उत्तराखंड स्थापना दिवस: प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में साझा होगी मातृभूमि से जुड़ी भावनाएँ
उत्तराखंड आज अपना 24वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर पर राज्य सरकार ने विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिसमें प्रदेश के प्रवासी उत्तराखंडियों के योगदान और उनकी सफलता को मान्यता दी जा रही है। उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में निवास कर रहे हजारों प्रवासी अपनी मातृभूमि से फिर से जुड़ने और राज्य के विकास में अपनी भूमिका निभाने के लिए लौट रहे हैं। राज्य सरकार ने इन प्रवासियों को सम्मानित करने के लिए प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर पहली बार आयोजित किया जा रहा यह सम्मेलन उत्तराखंड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में सामने आया है। यह सम्मेलन उन प्रवासी उत्तराखंडियों को एक मंच पर लाने का प्रयास है, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने कौशल और कार्यों से न केवल उत्तराखंड, बल्कि देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।
प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून के दून विश्वविद्यालय में दीप प्रज्वलित कर इस सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, अभिनेता हेमंत पांडे, विधायक विनोद चमोली, और राज्य के अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री धामी ने इस सम्मेलन को उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि यह राज्य के प्रवासी लोगों को सम्मान देने और उन्हें उनके योगदान का मूल्य देने का एक अच्छा अवसर है।
उन्होंने सम्मेलन में कहा, “उत्तराखंड के प्रवासी दुनिया भर में अपने उत्कृष्ट कार्यों से न केवल अपना बल्कि प्रदेश का भी नाम रोशन कर रहे हैं। इन प्रवासियों का हमारे राज्य के साथ गहरा जुड़ाव है, और इस सम्मेलन के माध्यम से हम उन्हें सम्मानित करेंगे।”
तीन सत्रों में होगी चर्चा
इस प्रवासी सम्मेलन में तीन सत्रों का आयोजन किया गया है, जिनमें विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। पहले सत्र में राज्य के विकास के लिए प्रवासियों के योगदान पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, दूसरे सत्र में उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएँ और पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिए प्रवासी उत्तराखंडी समाज के सक्रिय योगदान पर बात की जाएगी। तीसरे और अंतिम सत्र में प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों और योजनाओं पर चर्चा की जाएगी, जो उनके जीवन स्तर में सुधार ला सकती हैं।
डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने इस सम्मेलन को लेकर कहा, “उत्तराखंड का स्थापना दिवस केवल राज्य के लिए एक महोत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रवासी भाई-बहनों के लिए भी एक अवसर है, जो उन्होंने दूर-दूर रहकर अपनी मेहनत से सफलता की नई ऊंचाइयाँ छुई हैं। इस सम्मेलन में एकत्र होकर हम उन सभी को उनके योगदान के लिए सम्मानित करेंगे।”
प्रवासी उत्तराखंडियों का योगदान
उत्तराखंड के प्रवासी, जो देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों में निवास कर रहे हैं, राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन प्रवासियों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, कला, खेल और व्यवसाय सहित कई क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। कई प्रवासी उत्तराखंडी अपनी मातृभूमि से जुड़कर राज्य के विभिन्न विकास कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
उत्तराखंड के कई निवासी पहले जीवन यापन के लिए अन्य राज्यों में या विदेशों में चले गए थे, लेकिन जैसे-जैसे राज्य में विकास और समृद्धि के नए अवसर सामने आए, उन्होंने अपने घर वापस लौटने की योजना बनाई। प्रवासी उत्तराखंडियों का राज्य में निवेश और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
अभिनेता हेमंत पांडे ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएँ हमेशा हमारे दिलों में बसी रही हैं, चाहे हम कहीं भी रहे हों। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम इस राज्य के हिस्से हैं, और अब जब हमें सम्मानित किया जा रहा है, तो यह हमें और भी प्रेरित करेगा कि हम उत्तराखंड को हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।”
राज्य सरकार का रवैया और उद्देश्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार उत्तराखंड के प्रवासियों को राज्य के विकास में सक्रिय रूप से शामिल करने की योजना बना रही है। सरकार प्रवासियों को प्रेरित करना चाहती है ताकि वे अपनी मातृभूमि में आकर निवेश करें, रोजगार के अवसर पैदा करें, और राज्य में अपना योगदान दें। धामी सरकार ने हाल ही में कई योजनाओं की शुरुआत की है जिनका उद्देश्य प्रवासी उत्तराखंडियों को राज्य में वापस लाना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के अवसर प्रदान करना है।
विनोद चमोली, विधायक और इस सम्मेलन के आयोजकों में से एक ने कहा, “उत्तराखंड का विकास केवल हमारे राज्य के भीतर नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया में रहने वाले उत्तराखंडी भाइयों की भागीदारी से संभव हो सकता है। हम इस सम्मेलन को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए एक मजबूत नेटवर्क बनाने की कोशिश करेंगे।”
उत्तराखंड के विकास के लिए मिलकर काम करने की अपील
धामी सरकार ने इस सम्मेलन के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य के विकास में सभी का योगदान जरूरी है, चाहे वे उत्तराखंड में हों या राज्य के बाहर। राज्य सरकार प्रवासियों से उम्मीद करती है कि वे राज्य की समृद्धि में शामिल होकर नए आयाम जोड़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तराखंड राज्य का हर नागरिक हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है, और हम चाहते हैं कि जो लोग बाहर रहकर भी राज्य के लिए काम कर रहे हैं, वे अपने अनुभव और कौशल से यहां के विकास में योगदान करें। हम राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे और एक नया इतिहास बनाएंगे।”