DEHRADUN : सेलाकुई की हब फार्मास्यूटिकल फैक्टरी में LPG गैस रिसाव से आग, 11 कर्मचारी झुलसे
उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई में स्थित हब फार्मास्यूटिकल एंड रिसर्च सेंटर की फैक्टरी में बुधवार दोपहर एलपीजी गैस के रिसाव के कारण आग लग गई। आग की चपेट में आकर फैक्टरी में काम कर रहे 11 कर्मचारी झुलस गए। इस दौरान फैक्टरी में भगदड़ मच गई, और कर्मचारियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अग्निशमनकर्मियों की तत्परता और त्वरित कार्रवाई के कारण आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन हादसे में घायल कर्मचारियों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
घटना का विवरण
हब फार्मास्यूटिकल एंड रिसर्च सेंटर की फैक्टरी दवा निर्माण के लिए एलपीजी गैस का उपयोग करती है। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे एलपीजी गैस के प्यूरीफिकेशन एंड चेंबर सेक्शन और मैनिफोल्ड सिस्टम में लीकेज होने के कारण गैस का रिसाव हुआ, जिससे आग का गुबार फैल गया। आग के कारण फैक्टरी में काम कर रहे 11 कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए। इस बीच सिलिंडर भी आग की चपेट में आ गए और कर्मचारियों के बीच भगदड़ मच गई।
सूचना मिलते ही घटनास्थल पर अग्निशमन विभाग के अधिकारी, थाना प्रभारी और अन्य टीम के सदस्य मौके पर पहुंचे। अग्निशमनकर्मियों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और कर्मचारियों को बाहर निकाला। करीब डेढ़ घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद तीन अग्निशमन वाहनों के जरिए आग पर काबू पाया जा सका।
घायल कर्मचारियों की स्थिति
गंभीर रूप से झुलसे 11 कर्मचारियों को तुरंत धूलकोट स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से चार की हालत गंभीर थी, जिनमें से एक कर्मचारी, नितिन कुमार (हरबर्टपुर निवासी) को करीब 95 प्रतिशत तक जलने की चोटें आई थीं। अन्य तीन गंभीर रूप से झुलसे कर्मचारियों में सौरभ सिंह (रुद्रप्रयाग निवासी), प्रवीण कुमार (विकासनगर निवासी) और विशाल (शंकरपुर निवासी) शामिल हैं। सभी को अस्पताल में समुचित उपचार दिया जा रहा है।
घायलों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें दून अस्पताल रेफर कर दिया गया। नितिन कुमार की हालत विशेष रूप से गंभीर बनी हुई है, और उनकी स्थिति पर डॉक्टरों की निगाहें टिकी हैं।
आग पर काबू पाना, बड़ा हादसा टला
अगर समय पर आग पर काबू नहीं पाया गया होता, तो इस घटना का परिणाम और भी भयानक हो सकता था। फैक्टरी के भीतर 45 बड़े और आठ छोटे एलपीजी गैस सिलिंडर मौजूद थे, साथ ही पास ही एक स्टोर में 60 अतिरिक्त गैस सिलिंडर रखे हुए थे। यदि कई सिलिंडर आग की चपेट में आ जाते और विस्फोट होते, तो यह एक बड़ा और विनाशकारी हादसा बन सकता था।
लेकिन, अग्निशमन विभाग की तत्परता और संजीदगी के कारण इस बड़ी आपदा को टाल लिया गया। तीन अग्निशमन वाहनों ने आग पर काबू पाया, और किसी बड़े हादसे से बचा गया। अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि आग बुझाने का अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन विभाग की टीम ने पूरी तत्परता से इसे अंजाम दिया।
फैक्टरी की सुरक्षा व्यवस्था की होगी जांच
घटनास्थल पर पहुंचे मुख्य अग्निशमन अधिकारी वंश बहादुर यादव ने फैक्टरी की आग से संबंधित सुरक्षा उपायों की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि आग के कारणों की जांच की जाएगी, और इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि क्या फैक्टरी में आग से सुरक्षा संबंधी पर्याप्त उपकरण मौजूद थे। साथ ही, आग की घटना के बाद फैक्टरी में आग सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जाएगी।
फैक्टरी के महाप्रबंधक संजय गुप्ता ने भी इस घटना को लेकर कहा कि घायलों को तत्काल अस्पताल में समुचित उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है, और उनका इलाज पूरी सतर्कता के साथ किया जा रहा है।
विधायक का घटनास्थल पर दौरा
इस घटना के बाद, सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर घटनास्थल पर पहुंचे और आग लगने के कारणों और रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। उन्होंने अग्निशमनकर्मियों से बातचीत की और उनके प्रयासों की सराहना की। विधायक ने फैक्टरी प्रबंधन, निजी अस्पताल और दून अस्पताल के अधिकारियों से भी वार्ता की और घायलों को समुचित उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
विधायक ने यह भी कहा कि घटना के बाद फैक्टरी में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अपील की कि इस घटना की जांच की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी घटनाओं से कर्मचारी सुरक्षित रहें।
कारणों की जांच जारी
फैक्टरी में हुई इस घटना का कारण गैस के प्यूरीफिकेशन सिस्टम में लीकेज बताया जा रहा है, लेकिन इसकी जांच की जा रही है। अग्निशमन विभाग ने बताया कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए एक टीम को तैनात किया गया है।
इस हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा उपायों की अहमियत को उजागर किया है। जब तक फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा उपकरणों की सही तरीके से निगरानी और रखरखाव नहीं किया जाएगा, ऐसे हादसे हो सकते हैं।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
राज्य प्रशासन ने इस घटना को लेकर गंभीर चिंता जताई है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे घटना के कारणों की गहन जांच करें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुःख व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने प्रशासन से इस घटना के कारणों की जांच के साथ-साथ दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने को कहा है।