अल्मोड़ा में जमीन विवाद में फंसे मनोज बाजपेयी, उत्तराखंड सरकार कर रही जांच
उत्तराखंड में बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। उनकी जमीन को लेकर एक विवाद सामने आया है, जो उत्तराखंड के कड़े भू-कानूनी नियमों के उल्लंघन का सवाल उठाता है। यह मामला अब राज्य सरकार की जांच के दायरे में आ चुका है, जिससे अभिनेता की कानूनी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
मनोज बाजपेयी, जो अपनी शानदार एक्टिंग से लाखों दिलों पर राज करते हैं, अब उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित एक संपत्ति के कारण सुर्खियों में हैं। खबरों के मुताबिक, अभिनेता ने अल्मोड़ा के कपकोट क्षेत्र में एक जमीन खरीदी थी, लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उन्होंने उत्तराखंड के भू-कानूनों का पालन करते हुए यह जमीन खरीदी थी या नहीं।
क्या है पूरा मामला?
मनोज बाजपेयी ने साल 2021 में अल्मोड़ा के कपकोट क्षेत्र में 2,160 वर्ग फीट (करीब 15 बीघा) की जमीन खरीदी थी। उनका उद्देश्य इस जमीन पर ध्यान और योग केंद्र का विकास करना था। हालांकि, अब तक इस जमीन पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य या विकास कार्य नहीं हुआ है। भूमि की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है, और इस संपत्ति के कानूनी पहलुओं की जांच के बाद यह मामला अब चर्चा में है।
उत्तराखंड सरकार ने इस संपत्ति की वैधता की जांच शुरू कर दी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मनोज बाजपेयी ने स्थानीय भू-कानूनी नियमों का पालन किया है या नहीं। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच की प्रक्रिया जारी है और यदि कोई उल्लंघन पाया जाता है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड का कड़ा भू-कानून
उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीदने को लेकर कड़े नियम हैं, और राज्य सरकार ने हाल ही में इस पर और अधिक सख्ती बढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 सितंबर को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत उत्तराखंड के नगर निकाय क्षेत्रों के बाहर बाहरी लोगों को 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि बिना अनुमति के खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, अगर कोई बाहरी व्यक्ति इस भूमि का उपयोग आवासीय निर्माण के लिए नहीं करता है तो यह भी कानून के खिलाफ माना जाएगा।
मनोज बाजपेयी के मामले में यह सवाल उठ रहा है कि उन्होंने क्या इस जमीन को अवैध रूप से खरीदा था, और क्या इसका उपयोग निर्धारित कानूनी मानकों के अनुसार किया जा रहा था। यदि यह साबित हो जाता है कि अभिनेता ने इस भूमि का उपयोग वैध तरीके से नहीं किया, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तराखंड सरकार की सख्ती
उत्तराखंड सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं कि बाहरी लोग राज्य की भूमि का उपयोग केवल कानूनी रूप से करें। इस सख्ती का उद्देश्य राज्य की प्राकृतिक धरोहर और भूमि संसाधनों की रक्षा करना है। इसके अलावा, राज्य सरकार चाहती है कि बाहरी निवेशक या नागरिक यहां की जमीन का उपयोग स्थानीय लोगों के हित में करें और उनका विकास हो।
इससे पहले भी उत्तराखंड में इस प्रकार के विवाद सामने आए हैं, जिसमें बाहरी लोगों ने बिना अनुमति के भूमि खरीदी थी। एक ऐसा ही विवाद 2006 में सामने आया था, जब रघुराज प्रताप सिंह की पत्नी भानवी सिंह ने कैंची धाम के सिल्टोना गांव में कृषि के लिए भूमि खरीदी थी, लेकिन वहां पर किसी भी प्रकार का काम नहीं हुआ। बाद में जांच में पाया गया कि यह संपत्ति भू-कानूनी नियमों का उल्लंघन करती थी, और अंत में राजस्व विभाग ने उस संपत्ति को जब्त कर लिया था।
मनोज बाजपेयी के करीबी सूत्रों का बयान
इस मामले में मनोज बाजपेयी के करीबी सूत्रों का कहना है कि अभिनेता ने इस भूमि को खरीदने से पहले सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया था और उन्हें इस प्रकार के किसी भी कानूनी विवाद का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनका कहना है कि मनोज बाजपेयी का उद्देश्य यहां एक ध्यान और योग केंद्र का निर्माण करना था, जो कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के बीच एक आदर्श स्थान हो सकता है।
हालांकि, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार द्वारा शुरू की गई जांच के बाद मनोज बाजपेयी के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं।
मनोज बाजपेयी की फिल्मों और आने वाले प्रोजेक्ट्स की चर्चा
इस बीच, मनोज बाजपेयी अपने फिल्मी करियर में लगातार व्यस्त हैं। वह इन दिनों अपनी बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज “फैमिली मैन 3” की शूटिंग कर रहे हैं, जो उनकी जबरदस्त एक्टिंग के लिए जानी जाती है। इस सीरीज के अगले सीजन में दर्शकों को एक नया और रोमांचक अनुभव मिलेगा।
इसके अलावा, वह शेखर कपूर की फिल्म “मासूम” में भी दिखाई देंगे, जिसमें उनके साथ शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह जैसे दिग्गज अभिनेता भी होंगे। इसके अलावा, वह “जोरम” और “भैया जी” जैसी फिल्मों में भी नजर आए थे, जिनमें उनके अभिनय को सराहा गया था।