Uttarakhand

CM पुष्कर सिंह धामी ने दीपावली मिलन कार्यक्रम में भूतपूर्व सैनिकों को किया सम्मानित

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीपावली मिलन कार्यक्रम के तहत एनएचपीसी गेस्टहाउस, बनबसा में भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया और उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भूतपूर्व सैनिकों की देशभक्ति और उनकी सेवाओं की प्रशंसा की।

भूतपूर्व सैनिकों का अदम्य साहस

मुख्यमंत्री धामी ने भूतपूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “एक सैनिक केवल अपनी सेवाकाल में देश की रक्षा करता है, बल्कि जब वह सेवानिवृत्त होता है, तो वह समाज की सेवा में जुट जाता है। इसलिए, कोई भी सैनिक भूतपूर्व नहीं होता; वह हमेशा देश की सेवा में तत्पर रहता है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब सैनिक सीमाओं पर तैनात होते हैं, तो वे देश की सुरक्षा का कार्य कर रहे होते हैं और सेवानिवृत्त होने के बाद वे सामाजिक सेवा की ओर बढ़ते हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “मैं इन वीरों के बीच आकर गर्वित महसूस कर रहा हूं। आपकी सेवाओं के कारण आज हम सुरक्षित और समृद्ध जीवन जी रहे हैं। आपके अदम्य साहस ने हमें एक मजबूत देश बनाया है।”

सेना का गौरवशाली इतिहास

मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा, “कारगिल युद्ध में हमारे वीर सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया। उन्होंने न केवल देश की सीमाओं की रक्षा की, बल्कि भारतीय सेना को विश्व स्तर पर एक वीर सेना के रूप में प्रस्तुत किया।”

सैनिकों की समस्याओं का समाधान

धामी ने सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं को समझते हुए कहा कि सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “वन रैंक, वन पेंशन” जैसे निर्णय लेकर सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा, “आज भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, और हर क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर हैं। डिजिटल पेमेंट में भी भारत का पहला स्थान है।”

विकास कार्यों की घोषणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में अनेक विकास कार्य वीर सैनिकों और उनके आश्रितों के हित में किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून में सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है और चंपावत जिले में सारदा कॉरिडोर का निर्माण आने वाले समय में किया जाएगा।

इसके साथ ही उन्होंने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक मानते हुए राज्य के निरंतर विकास की बात की। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिससे बेरोजगारों को 18,500 सरकारी नौकरियां मिली हैं।

सैनिकों के परिजनों की सहायता

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के बलिदानी सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “इस बार की दीपावली विशेष है, क्योंकि 500 वर्षों के बाद भगवान राम अपने घर में आए हैं।”

आत्मनिर्भरता की ओर कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हम विदेशी हथियारों पर निर्भर थे, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर हो रहा है। उन्होंने कहा कि 200 से अधिक सैन्य उपकरण आज भारत में बनाए जा रहे हैं, जिनका उपयोग हमारी सेना द्वारा किया जा रहा है।

सैन्य बहुउद्देश्यीय केंद्र की स्थापना

मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण विभाग की भूमि पर सैन्य बहुउद्देश्यीय केंद्र के लिए डीपीआर तैयार कर स्वीकृति प्रदान करने की भी बात की। इसके साथ ही चंपावत में एनसीसी की कंपनी खोलने और चंपावत जिला मुख्यालय में ईसीएचएस खोले जाने की दिशा में भी कार्यवाही करने का निर्देश दिया।

स्थानीय जनता से मुलाकात

मुख्यमंत्री ने अपने बनबसा भ्रमण कार्यक्रम के दौरान बनबसा बाजार में पैदल भ्रमण किया और स्थानीय जनता एवं व्यापारियों से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें दीपावली की बधाई दी और उनके दीर्घायु, सुख और शांति की कामना की। इस दौरान स्थानीय जनता ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया और उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं।

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