भराड़ीसैंण में CM धामी ने मॉर्निंग वॉक पर निकलकर विकास कार्यों का लिया फीडबैक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों दो दिवसीय दौरे पर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में हैं। गुरुवार को उन्होंने अपनी दिनचर्या की शुरुआत मॉर्निंग वॉक से की और इस दौरान स्थानीय लोगों से मिलकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों पर फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा परिसर में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को कार्यों में गति लाने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए।
सीएम धामी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार भराड़ीसैंण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए लगातार काम कर रही है, और इसमें सड़क और हवाई कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि विकास कार्यों में तेजी लाई जाए और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण काम किया जाए।
मुख्यमंत्री का विकास कार्यों पर फीडबैक
मुख्यमंत्री ने गुरुवार सुबह विधानसभा परिसर और उसके आसपास के क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से मिलकर प्रशासन द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का फीडबैक लिया और यह सुनिश्चित किया कि इन कार्यों से स्थानीय लोगों को अधिकतम लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर परियोजना का समय पर और उच्च मानक पर कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
“हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि उत्तराखंड का समग्र विकास हो, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों का। सड़क और हवाई कनेक्टिविटी से इस क्षेत्र का विकास सुनिश्चित होगा,” सीएम धामी ने कहा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण में सड़क निर्माण कार्यों और अन्य अवसंरचनाओं के विस्तार के संदर्भ में अधिकारियों से चर्चा की और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि इन योजनाओं की प्रगति शीघ्रता से हो।
भू-कानून और पलायन पर गंभीर मंथन
मुख्यमंत्री धामी ने बुधवार को शासन के उच्चाधिकारियों की टीम के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में भराड़ीसैंण विधानसभा में पलायन और भू-कानून पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के भू-कानून को लेकर अपनी गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह कानून जनभावनाओं के अनुरूप होगा और स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा।
“हम भू-कानून को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं। राज्य में लागू होने वाले इस कानून का उद्देश्य न केवल भूमि संरक्षण बल्कि स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा करना है,” सीएम धामी ने कहा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भू-कानून पर तैयार किए जाने वाले ड्राफ्ट पर जनता से सुझाव लिए जाएंगे और एसडीएम तथा तहसीलदार स्तर पर इस विषय पर जन जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। यह ड्राफ्ट स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं और विकास की दिशा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा।
पलायन रोकने के लिए सशक्त योजनाओं का ऐलान
मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते पलायन पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह राज्य सरकार के लिए एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने विधानसभा में पलायन निवारण आयोग की बैठक में भी हिस्सा लिया, जिसमें पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई।
सीएम धामी ने कहा, “हम पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करेंगे। राज्य सरकार इस समस्या को लेकर बहुत गंभीर है और इसे रोकने के लिए कई योजनाओं पर काम हो रहा है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने पहाड़ों से खाली हो रहे गांवों को गोद लेने का भी विचार किया है, जिससे गांवों का पुनर्निर्माण हो सके और स्थानीय लोगों को पुनः वहां बसने के लिए प्रेरित किया जा सके। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की।
शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे का सुधार
मुख्यमंत्री ने पलायन रोकने के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में निरंतर विकास कार्य चल रहे हैं, ताकि स्थानीय लोग इन सेवाओं का लाभ उठा सकें और पलायन के कारण पैदा होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।
सीएम धामी ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आधारभूत ढांचे के विकास के लिए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके तहत, रोजगार सृजन की नई योजनाओं पर काम किया जाएगा, ताकि पहाड़ी इलाकों में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें।
आगामी विधानसभा सत्र में भू-कानून विधेयक पेश होगा
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार भराड़ीसैंण विधानसभा में भू-कानून का विधेयक पेश करेगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक स्थानीय लोगों की भावनाओं और जरूरतों के अनुरूप होगा और राज्य के विकास के लिए एक मजबूत कदम साबित होगा।
“हमारे प्रयासों का उद्देश्य पहाड़ी इलाकों में जीवन को आसान बनाना और यहां के निवासियों को सशक्त बनाना है। यह भू-कानून स्थानीय लोगों की संपत्ति के अधिकारों की सुरक्षा करेगा और इसके साथ ही उत्तराखंड के समग्र विकास को भी गति प्रदान करेगा,” सीएम धामी ने कहा।