DELHI से DEHRADUN तक का सफर होगा आसान, एक्सप्रेसवे के पहले हिस्से की तैयारियां अंतिम चरण में
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पहले दो खंड तैयार हो चुके हैं और एक खंड को आम जनता के लिए खोले जाने की संभावना है। दिल्ली और उत्तराखंड के बीच यात्रा को तेज और सुगम बनाने के लिए बन रहा यह एक्सप्रेसवे अब वास्तविकता के करीब है। इस एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद, यात्रियों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
एक्सप्रेसवे के पहले खंड की शुरुआत – गणेशपुर से आशारोड़ी
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला भाग हारनपुर जिले के गणेशपुर गांव से शुरू होता है और आशारोड़ी चैकपोस्ट तक जाता है। इस सेक्शन को पैकेज-4 के तहत तैयार किया गया है, जो कुल 20 किलोमीटर लंबा है। इस हिस्से के एक साइड की सड़क ट्रैफिक के लिए खोल दी गई है, जबकि दूसरी तरफ के हिस्से पर काम जारी है।
इसके अलावा, इस एक्सप्रेसवे की एक खास बात यह है कि दिल्ली में इसका पहला खंड पूरी तरह से फ्री रहेगा। इसका मतलब है कि यदि आप दिल्ली की सीमा के भीतर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर प्रवेश करते हैं और उसी सीमा के भीतर अपनी यात्रा समाप्त करते हैं, तो आपको किसी भी प्रकार का टोल शुल्क नहीं देना होगा। यह विशेष सुविधा दिल्लीवासियों के लिए राहत की बात है, क्योंकि उन्हें बिना टोल के यात्रा करने का मौका मिलेगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का महत्व
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से लेकर उत्तराखंड के देहरादून तक बनेगा, जिसमें दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर, खेकड़ा, शामली, सहारनपुर होते हुए देहरादून के प्रवेश द्वार तक पहुंचा जाएगा। इसकी कुल लंबाई 210 किलोमीटर के आसपास होगी।
पहले खंड का काम लगभग पूरा
अक्षरधाम से लेकर ईपीई क्रॉसिंग (खेकड़ा) तक करीब 31.6 किलोमीटर लंबी सड़क का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस सेक्शन के ट्रायल रन भी संपन्न हो चुके हैं और अब फिनिशिंग का काम अगले महीने तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के बाद जनवरी से अक्षरधाम से ईपीएम तक का हिस्सा आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस हिस्से में लगभग 18 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड (ऊंचा) रहेगा, जिससे यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी।
अन्य खंडों का काम जारी
इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के दूसरे और तीसरे चरण पर भी काम जारी है। दूसरे चरण में बागपत से सहारनपुर तक का हिस्सा तैयार हो रहा है। इसके बाद, तीसरे चरण में सहारनपुर से देहरादून तक का निर्माण होगा। एक बार यह पूरा एक्सप्रेसवे तैयार हो जाने के बाद, दिल्ली से देहरादून तक का सफर 69 किलोमीटर तक कम हो जाएगा। इसके चलते यात्रा का समय भी काफी घट जाएगा और ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होगा।
गाजियाबाद, लोनी और आसपास के जिलों को होगा फायदा
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा लाभ उन यात्रियों को मिलेगा जो दिल्ली से गाजियाबाद, लोनी और आसपास के जिलों में यात्रा करते हैं। अभी तक इन क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की समस्या एक बड़ी चुनौती रही है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से इन जामों से निजात मिलेगी। विशेषकर गाजियाबाद, शामली, बागपत, सहारनपुर, मेरठ और आसपास के लोग अब बिना किसी बड़ी रुकावट के अपनी यात्रा पूरी कर सकेंगे।
इस एक्सप्रेसवे की वजह से दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में ट्रैफिक की समस्या भी हल हो जाएगी। साथ ही, बागपत, सहारनपुर, शामली जैसे जिलों के लोग भी अब आसानी से बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
यात्रियों के लिए एक्सप्रेसवे के फायदे
- समय की बचत: दिल्ली से देहरादून तक का सफर पहले 6-7 घंटे में पूरा होता था, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बाद यह समय घटकर केवल 5 घंटे रह जाएगा।
- सुरक्षित यात्रा: इस एक्सप्रेसवे को हाईटेक तकनीकी सुविधाओं से लैस किया गया है, जिससे यात्री सुरक्षित यात्रा का अनुभव करेंगे।
- कम ट्रैफिक: दिल्ली और उत्तराखंड के बीच के प्रमुख मार्गों पर अब ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे सड़क पर चलने वाले यात्रियों को अधिक आराम मिलेगा।
- जल्दी यात्रा करने का अवसर: इस एक्सप्रेसवे के कारण, विशेष रूप से देहरादून और उत्तराखंड जाने वाले पर्यटकों को भी यात्रा की योजना बनाने में मदद मिलेगी, क्योंकि उन्हें जाम की समस्या से जूझने की जरूरत नहीं होगी।
- इकोनॉमिक इम्पैक्ट: यह एक्सप्रेसवे आसपास के क्षेत्रों के लिए आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद होगा। व्यापार, उद्योग, और पर्यटन में वृद्धि की संभावना है, जिससे इन इलाकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के प्रभाव
यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रियों के लिए एक सुविधा है, बल्कि यह दिल्ली और उत्तराखंड के बीच के व्यापारिक संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगा। दिल्ली और देहरादून के बीच बेहतर कनेक्टिविटी होने से व्यापारियों को माल की आवाजाही में आसानी होगी, जिससे व्यापारिक गतिविधियां तेजी से बढ़ सकेंगी।
इसके अलावा, देहरादून और उत्तराखंड राज्य के अन्य हिस्सों में आने-जाने वाले पर्यटकों के लिए यह एक वरदान साबित होगा। उत्तराखंड राज्य, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और तीर्थ स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, अब पर्यटकों के लिए और भी अधिक आकर्षक बन जाएगा।