UTTARAKHAND : मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की जिलाधिकारियों के साथ भू कानून पर बैठक, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के आदेश
देहरादून: उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भू कानून (ZALR Act) के तहत भूमि से संबंधित नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भूमि खरीद संबंधित अनुमति के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ZALR Act के Sec 166/167 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही यदि विशेष प्रयोजन के लिए भूमि की अनुमति प्राप्त की जाती है और उस भूमि का उद्देश्य के अनुरूप उपयोग नहीं किया जाता, तो भी जिलाधिकारियों को कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
भू कानून का उल्लंघन अब नहीं बचेगा
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में अधिकारियों को सतर्क करते हुए कहा कि भू कानून के प्रावधानों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि यदि भूमि का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया जाता है, तो उस भूमि की अनुमति रद्द की जाएगी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, श्रीमती राधा रतूड़ी ने यह भी कहा कि जो लोग भूमि खरीदने के लिए अनुमति प्राप्त करने के बाद नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ZALR Act के Sec 166/167 के तहत मुकदमा दर्ज कर सजा दिलवाई जाएगी।
भूमि रिपोर्ट का अवलोकन और आगे की योजना
बैठक में मुख्य सचिव को राज्य के 11 जनपदों से भूमि कानून से संबंधित रिपोर्ट प्राप्त हुई। इन रिपोर्टों में भूमि उपयोग के मामलों की जांच की गई है और संबंधित प्राधिकरणों से मिलने वाली जानकारी का मूल्यांकन किया गया है। इस पर मुख्य सचिव ने संतोष व्यक्त किया, लेकिन हरिद्वार और नैनीताल जनपदों की रिपोर्ट में देरी के कारण उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि ये दोनों जनपद 24 घंटे के भीतर, यानी मंगलवार तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से यह भी कहा कि यदि इन जनपदों से रिपोर्ट में और अधिक समय लगता है, तो इस पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिलाधिकारियों से उम्मीद जताई कि वे अगले 24 घंटों में सभी रिपोर्टों को सुनिश्चित करेंगे और इससे संबंधित कार्यवाही में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होने पाएगी।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी के अलावा प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, सचिव श्री चंद्रेश यादव, और राज्य के विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारी भी शामिल थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों ने भू कानून के संबंध में अपनी स्थिति साझा की और भविष्य के लिए रणनीतियों पर चर्चा की।
बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य में भूमि खरीद और बिक्री को लेकर जो भी नियम और शर्तें निर्धारित की गई हैं, उनका उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए कि भूमि की खरीद-बिक्री से संबंधित किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या घोटाले की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाए और संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया को लागू किया जाए।
भूमि के नियोजन में सुधार के प्रयास
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य सरकार भूमि के नियोजन और उपयोग में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भूमि का उपयोग केवल उसी उद्देश्य के लिए होना चाहिए, जिसके लिए उसे स्वीकृति दी गई है। विशेष प्रयोजन के लिए भूमि प्राप्त करने वाले व्यक्तियों से यह अपेक्षाएं की गई हैं कि वे भूमि का सही और निर्धारित उद्देश्य के लिए ही उपयोग करें। यदि कोई भी व्यक्ति इस शर्त का उल्लंघन करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे भूमि के इस्तेमाल और उसके नियोजन की पूरी निगरानी रखें ताकि कोई भी व्यक्ति इसका गलत फायदा न उठा सके। इसके लिए विभिन्न स्तरों पर समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी और अधिकारियों को नियमित अपडेट देना होगा।
जिलाधिकारियों से हुई समीक्षा
इस बैठक में जिन जिलों से रिपोर्ट प्राप्त की गई थी, उनके जिलाधिकारियों ने भूमि उपयोग की स्थिति का विस्तार से विवरण दिया। उन्होंने बताया कि उनके जिलों में भूमि के नियमों का पालन किस हद तक हो रहा है और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। इसके बाद मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से यह भी पूछा कि किन कारणों से हरिद्वार और नैनीताल जिलों से रिपोर्ट देर से आई और उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि आगे से ऐसी कोई चूक न हो।
मुख्य सचिव ने इस बैठक के दौरान यह भी कहा कि राज्य में भूमि के समुचित उपयोग की दिशा में सभी अधिकारियों को और भी सक्रिय होना पड़ेगा और उन्हें अपने दायित्वों का पालन सख्ती से करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि जिन जिलों में भूमि कानून के उल्लंघन की शिकायतें मिल रही हैं, वहां तुरंत जांच शुरू की जाए और उचित कार्रवाई की जाए।