Uttarakhand

Rishikesh AIIMS : एम्स की हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ , प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की बहुप्रतीक्षित हेली एंबुलेंस सेवा आज से शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सेवा का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। यह सेवा विशेष रूप से गंभीर रोगियों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच को आसान बनाया जा सके

यह सेवा 20 सितंबर 2022 को तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में शुरू किए जाने की घोषणा की गई थी। यह घोषणा स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे रोगियों को शीघ्र और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित किया जाएगा।

उद्घाटन समारोह की तैयारियाँ

आज, मंगलवार को, प्रधानमंत्री मोदी इस सेवा का ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अन्य कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय सांसद भी एम्स में मौजूद रहेंगे। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि उद्घाटन समारोह की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं, और इस सेवा के लॉन्च को लेकर एम्स की टीम बेहद उत्साहित है।

हेली एंबुलेंस सेवा की संचालन प्रक्रिया

यह सेवा केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से संचालित होगी। हेली एंबुलेंस का मुख्य उद्देश्य तात्कालिक चिकित्सा सेवा को उपलब्ध कराना है, विशेषकर उन मरीजों के लिए जो अन्यथा समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते। प्रत्येक महीने कम से कम 30 उड़ानों की आवश्यकता होगी, जिससे सेवा की निरंतरता और उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

हेली एंबुलेंस सेवा के लाभ

1. त्वरित चिकित्सा सहायता

हेली एंबुलेंस सेवा से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि गंभीर रोगियों को तेजी से अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां सड़क परिवहन सुविधाएं सीमित हैं या अव्यवस्थित हैं। हेली एंबुलेंस के माध्यम से मरीजों को समय पर उपचार मिल सकेगा, जो उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

2. कठिन इलाकों में पहुंच

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां सड़कें अक्सर बाधित रहती हैं, हेली एंबुलेंस सेवा का होना बेहद आवश्यक है। यह सेवा मरीजों को ऐसे स्थानों से सीधे अस्पताल पहुंचाने की सुविधा प्रदान करेगी, जहां अन्य परिवहन साधनों का उपयोग करना संभव नहीं है।

3. प्राथमिकता के आधार पर सेवा

हेली एंबुलेंस सेवा प्राथमिकता के आधार पर कार्य करेगी, जहां गंभीर मामलों को पहले प्राथमिकता दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिन मरीजों की स्थिति सबसे गंभीर है, उन्हें सबसे पहले चिकित्सा सहायता मिले।

संभावित चुनौतियाँ और समाधान

हालांकि, इस सेवा के शुभारंभ के साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं। जैसे कि:

1. मौसम की बाधाएँ

हेली एंबुलेंस सेवा को मौसम की स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। बर्फबारी या भारी बारिश के कारण उड़ानें रद्द हो सकती हैं, जिससे मरीजों की सेवा प्रभावित हो सकती है। इस समस्या का समाधान उड़ानों की योजना बनाते समय मौसम की पूर्वानुमान के अनुसार किया जा सकता है।

2. तकनीकी व्यवस्थाएँ

हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए तकनीकी व्यवस्थाओं की आवश्यकता होगी। पायलटों की ट्रेनिंग, हेलिकॉप्टर की मरम्मत और रखरखाव जैसी तकनीकी बातें महत्वपूर्ण होंगी। इसके लिए एक सक्षम टीम का गठन किया जाना आवश्यक है।

3. वित्तीय पहलू

इस सेवा के संचालन के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य और केंद्र सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि इस सेवा के लिए बजट उपलब्ध हो।

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