीतिक उपायों की आवश्यकता होगी। मनोज रावत के पिछले अनुभव और पार्टी के दिग्गज नेताओं का समर्थन उन्हें चुनाव में लाभ पहुंचा सकता है, लेकिन उन्हें स्थानीय मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।