PUNJAB महिला आयोग द्वारा सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी, डीजीपी को भेजी जाएगी शिकायत
पंजाब के जालंधर से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में, उन्होंने महिलाओं, ब्राह्मणों और जाटों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद पंजाब राज्य महिला आयोग ने चन्नी के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की चेतावनी दी है। महिला आयोग ने चन्नी को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, क्योंकि वह आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए। इस विवादित बयान को लेकर उनके खिलाफ पंजाब पुलिस के डीजीपी को शिकायत भेजने की योजना बनाई जा रही है।
गिद्दड़बाहा उपचुनाव के दौरान विवादित बयान
यह विवाद तब उठा जब चन्नी ने हाल ही में गिद्दड़बाहा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। जनसभा में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अमृता वड़िंग के समर्थन में भाषण दिया था, और इस दौरान उन्होंने महिलाओं, ब्राह्मणों और जाटों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। चन्नी ने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने यह “चुटकुला” चुनावी माहौल में सुना था और वह इसे सुनाते हुए भूल गए। इस बयान के बाद समाज के विभिन्न वर्गों में नाराजगी बढ़ी, खासकर महिला आयोग ने इसे गंभीरता से लिया और चन्नी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
महिला आयोग की कार्रवाई: नोटिस और पेश होने का आदेश
पंजाब राज्य महिला आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए चन्नी को दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किया। आयोग ने चन्नी से इस बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा था, और उन्हें आयोग के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया था। लेकिन, चन्नी ने न तो समय पर जवाब दिया और न ही आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए कोई कारण बताया। इस पर आयोग ने यह फैसला लिया कि अगर चन्नी फिर से पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आयोग का कहना है कि अब वह कुछ समय और इंतजार करेगा, और अगर चन्नी अपनी तरफ से कोई उत्तर या स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो इस मामले को डीजीपी (पंजाब पुलिस के महानिदेशक) के पास भेजा जाएगा, ताकि जांच की जा सके और उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके।
चन्नी ने माफी मांगी, लेकिन विवाद बढ़ता गया
चन्नी ने इस मामले में माफी मांगते हुए मीडिया से बातचीत की और कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी वर्ग को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने जो वाक्य चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, वह एक चुटकुला था जो उन्होंने हाल ही में सुना था। चन्नी ने कहा, “मेरी मंशा किसी समाज या वर्ग को अपमानित करने की नहीं थी। यह महज एक चुटकुला था जो मैंने चुनाव प्रचार के दौरान सुना और भूलवश बोल दिया।”
चन्नी ने यह भी कहा कि उनका परिवार उन्हें हमेशा दूसरे वर्गों का सम्मान करना सिखाता है और उनकी प्राथमिकता किसी को ठेस पहुंचाना नहीं है। “मेरे पिता ने हमेशा मुझे यह सिखाया कि हमें हर किसी का आदर करना चाहिए और झुककर चलना चाहिए,” चन्नी ने माफी मांगते हुए कहा।
इसके बावजूद, महिला आयोग ने उनके स्पष्टीकरण को पर्याप्त नहीं माना और उनकी माफी के बावजूद, मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई की योजना बनाई। आयोग का कहना है कि चन्नी के बयान ने समाज के एक बड़े हिस्से को ठेस पहुंचाई है, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पिछले विवादों की कड़ी में एक और बयान
यह पहला अवसर नहीं है जब सांसद चरणजीत सिंह चन्नी विवादों में फंसे हैं। इससे पहले, बीते लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने पंजाब की मशहूर महिला नेता बीबी जागीर कौर के साथ “बहन के नाते मजाक” किया था, जिसके बाद उन्हें महिला आयोग से नोटिस मिला था। इस बयान को लेकर भी कई सामाजिक संगठन और राजनीतिक पार्टियाँ आलोचना कर चुकी थीं। इसके अलावा, चन्नी को पूर्वांचल के लोगों के खिलाफ किए गए एक विवादित बयान के लिए भी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
उनके बयानों ने हमेशा चर्चा का विषय बनाया है और चन्नी अक्सर ऐसे विवादों के केंद्र में रहे हैं। हालांकि, उनकी राजनीति में प्रभावशाली स्थिति को देखते हुए, इन बयानों की प्रतिक्रियाएँ राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
महिला आयोग की भूमिका और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
महिला आयोग द्वारा की जा रही कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह स्पष्ट करता है कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महिला आयोग का यह कदम, जहां एक ओर समाज में संवेदनशीलता की आवश्यकता की ओर इशारा करता है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों के बीच भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।
कुछ विपक्षी दलों ने इस पूरे मामले में चन्नी के बयान की कड़ी आलोचना की है और इसे समाज के विभिन्न वर्गों को आहत करने वाला बताया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी, जिसके चन्नी एक प्रमुख नेता हैं, ने भी यह दावा किया है कि चन्नी के बयान का गलत मतलब निकाला गया है और वह हमेशा से सभी वर्गों का सम्मान करते आए हैं।