अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की बढ़त से भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव, सेंसेक्स 700 अंक चढ़ा, निफ्टी 24400 के पार
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव परिणामों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बढ़त पर भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। बुधवार को आईटी और वित्तीय शेयरों में मजबूती के चलते भारतीय बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी 50 में उछाल आया। खासकर, अमेरिकी चुनाव के शुरुआती परिणामों से उत्साहित निवेशकों ने भारतीय बाजारों में खरीदारी की।
सेंसेक्स और निफ्टी में तेज़ी, IT शेयरों ने दी मजबूती
बुधवार सुबह, भारतीय शेयर बाजारों में हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत हुई। बीएसई सेंसेक्स 666.48 अंक (0.83%) चढ़कर 80,143.11 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 202.00 अंक (0.83%) बढ़कर 24,415.30 पर कारोबार कर रहा था। इससे पहले, सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर सेंसेक्स 543.14 अंक (0.68%) की बढ़त के साथ 80,017.16 पर पहुंच गया था और निफ्टी 168.50 अंक (0.70%) बढ़कर 24,381.80 पर था।
भारतीय शेयर बाजार में इस तेजी का मुख्य कारण अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम थे, जिनमें ट्रंप के पक्ष में कुछ शुरुआती संकेत थे। साथ ही, आईटी और वित्तीय शेयरों में खरीदारी ने बाजार में मजबूती का माहौल बनाया। विशेष रूप से, एचसीएल टेक, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस, सन फार्मा और बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियों के शेयरों में बढ़त देखी गई।
अमेरिकी चुनाव नतीजों का बाजार पर प्रभाव
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने भारतीय शेयर बाजार को खासा प्रभावित किया है। चुनावों में ट्रंप की बढ़त के कारण, बाजार में उम्मीदें हैं कि यदि ट्रंप चुनाव जीतते हैं, तो उनके शासन में कॉर्पोरेट करों में कटौती हो सकती है, जिससे वैश्विक निवेश में वृद्धि हो सकती है। इस स्थिति में, भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक प्रभाव बनने की संभावना है, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जो अमेरिका से जुड़े हुए हैं।
दूसरी ओर, अगर कमला हैरिस की जीत होती है, तो यह नीति निरंतरता का संकेत माना जाएगा जो भारतीय शेयर बाजार पर तटस्थ से लेकर हल्के सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हैरिस की जीत को लेकर निवेशकों का मानना है कि उनके सत्ता में आने से अमेरिका की आर्थिक नीतियों में स्थिरता रहेगी, जो भारतीय बाजारों को सीधे प्रभावित नहीं करेगी, लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में हल्की बढ़त देखने को मिल सकती है।
प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर असर
अमेरिकी चुनाव नतीजों की अनिश्चितता के बावजूद, भारतीय शेयर बाजार में कुछ कंपनियों के शेयरों ने मजबूत प्रदर्शन किया। एचसीएल टेक, इंफोसिस, मारुति, बजाज फाइनेंस, और सन फार्मा जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ खुले। इन कंपनियों में निवेशकों की बढ़ी हुई रुचि को लेकर बाजार में सकारात्मक माहौल बना।
वहीं दूसरी ओर, टाइटन, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचयूएल और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। खासकर टाइटन के शेयरों में 3% की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी ने अपनी दूसरी तिमाही के समेकित लाभ में 23.1% की गिरावट का बयान दिया। इसका मुख्य कारण सीमा शुल्क में कटौती का असर था, जिससे कंपनी की लाभप्रदता पर दबाव पड़ा।
निफ्टी में आईटी, फार्मा और रियल्टी शेयरों में बढ़त
भारतीय शेयर बाजार में निफ्टी आईटी, फार्मा और रियल्टी सेक्टरों में भी 1% से अधिक की बढ़त देखी गई। इनमें डॉ. रेड्डीज लैब्स जैसे प्रमुख स्वास्थ्य सेवा कंपनी के शेयरों में शुरुआती कारोबार में 3% तक की तेजी आई। इसके अलावा, निफ्टी ऑटो, मीडिया, पीएसयू बैंक, हेल्थकेयर और ऑयल एंड गैस में भी 0.5% से अधिक की वृद्धि हुई।
विशेष रूप से आईटी सेक्टर ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंफोसिस, एचसीएल टेक, और TCS जैसे प्रमुख आईटी शेयरों में तेज़ी आई, जो दर्शाता है कि अमेरिकी चुनाव परिणामों की अनिश्चितता के बावजूद, तकनीकी क्षेत्र के निवेशकों का विश्वास मजबूत बना हुआ है।
एफआईआई और डीआईआई का निवेश
बुधवार के बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 2,569.41 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 3,030.96 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि घरेलू संस्थागत निवेशक बाजार के रुझानों में उत्साही हैं, जबकि विदेशी निवेशक थोड़ा सतर्क दिख रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि चुनावों के परिणाम के साथ-साथ अमेरिकी केंद्रीय बैंक की नीतियों और वैश्विक आर्थिक स्थिति का असर भारतीय बाजारों पर देखने को मिलेगा। हालांकि, भारतीय बाजार की स्थिति को लेकर उत्साह बना हुआ है, और निवेशकों को सतर्कता के साथ निवेश करने की सलाह दी जा रही है।
वैश्विक संकेत और एशियाई बाजार
अमेरिकी चुनाव के परिणामों के बाद, अन्य एशियाई बाजारों में गिरावट देखी गई। एमएससीआई एशिया एक्स-जापान सूचकांक में 0.4% की गिरावट आई। इससे यह संकेत मिलता है कि अमेरिकी चुनाव परिणामों के बारे में अनिश्चितता के कारण वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है।