DEHRADUN :खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़, बाजारों में लगा जाम
राजधानी देहरादून में धनतेरस का पर्व उत्साहपूर्वक मनाया गया। शहर के विभिन्न बाजारों में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई, जिन्होंने सुबह से लेकर रात तक बर्तन, सोने-चांदी के आभूषणों, और अन्य सामानों की खरीदारी की। त्योहार के अवसर पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यापारी भी अलग-अलग अंदाज में प्रस्तुत हुए। बाजारों में भीड़ के कारण सुबह से ही जाम की स्थिति बनी रही, जिससे लोगों को खरीदारी के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा।
धनतेरस का महत्व
धनतेरस दीपावली के पहले आने वाला पर्व है, जिसे कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन बर्तनों और सोने-चांदी की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है। आचार्य डॉ. सुशांत राज के अनुसार, “धनतेरस पर बर्तन और आभूषण खरीदना आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है।”
बाजारों में भीड़ का नजारा
मंगलवार को दून के विभिन्न बाजारों, जैसे पलटन बाजार, झंडा बाजार, हनुमान चौक, और चकराता रोड में खरीदारी का जोश देखते ही बनता था। ग्राहक सुबह से ही बाजारों की ओर दौड़ते रहे, जिससे सभी जगह भीड़ और हलचल बनी रही।
झाड़ू की खरीदारी
धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषणों के साथ-साथ झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग नई झाड़ू खरीदते हैं, जिसे घर में लक्ष्मी माता के स्वागत के लिए उपयोग किया जाता है। बाजार में दुकानदारों ने झाड़ू के स्टॉल भी लगाए थे, और लोग सुबह से लेकर रात तक झाड़ू की खरीदारी करते रहे।
नए वाहनों की खरीदारी
धनतेरस के अवसर पर दूनवासियों ने नए वाहनों की खरीदारी में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। मोटरसाइकिल से लेकर चार पहिया वाहनों तक की खरीदी हुई। खासतौर पर सहारनपुर बार्डर पर स्थित मां डाट काली मंदिर में नए वाहनों की पूजा कर चुनरी बंधवाने का रिवाज भी देखने को मिला। महंत रमन प्रसाद गोस्वामी ने बताया कि “लोग नया वाहन लेकर मां के दरबार में आकर चुनरी बंधवाते हैं।” मंगलवार को भी कई दुपहिया वाहनों की पूजा की गई।
जाम की समस्या
पलटन बाजार में सुबह से ही खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, जिसके चलते हनुमान चौक और अन्य क्षेत्रों में जाम की स्थिति बनी रही। जाम के कारण लोगों को पांच मिनट की दूरी तय करने में आधे घंटे से अधिक का समय लग गया। यह समस्या देर रात तक बनी रही।
शहर के अन्य बाजारों, जैसे धर्मपुर, नेहरू कॉलोनी, जाखन, रिस्पना, हरिद्वार रोड, और बंजारावाला में भी ग्राहक संख्या में वृद्धि के कारण जाम की स्थिति रही।
समृद्धि का प्रतीक
धनतेरस का पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए सामान खरीदते हैं, और एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं। यह पर्व समृद्धि, खुशी, और भाईचारे का प्रतीक है।
बाजार की सजावट
इस पर्व के अवसर पर बाजारों को सजाने के लिए विभिन्न प्रकार के सजावटी सामान, दीये, और मिठाइयाँ भी उपलब्ध थीं। दुकानदारों ने अपने स्टॉल्स को आकर्षक ढंग से सजाया था, जिससे ग्राहक अधिक संख्या में आकर्षित हुए।