PUNJAB : राहुल गांधी का अमृतसर दौरा श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने के बाद विवाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सोमवार की देर शाम पंजाब के अमृतसर पहुंचे और श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने के बाद गुरबाणी कीर्तन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने संगत को पानी पिलाने की सेवा भी की। हालांकि, इस दौरे के दौरान एक महिला श्रद्धालु ने राहुल गांधी को विशेष सुरक्षा प्रदान किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और मीडिया के सामने अपनी आपत्ति जाहिर की। महिला का कहना था कि राहुल गांधी को आम श्रद्धालुओं की तरह गुरु घर में आकर माथा टेकना चाहिए था, न कि उन्हें विशेष ट्रीटमेंट दिया जाना चाहिए।
यह घटना इस समय सामने आई जब पंजाब में 20 नवंबर को चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने वाले हैं। इस दौरे से पहले राहुल गांधी ने पंजाब के वोटरों को संदेश देने की कोशिश की कि कांग्रेस पार्टी हमेशा पंजाब और पंजाबियों के साथ खड़ी रही है और उनका समर्थन करती है। लेकिन इस दौरान एक महिला श्रद्धालु का गुस्से में आकर यह कहना कि क्या राहुल गांधी गुरु नानक देव जी से बड़े हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और यह विवाद का कारण बना।
राहुल गांधी का अमृतसर दौरा और श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकना
सोमवार को राहुल गांधी अपने एक निजी विमान से झारखंड से सीधा अमृतसर पहुंचे। यहां उनका स्वागत कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने किया, जिसमें कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला, पूर्व डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी, जिला अध्यक्ष अश्वनी कुमार पप्पू, पूर्व विधायक जुगल किशोर शर्मा और सुनील दत्ती शामिल थे। हालांकि, राहुल गांधी ने इस दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी और किसी भी प्रकार के बयान से बचते हुए केवल श्री हरमंदिर साहिब में श्रद्धा भाव से माथा टेका।
राहुल गांधी ने धार्मिक भावनाओं के साथ श्री हरमंदिर साहिब में दर्शन किए, जहां उन्होंने पहले माथा टेका, फिर गुरबाणी कीर्तन सुना और उसके बाद संगत को पानी पिलाने की सेवा की। यह एक धार्मिक और प्रतीकात्मक दौरा था, जो राहुल गांधी के लिए पंजाब में सिख समुदाय के बीच समर्थन बनाने का एक अवसर था। राहुल गांधी का यह कदम कांग्रेस पार्टी के लिए खास था क्योंकि आगामी उपचुनाव में सिखों के वोट महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
महिला श्रद्धालु ने जताई नाराजगी
राहुल गांधी के श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने और जल सेवा करने के बाद एक महिला श्रद्धालु ने मीडिया के सामने अपना गुस्सा जाहिर किया। महिला का कहना था, “राहुल गांधी को विशेष सुरक्षा के साथ लाया गया है, जबकि गुरु घर में सभी को समान मानकर आना चाहिए। क्या वह गुरु नानक देव जी से बड़े हैं?” महिला का आरोप था कि राहुल गांधी को केवल चार लोगों की सुरक्षा के साथ आना चाहिए था, न कि एक बड़ी सिक्योरिटी टीम के साथ।
महिला के गुस्से के बावजूद वहां मौजूद अन्य लोग उसे शांत करते हुए दिखाई दिए। महिला की आपत्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिस पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग महिला की बातों से सहमत नजर आए, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक साजिश बताया।
यह घटना एक तरफ जहां सिख समुदाय के भीतर एक छोटी सी प्रतिक्रिया का कारण बनी, वहीं दूसरी ओर यह भी दिखाता है कि पंजाब में धार्मिक और राजनीतिक संवेदनशीलता को लेकर कितना अधिक ध्यान दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 20 नवंबर को पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में राहुल गांधी का यह दौरा और उनके द्वारा किया गया धार्मिक कार्य कांग्रेस के पक्ष में एक सकारात्मक संदेश देने के लिए था।
कांग्रेस और पंजाब के सिख समुदाय के बीच संबंध
राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस ने हमेशा यह दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी सिखों की दुश्मन नहीं है, जैसा कि विरोधी दलों द्वारा प्रचारित किया जाता है। पंजाब में सिखों के बीच कांग्रेस पार्टी का इतिहास कुछ विवादास्पद रहा है, खासकर 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद से। हालांकि, पार्टी ने लगातार यह प्रयास किया है कि वह सिख समुदाय के साथ अपने रिश्तों को सुधार सके और उन्हें भरोसा दिला सके कि कांग्रेस हमेशा उनकी भलाई के लिए काम करेगी।
राहुल गांधी का श्री हरमंदिर साहिब में बार-बार आना और वहां माथा टेकना यही संदेश देने की कोशिश है कि गांधी परिवार का सिखों के खिलाफ कोई नकारात्मक रुख नहीं है। राहुल गांधी ने खुद भी कई बार यह कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने सिखों के लिए हमेशा कार्य किए हैं और आने वाले समय में भी यह पार्टी पंजाब और पंजाबियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरे के दौरान राहुल गांधी ने यह भी संदेश दिया कि कांग्रेस पार्टी सिखों के खिलाफ नहीं है, जैसा कि उनके विरोधी दलों ने प्रचारित किया है।
उपचुनाव और कांग्रेस की रणनीति
20 नवंबर को होने वाले पंजाब के चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हैं। पार्टी ने इस चुनावी अभियान में अपने नेताओं को मैदान में उतारकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। राहुल गांधी के अमृतसर दौरे का उद्देश्य यही था कि वह सिख समुदाय के बीच अपनी छवि को सुधार सकें और यह संदेश दे सकें कि उनकी पार्टी सिखों के साथ खड़ी है।
कांग्रेस पार्टी जानती है कि इन उपचुनावों में सिख समुदाय का वोट अहम होगा, खासकर श्री हरमंदिर साहिब जैसे धार्मिक स्थल पर माथा टेकने और जल सेवा करने से उन्हें यह संदेश मिलेगा कि कांग्रेस पार्टी उनके लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, इस दौरे के दौरान हुई नाराजगी और विवाद ने पार्टी के लिए थोड़ा मुश्किल माहौल पैदा किया है, लेकिन पार्टी ने इस पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है।