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भारत में पाम ऑयल का बढ़ता उपयोग पोषण से लेकर पर्यावरण पर असर ,जानिए कैसे बनता है यह तेल

भारत में खाद्य तेलों की खपत लगातार बढ़ रही है, और इसमें पाम ऑयल का हिस्सा सबसे बड़ा है। पाम ऑयल, जो दुनिया के सबसे सस्ते और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेलों में से एक है, अब भारतीय उपभोक्ताओं के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। चाहे घरों में खाना पकाना हो या अन्य घरेलू उत्पादों में इस्तेमाल, पाम ऑयल कहीं न कहीं हमारी रसोई और रोजमर्रा की जिंदगी में मौजूद है। हालांकि इसके फायदे हैं, लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग सेहत और पर्यावरण दोनों पर बुरा असर डाल सकता है।

पाम ऑयल के उत्पादन में लागत कम होती है, जो इसे भारतीय बाजार में अन्य तेलों की तुलना में अधिक किफायती बनाता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयातक है और यह वैश्विक खपत का लगभग 20% हिस्सा खपत करता है। हालांकि पाम ऑयल में कई पोषक तत्व होते हैं, लेकिन यह बहुत ज्यादा सेवन करने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर जब यह सैचुरेटेड फैट के उच्च स्तर के कारण दिल की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है।

पाम ऑयल की उत्पत्ति और निर्माण प्रक्रिया

पाम ऑयल ताड़ के पेड़ के फल से प्राप्त होता है, जिसे Elaeis guineensis के नाम से जाना जाता है। यह पेड़ खजूर के पेड़ जैसा दिखता है और इसका तेल निकालने के लिए फलों की लुगदी का इस्तेमाल किया जाता है। पाम ऑयल का रंग स्वाभाविक रूप से लाल होता है, और इसका कारण इसमें बीटा कैरोटीन की उच्च मात्रा है। बीटा कैरोटीन, जो विटामिन A का एक रूप है, शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। पाम ऑयल में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन E और कैरोटीन जैसे तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन जब इसे अत्यधिक मात्रा में खाया जाता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकता है।

भारत में पाम ऑयल का उपयोग

भारत में पाम ऑयल का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाद्य तेल के रूप में होता है, लेकिन इसके कई अन्य उपयोग भी हैं। भारत में आयातित खाद्य तेलों में पाम ऑयल का हिस्सा सबसे ज्यादा है, जो लगभग 60% है। इसके बाद सोयाबीन तेल का हिस्सा 25% और सूरजमुखी तेल का 12% है। पाम ऑयल की किफायती दर इसे भारतीय बाजार में अन्य तेलों की तुलना में अधिक लोकप्रिय बनाती है।

पाम ऑयल का इस्तेमाल सिर्फ खाद्य पदार्थों तक सीमित नहीं है। यह कई घरेलू उत्पादों में भी पाया जाता है, जैसे साबुन, शैंपू, डिटर्जेंट, और सौंदर्य प्रसाधन। यहां तक कि कई प्रकार के नूडल्स, पिज्जा, कुकीज़, आइसक्रीम और चॉकलेट में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। पाम ऑयल की स्थिरता और लंबे समय तक बने रहने की विशेषता इसे इन उत्पादों में उपयोग के लिए आदर्श बनाती है।

पाम ऑयल का इस्तेमाल करने वाले प्रमुख उत्पाद

1. फ्राइड फूड्स:

भारत में अधिकतर फ्राइड फूड्स, जैसे समोसा, पकौड़ी, और फ्रेंच फ्राइज में पाम ऑयल का मिश्रण किया जाता है। यह तेल गहरे तलने के दौरान ज्यादा स्थिर रहता है, जिससे यह अधिक उपयोगी होता है।

2. पिज्जा:

पिज्जा बनाने में पाम ऑयल का उपयोग मुख्य रूप से पिज्जा के टेक्सचर को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। यह पिज्जा को सिकुड़ने से बचाता है और इसके आटे को हल्का और मुलायम बनाए रखता है।

3. नूडल्स:

नूडल्स में पाम ऑयल की मात्रा लगभग 20% तक हो सकती है। यह नूडल्स को बनावट देने में मदद करता है और उन्हें चिपचिपा होने से बचाता है।

4. आइसक्रीम:

आइसक्रीम को स्मूथ और क्रीमी बनाने के लिए पाम ऑयल का उपयोग किया जाता है। यह आइसक्रीम के क्रिस्टलाइजेशन को रोकता है और इसकी कोमलता बनाए रखता है।

5. चॉकलेट:

चॉकलेट में पाम ऑयल का इस्तेमाल चमक बढ़ाने और इसे कमरे के तापमान पर पिघलने से रोकने के लिए किया जाता है। यह चॉकलेट को अधिक आकर्षक और लंबे समय तक ताजगी बनाए रखने में मदद करता है।

6. कुकीज़:

कुकीज़ में पाम ऑयल उपयोग होता है ताकि वह सेमी-सॉलिड स्थिति में बने रहें। यह कुकीज़ को कमरे के तापमान पर पिघलने से बचाता है और उनके क्रंची टेक्सचर को बनाए रखता है।

7. ब्रेड:

ब्रेड में पाम ऑयल का उपयोग इसे आकार बनाए रखने में मदद करता है। यह ब्रेड को लंबे समय तक ताजगी बनाए रखने में सहायक होता है।

8. शैंपू और साबुन:

पाम ऑयल का उपयोग शैंपू और साबुन में भी किया जाता है। शैंपू में यह कंडीशनर के रूप में काम करता है और बालों को प्राकृतिक तेल प्रदान करता है। साबुन में यह तेल साबुन के स्थायित्व और उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।

पाम ऑयल और पर्यावरण

पाम ऑयल के उत्पादन से जुड़े एक प्रमुख मुद्दे की बात करें तो वह है इसके उत्पादन के लिए जंगलों की सफाई। बड़े पैमाने पर पाम ऑयल के लिए भूमि को साफ किया जाता है, जिससे वन्यजीवों के आवास नष्ट हो रहे हैं और पर्यावरण पर भारी असर पड़ रहा है। इस प्रक्रिया से वनों की कटाई और कार्बन उत्सर्जन बढ़ने की संभावना रहती है, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसके अतिरिक्त, पाम ऑयल के उत्पादन में काम करने वाले कई श्रमिकों की खराब स्थिति भी एक चिंता का विषय है।

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