PUNJAB : गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की धमकी से चुनावी माहौल में तनाव, चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई की
चंडीगढ़, पंजाब: पंजाब के डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से मैदान में उतरीं सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी के खिलाफ हाल ही में धमकी भरे कॉल आने से चुनावी माहौल गरमा गया है। ये धमकियाँ हरियाणा की जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की तरफ से मिली थीं, जिसके बाद पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग को इसकी शिकायत की गई। इस मामले में अब तक कई प्रशासनिक और सुरक्षा संबंधी कदम उठाए जा चुके हैं, और भारतीय निर्वाचन आयोग ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।
कांग्रेस उम्मीदवार को धमकियों के बाद उठाए गए प्रशासनिक कदम
डेरा बाबा नानक सीट पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी मैदान में हैं। सांसद सुखjिंदर रंधावा ने हाल ही में आरोप लगाया था कि उन्हें और उनके समर्थकों को गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया द्वारा धमकी भरे कॉल किए गए थे। इन धमकियों के कारण रंधावा ने चिंता जताई और मामले की जांच के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) और पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को शिकायत भेजी।
सुखजिंदर रंधावा का कहना था कि यह धमकियाँ राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकती हैं और उनका उद्देश्य चुनावी माहौल को प्रभावित करना है। रंधावा ने यह भी आरोप लगाया कि धमकी देने वाले गैंगस्टर का इस पूरी घटना में एक महत्वपूर्ण हाथ हो सकता है, जो पहले भी विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है।
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भेजा पत्र
गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की धमकी के बाद, पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर गैंगस्टर पर कड़ी निगरानी रखने की सिफारिश की। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने हरियाणा प्रशासन से अनुरोध किया है कि वह भगवानपुरिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप से बचने के लिए विशेष निगरानी रखें।
सिबिन सी ने कहा, “चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चलाना हमारी प्राथमिकता है। हमें उम्मीद है कि हरियाणा सरकार गैंगस्टर के खिलाफ आवश्यक कदम उठाएगी ताकि चुनावी माहौल शांतिपूर्ण रहे और कोई भी बाहरी तत्व चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप न कर सके।”
निर्वाचन आयोग ने की सख्त कार्रवाई
इस मामले में निर्वाचन आयोग ने जल्द ही कार्रवाई करते हुए डेरा बाबा नानक हलके के डीएसपी को उनके पद से हटा दिया। यह कदम गैंगस्टर द्वारा की गई धमकियों की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया। निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया कि चुनाव के दौरान कोई भी पक्ष किसी भी तरह के दबाव या हिंसा का शिकार न हो।
निर्वाचन आयोग का कहना था कि पंजाब के चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए यह जरूरी था कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। डीएसपी का निलंबन इस बात को सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि वह आरोपित घटनाओं के बाद पूरी तरह से निष्पक्ष और जिम्मेदार तरीके से अपनी ड्यूटी निभा सके।
डेरा बाबा नानक उपचुनाव की राजनीतिक महत्ता
पंजाब के डेरा बाबा नानक सीट पर उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह सीट पंजाब विधानसभा के एक अहम हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, और पार्टी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी के लिए यह चुनावी मैदान में एक बड़ी चुनौती है, जहां एक ओर उन्हें अपने पति के नाम और पार्टी की छवि को बचाना है, वहीं दूसरी ओर उन्हें सत्ता में वापस आने की कोशिश कर रही विपक्षी पार्टियों के खिलाफ भी प्रतिस्पर्धा करनी है।
गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया का कनेक्शन
गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया, जो वर्तमान में हरियाणा की एक जेल में बंद है, का नाम पिछले कुछ वर्षों में कई आपराधिक घटनाओं में उभर कर आया है। वह पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। उसकी धमकियों और आपराधिक गतिविधियों का असर अब पंजाब के चुनावी माहौल पर भी पड़ रहा है। इसके अलावा, उसके गिरोह के सदस्य पंजाब में विभिन्न स्थानों पर सक्रिय हैं, जो चुनावी प्रक्रिया में अव्यवस्था पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं।
भगवानपुरिया का गिरोह पहले भी पंजाब में कई हिंसक घटनाओं और रंगदारी के मामलों में लिप्त रहा है, और अब उसकी धमकियों से चुनावी माहौल में तनाव पैदा हो गया है। इससे पहले भी पंजाब में चुनावों के दौरान गैंगस्टरों के प्रभाव को लेकर कई बार चिंताएं जताई जा चुकी हैं। चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए गैंगस्टरों का इस तरह से सक्रिय होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरे की घंटी है।
चुनावी प्रक्रिया पर असर
गैंगस्टर से मिल रही धमकियों और निर्वाचन आयोग द्वारा की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रहा है। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनावी प्रक्रिया स्वतंत्र, निष्पक्ष और हिंसा से मुक्त हो। ऐसे में प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चुनौती बनी हुई है कि वे चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखें और किसी भी बाहरी दबाव से बचें।
चुनाव आयोग द्वारा की गई कार्रवाई और पंजाब प्रशासन की तरफ से दिए गए निर्देशों के बाद अब चुनावी माहौल में थोड़ी राहत महसूस की जा सकती है। हालांकि, यह चुनावी संघर्ष अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, और सभी राजनीतिक दलों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे चुनावी प्रक्रिया में अपनी ताकत लगाए बिना केवल लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला करें।
निष्कर्ष
पंजाब के डेरा बाबा नानक उपचुनाव में धमकी भरे कॉल और गैंगस्टर से जुड़े मामलों के सामने आने के बाद चुनावी प्रक्रिया में तनाव बढ़ा है। हालांकि, चुनाव आयोग और पंजाब सरकार की तरफ से कड़ी कार्रवाई किए जाने के बाद अब चुनावी माहौल में कुछ सुधार हो सकता है। यह घटनाक्रम यह दर्शाता है कि पंजाब में चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के प्रयासों के खिलाफ प्रशासन और निर्वाचन आयोग की प्रतिक्रिया तेज और निर्णायक होनी चाहिए, ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।