UTTARAKHAND जंगलों में हाउस पार्टी का बढ़ता चलन 11 नवंबर के हादसे के बाद बढ़ी सख्ती
11 नवंबर की रात को ओएनजीसी चौक पर हुए भीषण सड़क हादसे में छह युवक-युवतियों की मौत के बाद से प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग ने पब और बार पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी थी। इस कदम के बाद, अब युवा वर्ग ने एक नया रास्ता अपना लिया है— जंगलों और एकांत स्थानों में आयोजित होने वाली “हाउस पार्टियां”। इन पार्टियों का आयोजन अक्सर गोपनीय तरीके से किया जाता है, और अब यह चलन तेज़ी से बढ़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, युवक-युवतियां मौज मस्ती के लिए इन इन-हाउस पार्टियों में शामिल होते हैं, जिन्हें विशेष सीक्रेट व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए आयोजित किया जाता है। इन पार्टियों के आयोजन स्थल बदल-बदल कर तय किए जाते हैं, और इनमें शामिल होने के लिए लोग खासतौर पर इन ग्रुप्स के माध्यम से ही आमंत्रित किए जाते हैं।
पब व बार पर कार्रवाई के बाद बढ़ी हाउस पार्टी का प्रचलन
जिला प्रशासन द्वारा पब और बारों को रात 11 बजे के बाद बंद करने के आदेश जारी किए जाने के बाद पुलिस की गश्त भी बढ़ा दी गई है। साथ ही, सड़क पर शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। एल्कोमीटर से शराब की जांच की जा रही है, ताकि कोई शराब पीकर सड़कों पर न दौड़े।
हालांकि, इन उपायों के बावजूद युवक-युवतियों ने इन-हाउस पार्टियों का रास्ता अपना लिया है। ये पार्टियां विशेष स्थानों पर, जैसे कि जंगलों, फार्म हाउसों या फिर एकांत घरों में आयोजित की जा रही हैं। इन पार्टियों के आयोजक इसे गोपनीय तरीके से आयोजित करते हैं, और पार्टी में शामिल होने के लिए अलग-अलग शुल्क लिए जाते हैं।
सीक्रेट ग्रुप्स और हाई-एंट्री फी फीस
सूत्रों के अनुसार, इन हाउस पार्टियों का आयोजन बहुत ही शॉर्ट नोटिस पर किया जाता है। विशेष व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से युवाओं को पार्टी के लिए बुलाया जाता है। एक पार्टी में शामिल होने के लिए एंट्री फीस ₹1000 से शुरू होती है, जबकि स्पेशल टेबल्स जैसे डायमंड, गोल्ड और सिल्वर टेबल्स के लिए ₹50,000, ₹30,000 और ₹20,000 की फीस ली जाती है।
प्रत्येक टेबल पर छह कुर्सियाँ होती हैं, और उन कुर्सियों के हिसाब से शराब व स्नैक्स भी भेजे जाते हैं। इसके अलावा, प्रत्येक पार्टी का आयोजन एक नई लोकेशन पर किया जाता है, ताकि पुलिस और आबकारी विभाग को इसकी जानकारी न हो। जब एक बार किसी लोकेशन पर पार्टी हो जाती है, तो आयोजक अगली बार उसी जगह पर आयोजन नहीं करते।
इस तरह के पार्टियों में शराब की भारी मात्रा में आपूर्ति की जाती है और माहौल भी काफी चंचल होता है, जिससे पार्टी में शामिल होने वाले युवा पूरी रात मस्ती करते हैं। इन पार्टियों का मुख्य आकर्षण शराब और नशे का आनंद लेने के साथ-साथ उच्च-श्रेणी के टेबलों के माध्यम से अधिकतम सुख-सुविधाएं भी हासिल करना है।
अपराध और दुर्घटनाओं का खतरा
जंगलों और फार्म हाउसों में चलने वाली इन पार्टियों से जुड़ा सबसे बड़ा खतरा यह है कि शराब के सेवन के बाद पार्टी में शामिल होने वाले युवक-युवतियां अक्सर ओवरस्पीडिंग के कारण सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं। ऐसा देखा गया है कि नशे की हालत में कई बार ये लोग अपनी गाड़ी तेज़ रफ्तार से चला कर हादसों का कारण बनते हैं।
पिछले 11 महीनों में ऐसी सड़क दुर्घटनाओं में छह लोगों की मौत और 11 लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। ओवरस्पीड और शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण ये दुर्घटनाएं हुईं। शराब के सेवन से उत्पन्न होने वाली यह खतरनाक स्थिति अब लगातार बढ़ती जा रही है, और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
पुलिस और आबकारी विभाग की निगरानी
पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपने घर पर हाउस पार्टी आयोजित करता है, तो उसे आबकारी विभाग से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके अलावा, यदि पुलिस को किसी पार्टी के बारे में जानकारी मिलती है, तो पार्टी में शामिल होने वालों की लिस्ट तैयार की जाती है। ताकि, अगर भविष्य में किसी घटना का सामना करना पड़े, तो आसानी से शिकारों की पहचान की जा सके।
पुलिस द्वारा इन घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, और इसके बावजूद, युवक-युवतियों के बीच हाउस पार्टी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। यह चलन न केवल शराब सेवन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि इससे अपराध और दुर्घटनाओं के खतरे में भी इज़ाफा हो रहा है।
प्रशासन की सख्ती और भविष्य के उपाय
अभी हाल ही में, पुलिस और आबकारी विभाग ने गजियावाला कैंट में रेड मारकर ऐसी एक पार्टी को पकड़ा था, जहाँ शराब और नशे का सेवन किया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, इन रेड्स के दौरान कई संदिग्ध वस्तुएं और शराब की बोतलें बरामद की गई थीं। प्रशासन ने अब इस तरह की पार्टियों के आयोजन पर निगरानी रखने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।
इस दिशा में आगे और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पुलिस का कहना है कि उन आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो बिना लाइसेंस के इस तरह की पार्टियाँ आयोजित कर रहे हैं।