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DEHRADUN चिड़ियाघर में टाइगर सफारी की शुरुआत, अब आमजन भी सुन सकेंगे बाघ की दहाड़

देहरादून: देहरादून के चिड़ियाघर की शान को और बढ़ाने के लिए हाल ही में यहां दो रायल बंगाल टाइगर लाए गए हैं। ये बाघ अब आम पर्यटकों के लिए खुले हैं और वे इनकी दहाड़ सुन सकते हैं। कार्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेस्क्यू सेंटर से करीब नौ महीने पहले लाए गए इन बाघों को अब पर्यटक देख सकेंगे। इस परियोजना को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) से मंजूरी मिलने के बाद चिड़ियाघर में टाइगर सफारी का रास्ता खुला है, जिससे यह चिड़ियाघर और भी आकर्षक बन गया है।

एनटीसीए की मंजूरी के बाद शुरू हुआ टाइगर सफारी

इस टाइगर सफारी के लॉन्च के बाद गढ़वाल क्षेत्र के एकमात्र चिड़ियाघर में पहली बार बाघों के साथ-साथ गुलदार भी पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करेंगे। इसके अलावा, चिड़ियाघर में हायना और भालू लाने की योजना भी बनाई गई है। रामनगर के ढेला रेस्क्यू सेंटर से लाए गए इन बाघों की देखभाल चिड़ियाघर में विशेषज्ञों द्वारा की गई थी। इन बाघों को ट्रैंकुलाइज करके सड़क मार्ग से देहरादून लाया गया था, ताकि वे नए बाड़ों में आसानी से समायोजित हो सकें। इसके बाद इन बाघों की सेहत और खानपान पर विशेष ध्यान दिया गया, ताकि वे जल्द से जल्द नए परिवेश में सहज हो जाएं।

ढेला रेस्क्यू सेंटर से बाघों का सुरक्षित स्थानांतरण

मूल रूप से ढेला रेस्क्यू सेंटर में एक साथ 12 बाघों का स्थान था, जिससे कुछ बाघों को अन्य स्थानों पर भेजने की जरूरत पड़ी। इसी तरह से यह दो रायल बंगाल टाइगर देहरादून चिड़ियाघर लाए गए। इन बाघों को ट्रैंकुलाइज करके सड़क मार्ग से देहरादून लाया गया और चिड़ियाघर के रेस्क्यू सेंटर में उनकी देखभाल की गई। इस प्रक्रिया में विशेषज्ञों की टीम ने इन बाघों की निरंतर निगरानी की, ताकि वे किसी भी तरह की शारीरिक या मानसिक परेशानी का सामना न करें। बाघों के खानपान और स्वास्थ्य पर भी पूरी तरह से ध्यान दिया गया, और उनकी नियमित जांच की गई। इस प्रकार इन बाघों को नए बाड़ों में अभ्यस्त होने के लिए समय दिया गया।

टाइगर सफारी के लिए तैयार किया गया तीन किमी लंबा ट्रैक

देहरादून चिड़ियाघर में टाइगर सफारी की शुरुआत को लेकर काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे। अब यह सफारी पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक, इस सफारी का रास्ता तीन किलोमीटर लंबा ट्रैक होगा, जो पर्यटकों को बाघों के करीब पहुंचने का अनुभव देगा। इस ट्रैक के दौरान पर्यटक बाघों को खुले में देख सकेंगे और उनके प्राकृतिक व्यवहार को नजदीक से महसूस कर सकेंगे।

साथ ही, इस सफारी के उद्घाटन से चिड़ियाघर में आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की टीम ने लगभग दो वर्ष पहले चिड़ियाघर का स्थलीय निरीक्षण किया था, और फिर सहमति मिलने के बाद इस सफारी के निर्माण कार्य की शुरुआत हुई।

25 हेक्टेयर में फैला चिड़ियाघर, विकसित किए गए नए बाड़े

देहरादून चिड़ियाघर करीब 25 हेक्टेयर में फैला हुआ है, और यहां पर बाघ, हायना, भालू समेत अन्य जंगली जीवों के लिए नए बाड़े तैयार किए गए हैं। यह बाड़े जीवों की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किए गए हैं। अब बाघों के बाद यहां हायना और भालू लाने की योजना है, जिससे चिड़ियाघर की शान और भी बढ़ सके।

चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि अब पर्यटक इन जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास के बहुत करीब से देख सकेंगे। साथ ही, इन बाड़ों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये जानवर अपने प्राकृतिक जीवन के करीब महसूस करें। बाघों के लिए विशेष बाड़े तैयार किए गए हैं, जहां उन्हें पर्याप्त स्थान मिलेगा और वे बिना किसी बाधा के अपनी स्वाभाविक गतिविधियों का पालन कर सकेंगे।

वन मंत्री सुबोध उनियाल करेंगे टाइगर बाड़े का उद्घाटन

इस टाइगर सफारी के उद्घाटन के अवसर पर उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल उपस्थित रहेंगे। उन्होंने इस सफारी के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि इससे पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी लाभ होगा। यह प्रोजेक्ट न केवल उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करेगा।

उनियाल ने कहा, “इस परियोजना से न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि यह उत्तराखंड को भारत में वन्यजीव पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ऐसे और प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है, जो प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा दें।

पर्यटकों को मिलेगा नज़दीकी अनुभव

देहरादून चिड़ियाघर में टाइगर सफारी शुरू होने से पर्यटकों को बाघों के साथ-साथ अन्य वन्यजीवों का नज़दीकी अनुभव मिलेगा। सफारी में बाघों के अलावा हायना, भालू और गुलदार जैसे अन्य जानवर भी शामिल होंगे। पर्यटकों को इन जानवरों को प्राकृतिक वातावरण में देखने का मौका मिलेगा, जो उनके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा।

देहरादून चिड़ियाघर में बाघों के बाड़े के अलावा, कई अन्य शैक्षिक और जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं, जिससे लोग वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व को समझ सकें।

देहरादून चिड़ियाघर में टाइगर सफारी का उद्घाटन न केवल पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वन्यजीवों के संरक्षण में भी मददगार साबित हो सकता है। यह परियोजना लोगों में वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका हो सकती है।

इस सफारी से जुड़ी अन्य जानकारी और बुकिंग के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी तैयार किया है, ताकि पर्यटक आसानी से अपनी यात्रा की योजना बना सकें।

देहरादून चिड़ियाघर में बाघों के आगमन और सफारी के शुभारंभ से न केवल वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है, बल्कि यह राज्य के पर्यटन उद्योग को भी एक नया मोड़ देगा।

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