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PUNJAB : डेरा बाबा नानक हलके में आम आदमी पार्टी को मिली शानदार जीत, गुरदीप सिंह रंधावा ने कांग्रेस को पछाड़ा

पंजाब के डेरा बाबा नानक हलके में आयोजित उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार गुरदीप सिंह रंधावा ने जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार जतिंदर कौर को कड़ी टक्कर देते हुए चुनावी मैदान में विजय प्राप्त की। गुरदीप सिंह रंधावा को कुल 60,000 से अधिक वोट मिले, जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार और सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर को 53,322 वोट मिले। भाजपा के उम्मीदवार रविकरण काहलों को इस चुनाव में केवल 6,449 वोट मिले।

हालांकि, यह चुनाव बहुत ही कांटे की टक्कर वाला रहा। मतगणना की शुरुआत में कांग्रेस उम्मीदवार जतिंदर कौर, आप के गुरदीप सिंह रंधावा से आगे चल रही थीं, लेकिन जैसे-जैसे मतगणना का दौर आगे बढ़ा, रंधावा ने अपनी बढ़त बनानी शुरू की और आखिरकार अंतिम राउंड में उन्हें जीत हासिल हुई।

डेरा बाबा नानक के नवनिर्वाचित विधायक: गुरदीप सिंह रंधावा

डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट के नए विधायक गुरदीप सिंह रंधावा 53 वर्ष के अनुभवी नेता हैं, जो आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण पंजाब के शाहपुर जाजन गांव में हुआ है, और उनका मुख्य व्यवसाय कृषि है। रंधावा ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में उन्होंने 31,742 वोट हासिल किए थे, जबकि कांग्रेस के सुखजिंदर सिंह रंधावा को 52,555 वोट मिले थे, और शिरोमणि अकाली दल के रवि करण काहलों को 52,089 वोट मिले थे।

2022 में तीसरे स्थान पर रहने के बाद, गुरदीप सिंह रंधावा ने इस उपचुनाव में अपनी हार का बदला लिया और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की। इस जीत से रंधावा ने साबित कर दिया कि पार्टी और जनता दोनों का विश्वास उन पर कायम है।

आम आदमी पार्टी का भरोसा और प्रचार का असर

आम आदमी पार्टी ने इस उपचुनाव में फिर से गुरदीप सिंह रंधावा पर भरोसा जताया। पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया और वे इस बार पूरी तरह से पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे। पार्टी की पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बार गुरदीप रंधावा के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी खुद ली थी, और उनके प्रचार अभियान ने बड़ी भूमिका निभाई। भगवंत मान के नेतृत्व में पार्टी ने जनाधार को मजबूत करने की पूरी कोशिश की, और इसका परिणाम इस उपचुनाव में देखा गया।

2022 के विधानसभा चुनाव में गुरदीप रंधावा को 22.2 प्रतिशत वोट मिले थे। हालांकि, इस बार उन्होंने अपनी मेहनत और पार्टी के समर्थन से अपना प्रदर्शन सुधारा और मुकाबला जीतने में सफल रहे।

कांग्रेस का हार और भाजपा की स्थिति

कांग्रेस के लिए डेरा बाबा नानक उपचुनाव बेहद निराशाजनक साबित हुआ। कांग्रेस उम्मीदवार जतिंदर कौर को 53,322 वोट मिले, लेकिन वह जीत के लिए आवश्यक आंकड़े तक नहीं पहुंच पाईं। शुरुआत में जतिंदर कौर ने रंधावा को हराने की उम्मीदें जगाईं थीं, क्योंकि उन्होंने सातवें राउंड तक रंधावा से करीब 2,000 वोटों की बढ़त बनाई थी। लेकिन जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी, रंधावा ने अपनी बढ़त को मजबूत किया और अंत में जीत सुनिश्चित की।

भा.ज.पा. के उम्मीदवार रविकरण काहलों को मात्र 6,449 वोट मिले, जो इस चुनाव में भाजपा की कमजोर स्थिति को दर्शाता है। भाजपा को इस सीट पर कोई खास फायदा नहीं हुआ और वे तीसरे स्थान पर रहे।

कांटे की टक्कर और अंत में रंधावा की जीत

डेरा बाबा नानक उपचुनाव में शुरूआत से ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। सातवें राउंड की काउंटिंग तक जतिंदर कौर को 24,705 वोट मिले थे, जबकि गुरदीप सिंह रंधावा को 22,827 वोट प्राप्त हुए थे। इस समय भाजपा के उम्मीदवार रविकरण काहलों को 2,736 वोट मिले थे। इस समय लग रहा था कि कांग्रेस के उम्मीदवार जतिंदर कौर जीत सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे मतगणना का सिलसिला आगे बढ़ा, रंधावा ने अपनी बढ़त बनाई और अंत में जीत की स्थिति में पहुंचे।

गुरदीप सिंह रंधावा की इस जीत ने आम आदमी पार्टी के चुनावी प्रचार के सफलता को भी सिद्ध कर दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के सक्रिय प्रचार अभियान के अलावा, पार्टी की जनकल्याणकारी योजनाओं और पंजाब में आप सरकार की उपलब्धियों ने रंधावा को जनता के बीच एक मजबूत चेहरा बना दिया।

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