देहरादून के देहात क्षेत्र को दो भागों में बांटा गया, दो नए एसपी की नियुक्ति
देहरादून। देहरादून के देहात क्षेत्र में प्रशासनिक बदलाव के तहत अब दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (एसपी) तैनात किए गए हैं। यह बदलाव जिले के भौगोलिक और सामाजिक विविधताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। एसपी ऋषिकेश का पद जया बलूनी को सौंपा गया है, जबकि एसपी विकासनगर की जिम्मेदारी रेणु लोहानी को दी गई है। यह निर्णय देहरादून के देहात क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन के लिए लिया गया है, और अमर उजाला ने 16 नवंबर के अंक में इसकी जानकारी दी थी।
देहरादून के देहात क्षेत्र का प्रशासनिक पुनर्गठन
देहरादून जिले में एक ऐसी अनूठी स्थिति है, जहां दो अलग-अलग प्रकार के देहात क्षेत्र, शहरी क्षेत्र के बीच स्थित हैं। जिले में कुल 21 थाने हैं, जिनमें से 10 देहात क्षेत्र में और 11 शहर में आते हैं। इन दोनों के बीच शहरी क्षेत्र पड़ता है, जो प्रशासनिक कार्यों और पुलिस व्यवस्था के लिए एक चुनौती बनता है। देहात क्षेत्र को दो भागों में बांटने की योजना लंबे समय से विचाराधीन थी, और अब इसे साकार रूप दिया गया है।
पिछले दिनों एसपी देहात के पद पर तैनात अधिकारी पीपीएस अधिकारियों की जद में भी आए थे, जिसके बाद गृह विभाग ने इस समस्या का समाधान करते हुए दो नए एसपी अधिकारियों को तैनात किया है। इस बदलाव से देहात क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
ऋषिकेश और विकासनगर के भौगोलिक फर्क
देहरादून जिले का देहात क्षेत्र दो बड़े भौगोलिक भागों में बंटा हुआ है। पहले हिस्से में ऋषिकेश का क्षेत्र आता है, जो पारंपरिक रूप से परवादून के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र ज्यादातर मैदानी इलाकों पर आधारित है और यहां पर्यटन की भारी आवक रहती है। ऋषिकेश, जो अपने धार्मिक और पर्यटन केन्द्रों के लिए प्रसिद्ध है, यहां पर हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। इनकी सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए एक समर्पित अधिकारी की जरूरत थी, जो जया बलूनी की जिम्मेदारी है।
वहीं, दूसरा भाग विकासनगर का है, जिसे पछवादून के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से सीमाएं साझा करता है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियां बहुत अलग हैं। विकासनगर में जौनसार बावर क्षेत्र है, जो बेहद दुर्गम और पहाड़ी इलाका है। यहां तक पहुंचने के लिए कठिन रास्तों और कच्ची सड़कों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, इस क्षेत्र में पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक अलग अधिकारी की तैनाती की गई है। एसपी रेनु लोहानी को इस क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो कि इन भौगोलिक और प्रशासनिक चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम मानी जाती हैं।
पुलिस व्यवस्था में बदलाव का उद्देश्य
देहरादून के देहात क्षेत्र में यह प्रशासनिक बदलाव कई कारणों से जरूरी था। एक तो देहात क्षेत्र की बढ़ती जनसंख्या और दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में बढ़ते अपराधों के कारण पुलिस प्रशासन को एक ही अधिकारी के अधीन पूरे क्षेत्र की देखरेख करना मुश्किल हो रहा था। देहात क्षेत्र की जटिलताओं को देखते हुए इस विभाजन से पुलिस अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
इसके अलावा, देहात क्षेत्र में जॉइंट वेंचर के रूप में चलने वाली कई योजनाओं, जैसे कि ग्रामीण विकास, सुरक्षा, और आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था में भी बदलाव की जरूरत महसूस हो रही थी। प्रत्येक एसपी को अपने क्षेत्र में सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और अन्य प्रशासनिक जिम्मेदारियों का पालन करना होगा, जिससे ग्रामीण इलाकों के लोगों को अधिक सुरक्षित महसूस हो सके।
एसपी जया बलूनी और रेनु लोहानी का कार्यक्षेत्र
जया बलूनी को एसपी ऋषिकेश की जिम्मेदारी सौंपने से क्षेत्रीय पुलिस व्यवस्था में बदलाव आएगा। उनकी तैनाती उस क्षेत्र में हुई है जहां तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ आती है और पर्यटन के कारण सुरक्षा संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। बलूनी की कार्यक्षमता और अनुभव को देखते हुए यह अपेक्षित है कि वे ऋषिकेश क्षेत्र में पुलिसिंग को और अधिक सुदृढ़ बनाएंगी।
रेणु लोहानी को एसपी विकासनगर के रूप में तैनात किया गया है, जो एक कठिन कार्यक्षेत्र में अपनी सेवाएं देंगी। विकासनगर का क्षेत्र जौनसार बावर जैसी दुर्गम जगहों के लिए प्रसिद्ध है, जहां पुलिस को न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और अन्य कठिनाइयों से निपटने के लिए भी तैयार रहना होता है। लोहानी के नेतृत्व में इस क्षेत्र में सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
देहरादून जिले की विशेष परिस्थितियां
देहरादून का यह खास मामला है कि यहां दो भिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के बीच शहरी क्षेत्र स्थित है। शहर के आसपास के देहात इलाकों में सुरक्षा, यातायात और अन्य समस्याएं शहरी क्षेत्र से बहुत भिन्न होती हैं। इस वजह से देहात क्षेत्र का प्रशासनिक प्रबंधन कठिन हो गया था।
इसके अलावा, देहात क्षेत्र में आमतौर पर सीमांत और आदिवासी इलाकों की जनसंख्या अधिक होती है, जिनकी ज़रूरतें और समस्याएं शहरों से बिल्कुल अलग होती हैं। पुलिस प्रशासन का ध्यान इन विशेष जरूरतों की ओर केंद्रित करना आवश्यक था, और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया।