प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत उत्तराखंड को विशेष राहत, राज्य में घर बनाने वालों को अधिक अनुदान
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत उत्तराखंड में रहने वाले उन लोगों को विशेष राहत दी गई है, जो अपनी खुद की जमीन पर घर बनाने की योजना बना रहे हैं। केंद्रीय सरकार ने इस योजना के तहत अपने अंश को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.25 लाख रुपये कर दिया है। इस पहल से राज्य में घर बनाने वालों को अब अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे उनका सपना घर बनाने में और आसानी होगी। इस नई योजना में केंद्रीय और राज्य सरकार के अंश में भी बदलाव किया गया है, जिससे प्रदेश के नागरिकों को ज्यादा फायदा होगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत नए बदलाव
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि इस बार एफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम (एआरएच) पर खास ध्यान दिया गया है। इस योजना के तहत अब राज्यों को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने होंगे, जिसके बाद नगर निकायों के साथ मिलकर इस योजना के तहत जमीन की तलाश की जाएगी। नगर निकायों को मलिन बस्तियों के पुनर्वास के लिए भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा। शहरी विकास सचिव नितेश झा ने बताया कि नई योजना के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही इसमें काम शुरू कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, इस बार टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट को खास महत्व दिया गया है। इस योजना के तहत विभिन्न तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा दिया जाएगा, जो बेहतर निर्माण कार्यों और उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से आवास निर्माण को सस्ता और बेहतर बना सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 की प्रमुख श्रेणियां
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत चार प्रमुख श्रेणियों में सहायता प्रदान की जाएगी:
1. बीएलसी (लाभार्थी आधारित निर्माण)
इस श्रेणी में, उन लाभार्थियों को वित्तीय सहायता मिलेगी जो अपनी खुद की जमीन पर मकान बनाना चाहते हैं। इस योजना के तहत अब केंद्र सरकार से 2.25 लाख रुपये की ग्रांट मिलेगी। राज्य सरकार के अंश को अभी तय किया जाना बाकी है, जबकि पहली योजना में राज्य सरकार से 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता था।
बीएलसी के अंतर्गत आवास निर्माण को लेकर जो लोग योजना में शामिल होंगे, उन्हें अपनी जमीन पर घर बनाने के लिए ज्यादा आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे यह योजना खासतौर पर ग्रामीण और छोटे शहरों के नागरिकों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।
2. एएचपी (हाउसिंग प्रोजेक्ट)
इस श्रेणी में, निजी या सरकारी स्तर पर तैयार की जाने वाली हाउसिंग परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस (अत्यंत गरीब और कमजोर वर्ग) के लिए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इस श्रेणी में केंद्र सरकार से 2.25 लाख रुपये और राज्य सरकार से 50 हजार रुपये की ग्रांट मिलेगी।
इस श्रेणी के तहत बनने वाली हाउसिंग परियोजनाओं में खासतौर पर गरीब और जरूरतमंद वर्ग को ध्यान में रखते हुए आवास तैयार किए जाएंगे। इससे राज्य में ईडब्ल्यूएस वर्ग के लोगों को सस्ती और उपयुक्त आवास सुविधाएं मिल सकेंगी।
3. एआरएच (किरायेदार आवास योजना)
इस श्रेणी में किराए पर घर उपलब्ध कराने के लिए आवासीय परियोजनाएं तैयार की जाएंगी। इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार 3000 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति यूनिट और राज्य सरकार 2000 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति यूनिट के हिसाब से टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) देगी।
किराए के आवास निर्माण के तहत यह योजना विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में लागू की जाएगी, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों और कर्मचारियों को रहने के लिए उपयुक्त आवास की आवश्यकता होती है। एआरएच योजना के तहत इस समस्या का समाधान किया जा सकेगा, जिससे शहरी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
4. आईएसएस (ब्याज सब्सिडी योजना)
इस योजना के तहत 35 लाख रुपये तक की कीमत के 120 वर्ग मीटर या इससे कम क्षेत्र के आवास खरीदने वालों को 1.80 लाख रुपये तक की लोन सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए आवास की कीमत 25 लाख रुपये तक निर्धारित की गई है। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को लोन लेने में मदद करना है, जो अपनी जरूरत के हिसाब से कम क्षेत्रफल में आवास खरीदना चाहते हैं।
इस योजना के तहत ब्याज दरों में सब्सिडी दी जाएगी, जिससे मध्य वर्ग और निम्न मध्य वर्ग के लोगों को घर खरीदने में सहूलत होगी।
उत्तराखंड में योजना का असर
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में उत्तराखंड को मिली विशेष राहत राज्य के नागरिकों के लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है। अब राज्य के लोग अपनी खुद की जमीन पर घर बनाने के लिए ज्यादा वित्तीय मदद प्राप्त कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नगर निकायों के साथ मिलकर जमीन की तलाश शुरू कर दी है, और जल्द ही इसमें प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे।
उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों के कारण भूमि की उपलब्धता और निर्माण में विभिन्न चुनौतियां रहती हैं, ऐसे में इस योजना के तहत दी जाने वाली अधिक सहायता राज्य के नागरिकों के लिए लाभकारी साबित होगी। इसके साथ ही एआरएच (किरायेदार आवास) के तहत किराए पर घरों का निर्माण शहरी क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों और छोटे व्यापारियों के लिए वरदान साबित होगा।