UTTARAKHAND : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मसूरी दौरा, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बृहस्पतिवार, 29 नवंबर को उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में गृहमंत्री प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संवाद करेंगे और देश के विभिन्न हिस्सों से आए सिविल सेवाओं के प्रशिक्षुओं से भी मुलाकात कर सकते हैं।
गृहमंत्री के इस मसूरी दौरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय पुलिस ने बुधवार को पूरी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और फ्लीट रिहर्सल भी किया। शहर के पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बारे में जानकारी दी और बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री के दौरे के दौरान चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारियां पूरी
शहर कोतवाल अरविंद कुमार चौधरी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री के दौरे के दौरान शहर में सुरक्षा का स्तर उच्चतम होगा। हेलीपैड से लेकर एलबीएस अकादमी तक, जहां गृहमंत्री का कार्यक्रम होगा, चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तैनात रहेंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गृहमंत्री का दौरा पूरी तरह से सुरक्षित और बिना किसी रुकावट के संपन्न हो।
होटल और आवासीय क्षेत्र की छतों पर भी तैनाती
गृहमंत्री के दौरे को लेकर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। पूरे रूट पर जितने भी होटल और आवासीय इलाके हैं, वहां की छतों पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा। यह कदम संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए उठाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना को समय रहते रोका जा सके।
अस्पतालों में इमरजेंसी व्यवस्था
गृहमंत्री के दौरे के दौरान अस्पतालों में भी इमरजेंसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। स्थानीय अस्पतालों में अतिरिक्त चिकित्सा कर्मियों और उपकरणों की तैनाती की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कार्रवाई की जा सके।
गृहमंत्री के दौरे को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की यह व्यवस्था दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा की कोई कसर नहीं छोड़ी है।
सुरक्षा तंत्र में BSF, CRPF और SPG का भी समावेश
गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था में न सिर्फ स्थानीय पुलिस, बल्कि बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल), सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), और एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी तैनात की जाएंगी। इन एजेंसियों की तैनाती इस बात को सुनिश्चित करेगी कि गृहमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा संबंधी कोई भी चूक न हो।
एसपीजी, जो कि प्रमुख नेताओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होती है, विशेष रूप से गृहमंत्री अमित शाह की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी। साथ ही, बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान शहर के विभिन्न हिस्सों में पेट्रोलिंग करेंगे और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार रहेंगे।
गृहमंत्री का दौरे का कार्यक्रम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मसूरी दौरा बहुत ही सटीक और समयबद्ध तरीके से आयोजित किया गया है। उनके दौरे का कार्यक्रम इस प्रकार है:
- 12:30 बजे: गृहमंत्री अमित शाह का मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में पहुंचना।
- 3:55 बजे: गृहमंत्री का अकादमी से वापस जाने का कार्यक्रम है।
कार्यक्रम में गृहमंत्री सिविल सेवा के प्रशिक्षुओं से संवाद करेंगे और प्रशासनिक सुधारों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही, वह अकादमी के कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं से उनके प्रशिक्षण के बारे में भी जानकारी लेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए फ्लीट रिहर्सल
गृहमंत्री के दौरे से पहले बुधवार को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे शहर में फ्लीट रिहर्सल किया। यह रिहर्सल सुनिश्चित करता है कि गृहमंत्री के आने से पहले सुरक्षा संबंधी सभी व्यवस्थाएं सही तरीके से काम कर रही हैं। रिहर्सल के दौरान पुलिस बल ने मार्ग, होटल और विभिन्न सरकारी संस्थाओं में सुरक्षा चेक किया और संभावित खतरों का आकलन किया।
पुलिस और सुरक्षा बलों के अधिकारी किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह रिहर्सल एक प्रकार से अंतिम सुरक्षा जांच थी, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
गृहमंत्री का मसूरी दौरा: प्रशासन के लिए अहम
केंद्रीय गृहमंत्री का यह दौरा मसूरी के प्रशासन के लिए विशेष महत्व रखता है। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, जिसे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और अन्य सिविल सेवाओं के प्रशिक्षण के लिए प्रमुख संस्थान माना जाता है, गृहमंत्री के दौरे के दौरान प्रशासनिक सुधारों और सिविल सेवा के भविष्य पर अहम विचार-विमर्श हो सकता है।
गृहमंत्री का यह दौरा न केवल मसूरी बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक सुधारों पर भी चर्चा हो सकती है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय गृहमंत्री की उपस्थिति से राज्य में सुरक्षा बलों और पुलिस के बीच समन्वय में सुधार की संभावना है।