Uttarakhand

उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने दिल्ली में ग्रैप 4 पॉलिसी लागू होने पर यात्रियों की सुविधा के लिए उठाए कदम

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने हाल ही में ग्रैप 4 (ग्रेडेड रिसपान्स एक्शन प्लान) पॉलिसी लागू की है। इसके अंतर्गत, बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस पृष्ठभूमि में उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने दिल्ली मार्ग पर अपनी बसों के संचालन में व्यवधान न उत्पन्न होने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन कदमों के माध्यम से उत्तराखण्ड परिवहन निगम का मुख्य उद्देश्य है कि दिल्ली और उत्तराखण्ड के बीच यात्री सेवा की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा उठाए गए कदम

उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने दिल्ली में लागू ग्रैप 4 पॉलिसी के प्रभाव को देखते हुए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

1. बीएस-6 सीएनजी बसों का संचालन

उत्तराखण्ड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 180 बीएस-6 सीएनजी बसें उपलब्ध हैं, जो दिल्ली मार्ग पर नियमित रूप से चल रही हैं। ये बसें न केवल पर्यावरण के लिहाज से सुरक्षित हैं, बल्कि दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से निर्धारित मानकों के अनुरूप भी हैं। सीएनजी बसों के संचालन से यात्रियों को आरामदायक यात्रा तो मिल ही रही है, साथ ही यह पर्यावरण के प्रति निगम की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।

2. वोल्वो बीएस-6 बसों का संचालन बढ़ाया

उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने 12 वोल्वो बीएस-6 मॉडल की बसों को दिल्ली मार्ग पर चलाने का निर्णय लिया है। इन बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं और उनका रिशिड्यूलिंग किया गया है, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। वोल्वो बसें अपनी उच्च गुणवत्ता और आरामदायक यात्रा के लिए प्रसिद्ध हैं, और इनका संचालन बढ़ने से यात्रियों की मांग पूरी की जा रही है।

3. नई बीएस-6 बसों का क्रय

उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने हाल ही में 130 नई बीएस-6 मॉडल की बसें खरीदी हैं, जिनमें से 77 बसों को पहले ही दिल्ली मार्ग पर चला दिया गया है। शेष 53 बसें भी शीघ्र ही दिल्ली मार्ग पर संचालित की जाएंगी। इन नई बसों के शामिल होने से यात्रा की गुणवत्ता और यात्रियों की सुविधा में और अधिक वृद्धि होगी। बीएस-6 मानक के तहत इन बसों का संचालन पर्यावरण के लिए सुरक्षित है और दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण में भी सहायक साबित होगा।

4. बसों के फेरे बढ़ाए गए

यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने सभी संचालित बसों के फेरे बढ़ा दिए हैं। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि यात्रियों को समय पर और अधिक बसें उपलब्ध हो सकें, और किसी प्रकार की भी भीड़-भाड़ या असुविधा से बचा जा सके। यह कदम यात्रियों को यात्रा में सुविधा और आराम देने के लिए उठाया गया है।

5. दिल्ली में प्रवेश नहीं करने वाली बसों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था

कुछ बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पा रही हैं। इन बसों के लिए उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने एक वैकल्पिक व्यवस्था की है। जिन बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है, उन्हें मोहननगर और कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश) के दिल्ली बॉर्डर पर भेजा जा रहा है। यहां से यात्रियों को दिल्ली के अंदर पहुंचाने के लिए डीटीसी की बसों का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली सड़क परिवहन निगम से समन्वय स्थापित किया गया है ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

6. डिपोज को अलर्ट मोड पर रखा गया

उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने अपने सभी डिपोज को अलर्ट मोड पर रखा है। इस कदम से निगम के अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने और त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलेगी। किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सकती है और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित की जा सकती है।

यात्रियों के लिए राहत

उत्तराखण्ड परिवहन निगम का मुख्य उद्देश्य यह है कि दिल्ली और उत्तराखण्ड के बीच यात्री सेवा में कोई भी विघ्न उत्पन्न न हो। निगम के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में ग्रैप 4 पॉलिसी लागू होने के बाद यात्रा में कोई भी कठिनाई नहीं आएगी, और यात्रियों को पूरी सुविधा दी जाएगी। उत्तराखण्ड परिवहन निगम का यह प्रयास है कि यात्रियों को उत्तराखण्ड से दिल्ली के बीच आवागमन में कोई भी समस्या न हो और यात्रा सुगम और निर्बाध बनी रहे।

साथ ही, निगम के अधिकारियों ने यह भी बताया कि स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है और यात्रियों के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यात्रियों के सुविधा के लिए किए गए उपायों का परिणाम यह है कि अब उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में यात्रा करना अधिक सुरक्षित और आरामदायक हो गया है।

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