राजाजी टाइगर रिजर्व चीला रेंज में ऑनलाइन सफारी बुकिंग का बढ़ता क्रेज, 70% पर्यटक अब घर बैठे कर रहे बुकिंग
राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में जंगल सफारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में जहां सैलानी गेट पर पहुंचकर ऑफलाइन बुकिंग करते थे, अब लगभग 70 फीसदी सैलानी ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं। इस नए ट्रेंड ने न केवल पर्यटकों के लिए सफारी को अधिक सुविधाजनक बना दिया है, बल्कि रिजर्व के अधिकारियों और जिप्सी संचालकों के लिए भी यह एक अच्छे संकेत के रूप में सामने आया है।
बढ़ता हुआ ऑनलाइन बुकिंग का ट्रेंड
राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला रेंज में जंगल सफारी का क्रेज लगातार बढ़ रहा है, खासकर इस साल के पर्यटकों की संख्या में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। रिजर्व प्रशासन ने सफारी के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बुकिंग की सुविधा दी है, लेकिन इस बार ऑनलाइन बुकिंग का चलन काफी बढ़ गया है। पिछले साल तक केवल 30 फीसदी सैलानी ही ऑनलाइन बुकिंग करते थे, जबकि बाकी 70 फीसदी लोग गेट से टिकट खरीदते थे।
इस साल, ऑनलाइन बुकिंग का आंकड़ा 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि ऑनलाइन बुकिंग से पर्यटकों का समय बचता है और वे बिना किसी परेशानी के सफारी का आनंद ले सकते हैं। साथ ही, यह प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक साबित हो रही है, क्योंकि लोग अपने घर से ही टिकट बुक करके सफारी के लिए जा सकते हैं।
60 जिप्सी की अनुमति, जिप्सी संचालकों में उत्साह
राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में हर दिन जंगल सफारी के लिए अधिकतम 60 जिप्सी की अनुमति है। इनमें से 30 जिप्सी सुबह की पाली में और 30 जिप्सी शाम की पाली में सफारी के लिए भेजी जाती हैं। सफारी के दौरान, पर्यटक यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, हाथियों, बाघों, गुलदारों और अन्य जंगली प्रजातियों को नजदीक से देख सकते हैं।
15 नवंबर से 17 नवंबर के बीच के आंकड़ों के अनुसार, पहले तीन दिनों में सुबह और शाम की पाली के लिए अधिकांश जिप्सी ऑनलाइन बुक हो चुकी थीं। 15 नवंबर को सुबह की पाली में 11 जिप्सी और शाम की पाली में 29 जिप्सी जंगल सफारी के लिए गईं। अगले दिन, 16 नवंबर को सुबह 30 जिप्सी और शाम को 29 जिप्सी सफारी पर निकलीं। 17 नवंबर को सुबह 25 जिप्सी और शाम को 30 जिप्सी की सफारी ने दर्शाया कि अधिकतर पर्यटक अब ऑनलाइन बुकिंग ही करना पसंद कर रहे हैं।
जिप्सी संचालकों और रिजर्व के अधिकारियों के चेहरों पर इस बढ़ी हुई बुकिंग के कारण खुशी का माहौल है, क्योंकि यह न केवल उनके व्यवसाय के लिए फायदेमंद है, बल्कि पर्यटकों के बढ़ते रुझान को भी दर्शाता है।
ऑनलाइन बुकिंग की बढ़ती जागरूकता
ऑनलाइन बुकिंग का बढ़ता चलन एक और सकारात्मक बात को उजागर करता है – सैलानियों की जागरूकता में वृद्धि। अब लोग समझने लगे हैं कि ऑनलाइन बुकिंग करने से उन्हें न सिर्फ समय की बचत होती है, बल्कि इससे उन्हें सफारी की पुष्टि भी मिल जाती है।
सरिता भट्ट, चीला रेंज की वार्डन, इस बढ़ती हुई ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा पर कहती हैं, “ऑनलाइन बुकिंग कराने से पर्यटकों का समय बच जाता है। उन्हें सिर्फ गेट पर आकर जिप्सी लेनी होती है और फिर ऑनलाइन बुकिंग स्लिप के जरिए सफारी का आनंद ले सकते हैं। इससे न केवल उनके लिए सफारी को आसान बनाया गया है, बल्कि रिजर्व प्रशासन को भी सफारी संचालन में मदद मिल रही है।”
वहीं, शशि राणा कोटी, सफारी वेलफेयर सोसाइटी के सचिव, ने बताया, “पिछले साल के मुकाबले इस साल ऑनलाइन टिकट बुकिंग कराने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है। इससे पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। शुरुआत बहुत अच्छी रही है, और हमें उम्मीद है कि पूरा सीजन भी अच्छा रहेगा।”
ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट: कैसे करें बुकिंग
राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में जंगल सफारी के लिए अब ऑनलाइन बुकिंग का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। पर्यटक अब आसानी से घर बैठे अपनी सफारी के लिए टिकट बुक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें केवल राजाजी टाइगर रिजर्व की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है।
राजाजी टाइगर रिजर्व की आधिकारिक वेबसाइट rajajitigerreserve.co.in पर जाकर कोई भी व्यक्ति अपनी सफारी के लिए ऑनलाइन बुकिंग कर सकता है। वेबसाइट पर जाने के बाद, पर्यटकों को सफारी के लिए उपलब्ध समय, तारीख और पाली का चुनाव करना होता है, जिसके बाद वे अपनी टिकट बुक कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि इस ऑनलाइन बुकिंग पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है।
जंगल सफारी की लोकप्रियता
चीला रेंज, जो कि अपने हाथियों के लिए प्रसिद्ध है, बाघों, गुलदारों और पक्षियों के कई दुर्लभ प्रजातियों का घर भी है, सैलानियों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र बन चुका है। वाइल्ड लाइफ प्रेमी यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, घने जंगलों, और जंगली जानवरों का दीदार करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
इसी कारण, चीला रेंज की सफारी अब पहले से कहीं अधिक लोकप्रिय हो गई है। लोग यहां न केवल जंगल सफारी के लिए आते हैं, बल्कि वे इस क्षेत्र के वन्य जीवन, वनस्पति और जैव विविधता का अनुभव लेने के लिए भी इस क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। विशेषकर बाघों और हाथियों को देखने का अनुभव यहां के सैलानियों को आकर्षित करता है।