Uttarakhand

प्रदेश में नगर निकाय चुनाव दिसंबर में, ओबीसी आरक्षण पर अध्यादेश को मिल सकती है मंजूरी

प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव दिसंबर महीने में हो सकते हैं, और इस दिशा में शहरी विकास विभाग एवं राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियों को तेज़ कर दिया है। चुनाव की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए, राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इन तैयारियों के तहत ओबीसी आरक्षण संबंधी अध्यादेश को भी राजभवन से मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जो इस सप्ताह के भीतर हो सकती है।

ओबीसी आरक्षण से जुड़ा अध्यादेश राजभवन को भेजा गया

नगर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण लागू करने का मामला लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में एक अध्यादेश तैयार किया था, जिसे राजभवन भेज दिया गया है। यह अध्यादेश ओबीसी वर्ग के लिए नगर निकायों में आरक्षण सुनिश्चित करेगा। राज्य सरकार की योजना के मुताबिक, इस अध्यादेश को जल्द ही राजभवन से मंजूरी मिल सकती है।

अध्यादेश के बाद ओबीसी आरक्षण की नियमावली बनेगी

राजभवन से अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद, ओबीसी आरक्षण की नियमावली पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार को एक विस्तृत नियमावली तैयार करनी होगी, जो आरक्षण लागू करने के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करेगी। इस नियमावली के तहत, आरक्षण की प्रक्रिया को लागू करने के लिए जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जिलाधिकारियों के स्तर से आरक्षण का निर्धारण और उसकी प्रक्रिया शुरू होगी।

मुख्यमंत्री को इस नियमावली पर अनुमोदन देना होगा, जिसके बाद यह लागू हो सकेगी। सरकार की योजना के अनुसार, यह प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होगी ताकि चुनाव में कोई देरी न हो।

चुनावी अधिसूचना की तारीख़: 15 दिसंबर के आसपास

राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनावों के लिए अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने 15 दिसंबर के आसपास चुनावी अधिसूचना जारी करने की योजना बनाई है। इस तारीख़ के बाद, उम्मीदवारों के नामांकन और चुनावी प्रचार के लिए औपचारिक रूप से घोषणा की जाएगी।

चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव की अधिसूचना के साथ ही चुनावी प्रक्रिया में आगे का रास्ता स्पष्ट हो जाएगा। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का मानना है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में चुनाव कराए जा सकते हैं। इस समय सीमा के भीतर, चुनावी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सभी तैयारियां पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

चुनाव के लिए तात्कालिक तैयारियां

नगर निकाय चुनावों के लिए प्रशासन और चुनाव आयोग के अधिकारी पूरी तरह से तैयारियों में जुटे हुए हैं। चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत में सबसे अहम कदम होगा—वोटर सूची का नवीनीकरण। आयोग इस पर विशेष ध्यान दे रहा है ताकि प्रत्येक योग्य मतदाता को मतदान का अधिकार मिल सके। इसके बाद, चुनावी उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें हर पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।

चुनाव प्रचार का भी महत्वपूर्ण दौर होगा, जिसमें सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करना आयोग का मुख्य उद्देश्य होगा। इसके साथ ही, मतदान के दिन की व्यवस्था भी चुनाव आयोग द्वारा ध्यान से तय की जाएगी। मतदान केंद्रों पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी ताकि मतदान निष्पक्ष रूप से हो सके।

ओबीसी आरक्षण का महत्व

ओबीसी आरक्षण का मुद्दा प्रदेश में पिछले कुछ सालों से चर्चा का केंद्र रहा है। प्रदेश सरकार ने इस आरक्षण को लागू करने का फैसला लिया है, जिससे नगर निकायों में ओबीसी वर्ग के लोगों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व का अधिक अवसर मिलेगा। इस कदम से शहरी प्रशासन में ओबीसी वर्ग की भागीदारी बढ़ेगी, और वे अपने अधिकारों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे।

ओबीसी आरक्षण को लागू करने से शहरी क्षेत्र में सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह सुनिश्चित करेगा कि अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को अपनी आवाज उठाने और सरकार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर मिले।

मुख्यमंत्री की भूमिका और अनुमोदन

प्रदेश सरकार के प्रमुख, मुख्यमंत्री, इस पूरे प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री को ओबीसी आरक्षण की नियमावली पर अनुमोदन देना है, और इसके बाद ही आरक्षण लागू किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री का मानना है कि इस कदम से शहरी निकायों में सामाजिक संतुलन और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि इस प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ लागू किया जाएगा, ताकि किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव न हो। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से भी यह आग्रह किया है कि चुनावी प्रक्रिया को पूरी निष्पक्षता और समयबद्ध तरीके से संपन्न कराया जाए।

चुनाव की तैयारियों पर प्रशासन की नज़र

राज्य सरकार और चुनाव आयोग के अधिकारी चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं, ताकि सभी प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाया जा सके। इसमें चुनावी दस्तावेजों की छपाई, मतदान केंद्रों का निर्धारण, मतदान मशीनों की जांच, उम्मीदवारों की लिस्टिंग, और सुरक्षा व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। इसके अलावा, कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी के मद्देनजर, चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित और संरक्षित बनाने के लिए विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं।

चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, हर जिले में चुनावी किट और आवश्यक सामग्री समय पर पहुंचाने के लिए भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

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