Uttarakhand

DEHRADUN : DM सविन बंसल के आदेश पर हुआ बड़ा फैसला, 11 बजे के बाद कोई बार नहीं चलेगा

देहरादून: देहरादून जिला प्रशासन ने बार और पब संचालन के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की संस्तुति के बाद आबकारी सचिव ने देहरादून-मसूरी रोड स्थित हयात होटल के बार का लाइसेंस 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे कर दिया है। अब होटल के बार में शराब की बिक्री सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक ही हो सकेगी। यह कदम राज्य में बढ़ते कानून उल्लंघन के मामलों के बाद लिया गया है, जहां कई बार और पब निर्धारित समय के बाद भी खुले रहते थे।

रात 11 बजे के बाद शराब के सेवन पर सख्ती

देहरादून में पिछले कुछ समय से यह देखा जा रहा था कि कई बार और पब देर रात तक शराब परोसते थे, जो आबकारी नीति का उल्लंघन था। जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट किया कि अब रात 11 बजे के बाद किसी भी बार, पब या क्लब को संचालित करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हमारे शहर में सुरक्षा और शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। शराब परोसने का समय सीमित किया गया है ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।”

हाल ही में, देहरादून जिला प्रशासन ने ऐसे कई बार और पब पर छापेमारी की थी, जो निर्धारित समय के बाद खुले पाए गए थे। इन छापेमारी के दौरान ब्रिस्टल बार, राल्फ क्लब, और रियोन टुकड़ा बार जैसे प्रतिष्ठान शामिल थे, जिनके लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित कर दिए गए थे।

जिलाधिकारी के नेतृत्व में छापेमारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने हाल ही में देहरादून में बीयर बार और पबों पर एक बड़ी छापेमारी की थी। पांच अलग-अलग टीमें पूरे शहर में रातभर छापेमारी करती रहीं, जिसमें अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, और नगर मजिस्ट्रेट भी शामिल थे।

इस दौरान ब्रिस्टल बार रतन पैलेस रात 11:22 बजे तक खुला मिला, राल्फ क्लब टेडी ब्याय बार जाखन रात 12 बजे तक संचालित हो रहा था, जबकि रियोन टुकड़ा बार यू एंड जी फूड बेवरेज राजपुर रोड रात 11:45 बजे तक चालू था। इन बारों में शराब सेवन जारी था, जबकि ये सभी नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा, “हमारी आबकारी नीति के अनुसार, राज्य में बार का संचालन केवल सुबह 11:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक ही किया जा सकता है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित बार-पब का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है।”

बढ़ते विवाद और नशे के मामलों पर प्रशासन की सख्ती

देहरादून में नियमों के उल्लंघन के बाद जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में इस तरह के मामलों पर और सख्ती से काम किया जाएगा। हालांकि, स्थानीय लोग इस बात से भी परेशान हैं कि केवल बार और पब ही नहीं, बल्कि हुक्काबार भी खुलेआम अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को इन हुक्काबारों के बारे में सब कुछ मालूम है, लेकिन इन प्रतिष्ठानों के मालिकों के राजनीतिक और सामाजिक रसूख के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “यह बहुत ही निराशाजनक है कि प्रशासन केवल कुछ बारों पर ही कार्रवाई कर रहा है, जबकि कई और बार और हुक्काबार खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।”

नेताजी के लाडले की राजनीति में दखल

बार और पब संचालकों पर कार्रवाई के बीच एक दिलचस्प मोड़ सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, एक बड़े नेता के बेटे का नाम चर्चा में आया है, जो इन बार-पब और हुक्काबार संचालकों से करीबी संबंध रखता है। कहा जा रहा है कि नेता जी के लाड़ले ने छापेमारी के बाद प्रशासन पर दबाव डाला था कि कार्रवाई को यहीं तक सीमित रखा जाए और भविष्य में कोई और बड़ी कार्रवाई न की जाए।

यह मामला अब राजनीतिक गलियारों में गर्मा गया है। सूत्रों का कहना है कि शहर के कई बड़े बार-पब संचालकों को नेता जी के बेटे की मदद प्राप्त है, और वह अपनी सियासी ताकत का इस्तेमाल कर बार-पबों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। देहरादून में कई जगहों पर इस नेता के परिवार की प्रॉपर्टी और बार-पब भी हैं, जिनके खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन की चुनौती

देहरादून का प्रशासन इस समय एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। एक ओर तो उसे राज्य में शराब नीति का पालन करवाना है, वहीं दूसरी ओर उसे उन लोगों के खिलाफ भी कदम उठाने हैं जिनके पास राजनीतिक ताकत है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके, चाहे उनके पास कितना भी राजनीतिक प्रभाव क्यों न हो।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button