DELHI में बढ़ते प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता हुई गंभीर, शनिवार को स्मॉग में लिपटी रही राजधानी
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह स्मॉग के कारण वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में हवा का गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो कि बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में आता है। इस बढ़ते प्रदूषण के कारण लोग सांस लेने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं और आंखों में जलन हो रही है।
राजधानी के विभिन्न इलाकों में AQI 400 के पार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजे आंकड़ों के अनुसार, शनिवार की सुबह दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हवा की गुणवत्ता खराब रही। आनंद विहार में AQI 393, मुंडका में 376, बवाना में 409, अशोक विहार में 382, आईटीओ में 357, जहांगीरपुरी में 389, रोहिणी में 401, नजफगढ़ में 358, आरकेपुरम में 375, पंजाबी बाग में 392, सोनिया विहार में 391 और द्वारका सेक्टर 8 में 360 AQI दर्ज किया गया। यह आंकड़े प्रदूषण के स्तर को दर्शाते हैं, जो खासकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।
शुक्रवार को भी AQI में तेज वृद्धि देखी गई थी। उस दिन पूरे शहर में AQI 380 तक पहुंच गया था, जो कि बेहद खराब श्रेणी में आता है। इस दौरान दिल्ली के आसमान में स्मॉग की चादर फैली रही, जिससे नागरिकों को सांस लेने में दिक्कतें और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, बृहस्पतिवार को भी AQI 377 दर्ज किया गया था, जो बेहद खराब श्रेणी में था।
प्रदूषण में बढ़ोतरी के पीछे मौसम का प्रभाव
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान समय में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति खराब होने के पीछे मुख्य कारण मौसम की प्रतिकूल स्थितियां हैं। हवा की गति बहुत धीमी है, जिसके कारण प्रदूषकों का फैलाव नहीं हो पा रहा है और यह प्रदूषण अधिक समय तक स्थिर रहता है। इसके अलावा, हवा की दिशा भी बदल रही है, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ रहा है।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IMD) के मुताबिक, शुक्रवार को हवाएं विभिन्न दिशाओं से चल रही थीं, जो कि हवा की गति 4 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच रही। शनिवार और रविवार को भी हवाओं की दिशा में कोई खास बदलाव नहीं होगा, और हवा की गति 4 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा तक रहने का अनुमान है। इसके अलावा, रात के समय हल्का कुहासा और स्मॉग का फैलाव भी होने की संभावना है।
24 घंटे में AQI में और वृद्धि की आशंका
विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक दिल्ली का AQI बेहद खराब श्रेणी में ही रहेगा। वेंटिलेशन इंडेक्स (Ventilation Index) शुक्रवार को 2000 घनमीटर प्रति सेकंड दर्ज किया गया, जबकि अगले 24 घंटों में यह 3100 घनमीटर प्रति सेकंड तक पहुंचने की संभावना है। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि प्रदूषण का फैलाव होगा और शहर में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
इसके अलावा, डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को हवा में ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 11.049% रही, जबकि कूड़े को जलाने से होने वाले प्रदूषण का योगदान 1.053% था। इससे पहले बृहस्पतिवार को पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का योगदान 17.814% था, जो कि प्रदूषण में वृद्धि के मुख्य कारणों में से एक है।
प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर साफ नजर आ रहा है। सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, गले में खराश और अस्थमा जैसी बीमारियों से लोग परेशान हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक प्रदूषण से लंबी अवधि तक संपर्क में रहने से श्वसन प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से ही श्वसन समस्याओं से ग्रस्त लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों के अंदर रहें और अगर बाहर जाना जरूरी हो तो मास्क पहनकर ही बाहर निकलें। इसके अलावा, कसरत या शारीरिक गतिविधियां करने से बचें क्योंकि इससे श्वसन प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है।
सोमवार तक स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति में फिलहाल कोई खास सुधार होने की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, सोमवार तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रह सकती है। इसके बाद स्थिति में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन तब तक प्रदूषण का स्तर गंभीर हो सकता है।
वहीं, दिल्ली सरकार ने भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी है। सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाले कारकों, जैसे कि निर्माण कार्य, ट्रांसपोर्ट और खुले में कूड़ा जलाने पर कड़ी निगरानी रखने की बात की है। इसके अलावा, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए अतिरिक्त उपायों पर भी विचार किया जा रहा है।