HARIDWAR: आता नहीं है लैपटॉप चलाना बन गए कंप्यूटर ऑपरेटर, विकास विभाग का अनोखा मामला
उत्तराखंड, 5 नवंबर 2024 – विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोंडे ने विकास विभाग में कर्मचारियों की कार्यकुशलता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मंगलवार को आयोजित एक समीक्षा बैठक में यह खुलासा हुआ कि कई खंड विकास अधिकारियों (BDEs) के तहत काम कर रहे आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर ऐसे हैं, जिन्हें लैपटॉप तक चलाने का बुनियादी ज्ञान नहीं है। इस लापरवाही को देखते हुए सीडीओ ने अधिकारियों को तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
यह बैठक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना (PMAY-G), ग्रामोत्थान जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति पर आधारित थी। बैठक में जिले के सभी छह ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारियों को बुलाया गया था, जहां इन योजनाओं की समीक्षा की गई।
बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान का अभाव
सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने जब परियोजनाओं के तहत संचालित डेटा एंट्री सिस्टम और ऑनलाइन पोर्टल्स की स्थिति की समीक्षा की, तो यह सामने आया कि एनआरएलएम योजना के तहत काम कर रहे कई आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटरों को बुनियादी कंप्यूटर कौशल का भी अभाव है। विशेष रूप से, लैपटॉप चलाने की क्षमता न रखने वाले ये कंप्यूटर ऑपरेटर, ब्लॉक मुख्यालयों में तैनात हैं, जिससे योजनाओं का डाटा समय पर पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहा है।
“यह स्थिति बिल्कुल अस्वीकार्य है। जब इन कंप्यूटर ऑपरेटरों को बुनियादी कंप्यूटर कौशल का भी ज्ञान नहीं है, तो वे योजनाओं के डेटा को समय पर पोर्टल पर अपलोड कैसे कर सकते हैं?” सीडीओ ने बैठक में नाराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने खंड विकास अधिकारियों (BDEs) को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि ऐसी लापरवाही नहीं चलेगी।
बीडीओ को सख्त निर्देश: ट्रेनिंग या हटाए जाएं कंप्यूटर ऑपरेटर
मुख्य विकास अधिकारी ने बीडीओ से कहा कि वे उन सभी कंप्यूटर ऑपरेटरों को हटाएं, जिन्हें बुनियादी कंप्यूटर संचालन की जानकारी नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि यदि ऐसे ऑपरेटरों को हटाना संभव न हो, तो उन्हें तुरंत कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाए।
“अगर इन कर्मचारियों को प्रशिक्षित नहीं किया गया, तो योजनाओं का सही तरीके से संचालन नहीं हो सकेगा। इस लापरवाही को किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा।” सीडीओ ने बैठक में अपनी स्थिति स्पष्ट की।
समय पर कार्य और गुणवत्ता की निगरानी
सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने आगे कहा कि सभी योजनाओं को समय सीमा के भीतर और उच्चतम गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप पूरा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की गहन समीक्षा करें और मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
“अगर परियोजनाओं की गुणवत्ता और उनके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है, तो हमें इसके लिए मजबूत निगरानी की जरूरत है। सिर्फ कागजों में काम करने से कुछ नहीं होगा, जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का असर दिखाई देना चाहिए,” सीडीओ ने कहा।
ग्रामोत्थान और एनआरएलएम के लक्ष्यों की प्राप्ति
सीडीओ ने ग्रामोत्थान और एनआरएलएम योजनाओं की समीक्षा करते हुए जोर दिया कि इन योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए समन्वित प्रयास किए जाने चाहिए। “ग्रामोत्थान और एनआरएलएम योजनाओं में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है ताकि इन योजनाओं की प्रभावशीलता में वृद्धि हो सके और ग्रामीण क्षेत्रों में नए आजीविका के अवसर उत्पन्न हों।”
उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, जिससे किसानों और ग्रामीणों को स्थिर आय के अवसर मिलेंगे। सीडीओ ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसी भी योजना में लापरवाही नहीं हो और काम समय से पूरा हो।
लापरवाही पर सख्त कार्रवाई का संदेश
इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बीडीओ से कहा कि वे योजनाओं को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ लागू करें और सुनिश्चित करें कि लाभार्थियों को समय पर योजनाओं का लाभ पहुंचे।
“किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। योजनाओं को जल्द से जल्द, पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा करें और लाभार्थियों तक पहुंचाने की प्रक्रिया को तेज करें,” सीडीओ ने कहा।
अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश
बैठक के अंत में, सीडीओ ने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी कार्य योजनाओं की निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि योजनाओं का कार्यान्वयन सख्त निगरानी के तहत हो। सभी बीडीओ को निर्देश दिए गए कि वे हर योजना की प्रगति की मासिक समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी योजना में कोई व्यवधान न आए।
इस दौरान ग्राम्य परियोजना निदेशक केएन तिवारी और जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश भी बैठक में उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने सीडीओ के निर्देशों को गंभीरता से लिया और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई करने की योजना बनाई।