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दिव्यांगों और हाथ खो चुके लोगों के लिए खास आविष्कार ‘राइट बॉडी डिवाइस’ से अब बिना सॉल्वर के परीक्षा में होंगे उत्तर

दिव्यांगों और हाथ खो चुके लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें परीक्षा कक्ष में सॉल्वर साथ लेकर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। मेरठ के एमआईईटी कॉलेज के बीटेक के छात्र हर्ष चौहान ने एक अभिनव तकनीकी समाधान पेश किया है, जिसे ‘राइट बॉडी डिवाइस’ कहा जाता है। यह डिवाइस दिव्यांग छात्रों और दुर्घटनाओं के कारण हाथ खो चुके व्यक्तियों को परीक्षाओं में खुद से लिखने में सक्षम बनाएगी।

‘राइट बॉडी डिवाइस’ क्या है?

‘राइट बॉडी’ एक पोटेबल पेन है, जो आवाज के माध्यम से लिखने की क्षमता रखता है। यानी, यदि किसी दिव्यांग छात्र या व्यक्ति के पास हाथ नहीं हैं, तो वह डिवाइस के माध्यम से अपनी आवाज से सवालों के जवाब लिख सकता है। इस डिवाइस को सुनकर लिखने वाली तकनीक के आधार पर डिज़ाइन किया गया है, जो छात्र की बोली गई बातों को समझकर उन्हें उत्तरपुस्तिका में उतार देती है।

यह तकनीक उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी, जिनके पास हाथ नहीं हैं या जिन्हें परीक्षा कक्ष में किसी कारणवश सॉल्वर की आवश्यकता होती है। अब यह डिवाइस ही उनकी मदद करेगी और सवालों के जवाब लिखने में उनका सहयोग करेगी।

हर्ष चौहान की सोच और समाधान

हर्ष चौहान ने इस डिवाइस का निर्माण तब शुरू किया जब उन्होंने एक आम समस्या का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। उन्होंने महसूस किया कि दिव्यांग छात्रों को अक्सर परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए सॉल्वर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, उन लोगों को भी परीक्षा देने में कठिनाई होती है, जिनके हाथ में चोट लगने के कारण वे खुद नहीं लिख पाते। हर्ष ने बताया, “यह एक ऐसी समस्या थी, जो दिव्यांगों और दुर्घटना से पीड़ित लोगों को परीक्षा में भाग लेने में मदद करने के लिए लंबे समय से सुलझाई जानी चाहिए थी।”

वह बताते हैं कि कई बार दुर्घटनाओं के कारण हाथ में फैक्चर हो जाने पर, छात्रों को परीक्षा देने के लिए सॉल्वर की खोज करनी पड़ती है। इस स्थिति में, उन्हें अपने से छोटे कक्षा के छात्रों को सॉल्वर के रूप में चुनना पड़ता है, जो उनके लिए बहुत ही असहज और समस्या उत्पन्न करने वाला होता है। लेकिन ‘राइट बॉडी डिवाइस’ के आने के बाद, अब इन सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

डिवाइस का कार्यप्रणाली और लाभ

हर्ष के अनुसार, ‘राइट बॉडी डिवाइस’ बेहद सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल है। इस डिवाइस को इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले छात्र को अपनी पसंदीदा भाषा का चयन करना होगा। इसके बाद, वह अपनी बोली से प्रश्नों के उत्तर देगा और डिवाइस उसे लिखेगा। डिवाइस की तकनीक इतनी उन्नत है कि यह छात्र के द्वारा बोले गए प्रत्येक शब्द को सही तरीके से पहचानती है और उसे उत्तरपुस्तिका में लिख देती है।

प्रमुख विशेषताएँ

  1. स्मार्ट भाषा चयन: यह डिवाइस विभिन्न भाषाओं में काम करती है। छात्र अपनी पसंदीदा भाषा में उत्तर दे सकता है, और डिवाइस उसे सही ढंग से लिखने का कार्य करती है।
  2. आवाज से लेखन: यह डिवाइस केवल आवाज को सुनकर उत्तर लिखने में सक्षम है, जिससे दिव्यांग छात्रों को बिना सॉल्वर की मदद से परीक्षा देने में कोई कठिनाई नहीं होती।
  3. त्रुटि सुधार: यदि किसी उत्तर में कोई गलती हो जाती है, तो डिवाइस उस उत्तर को सही करने की सुविधा भी प्रदान करती है। छात्र वापस उस पेज पर जाकर गलती को सुधार सकता है।
  4. पोर्टेबल और हल्का: यह डिवाइस बेहद हल्की और पोर्टेबल है, जिसे कहीं भी ले जाया जा सकता है।
  5. सीमित लागत: हर्ष ने इसे सस्ते में तैयार करने का प्रयास किया है, ताकि यह सभी दिव्यांग छात्रों के लिए उपलब्ध हो सके।

पेटेंट और व्यापार में उपलब्धता

हर्ष चौहान ने यह भी बताया कि उन्होंने राइट बॉडी डिवाइस को पेटेंट कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, और अब पेटेंट मिलते ही इसे बाजार में उपलब्ध करा दिया जाएगा। पेटेंट प्रक्रिया में लगभग कोई बाधा नहीं आई है, और उन्हें उम्मीद है कि यह डिवाइस जल्दी ही आम जनता के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

इस डिवाइस के निर्माण के साथ ही एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय) द्वारा हर्ष को 18 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी दी गई है, जिससे उनका प्रोडक्ट और भी बेहतर हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि उनके कई अन्य स्टार्टअप्स को राज्यपाल से पुरस्कार मिल चुका है, और अब उनका यह नया आविष्कार भी समाज में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।

तकनीकी विकास और सामाजिक प्रभाव

हर्ष चौहान के इस नवाचार ने समाज में तकनीकी विकास और समाज कल्याण दोनों ही मोर्चों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दिव्यांग छात्रों के लिए यह डिवाइस एक सशक्तिकरण की तरह कार्य करेगी। इसके माध्यम से वे बिना किसी बाहरी मदद के अपनी परीक्षाओं में भाग ले सकेंगे, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता में वृद्धि होगी।

इस डिवाइस का समाज में व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है। अब दिव्यांग व्यक्ति अपनी पढ़ाई में कोई भी रुकावट महसूस नहीं करेंगे और न ही उन्हें अपनी सीमाओं के कारण खुद को निचला महसूस करना पड़ेगा। यह डिवाइस उन्हें समाज में एक समान दर्जा देने का काम करेगी, और यह उन्हें अपनी पढ़ाई में सफलता हासिल करने का अवसर प्रदान करेगी।

भविष्य की योजनाएँ और विस्तार

हर्ष ने कहा कि भविष्य में ‘राइट बॉडी डिवाइस’ का विस्तार कई अन्य क्षेत्रों में भी किया जा सकता है, जैसे कि स्वयं-चालित वाहन, स्मार्ट होम उपकरण, और वॉयस-आधारित क्यूए सिस्टम। उनका उद्देश्य इस डिवाइस को और भी अधिक कार्यक्षमता से लैस करना है, ताकि यह और अधिक दिव्यांगों की मदद कर सके।

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