उत्तराखंड में प्रशासनिक फेरबदल, 13 आईएएस और 3 पीसीएस अधिकारियों के दायित्वों में बदलाव
देहरादून। उत्तराखंड के प्रशासनिक ढांचे में शुक्रवार की शाम को एक बड़ा फेरबदल किया गया है। शासन ने 13 भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों और 3 उत्तराखंड राज्य सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारियों के दायित्वों में बदलाव कर दिया है। यह फेरबदल केदारनाथ उपचुनाव के बाद किए गए प्रशासनिक पुनर्गठन का हिस्सा माना जा रहा है। कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राज्य के विभिन्न विभागों और निगमों में अधिकारियों को नए दायित्व सौंपे गए हैं, जबकि कुछ अधिकारियों से प्रभार वापस ले लिया गया है।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक का प्रभार बदलने के साथ ही अन्य प्रमुख फेरबदल
उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) का प्रभार अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव से हटा कर अपर सचिव रीना जोशी को दे दिया गया है। यह बदलाव राज्य परिवहन निगम के प्रशासनिक प्रबंधन में सुधार लाने के उद्देश्य से किया गया है। इसके अलावा, कुछ अन्य अधिकारियों के प्रभार में भी बदलाव किए गए हैं, जिनमें प्रमुख सचिव एल फैनई से अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विकास निगम के अध्यक्ष पद को हटा दिया गया है। अब इस पद की जिम्मेदारी अपर सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल को दी गई है।
नए दायित्वों के साथ बदलाव
इस फेरबदल के तहत कुछ अधिकारियों को हल्का किया गया है, जबकि कुछ के प्रभार में इजाफा किया गया है। अपर सचिव रणवीर सिंह को कृषि और कृषक कल्याण, पेयजल, महानिदेशक कृषि और उद्यान से मुक्त कर दिया गया है, और उन्हें गन्ना चीनी और उत्तराखंड शुगर फेडरेशन का प्रबंध निदेशक बना दिया गया है।
अपर सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल से ग्राम विकास और आयुक्त ग्राम्य विकास का प्रभार हटाया गया है और उन्हें अब अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विकास निगम का अध्यक्ष बना दिया गया है। इसी तरह, आईएएस अधिकारी उदयराज को अपर सचिव गन्ना चीनी और उत्तराखंड शुगर फेडरेशन के प्रबंध निदेशक का दायित्व हटा दिया गया है। अब उन्हें कृषि और कृषक कल्याण के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है और नई जिम्मेदारी के रूप में नियोजन विभाग का कार्य सौंपा गया है।
अन्य प्रशासनिक बदलाव
अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे को नियोजन से मुक्त कर राजस्व विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसी प्रकार, अपर सचिव रीना जोशी से सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग का प्रभार हटा कर उन्हें उत्तराखंड परिवहन निगम का प्रबंध निदेशक बना दिया गया है।
मनुज गोयल को अपर सचिव कृषि और कृषक कल्याण का नया दायित्व सौंपा गया है, जबकि अनुराधा पाल को अपर सचिव ग्राम विकास और आयुक्त ग्राम्य विकास की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह, अपर सचिव गौरव कुमार को समाज कल्याण विभाग का नया कार्यभार सौंपा गया है।
अपूर्वा पांडेय से सचिव रेरा और सचिव भू-संपदा अपीलीय अधिकरण का अतिरिक्त प्रभार हटा लिया गया है और उन्हें अब अपर सचिव गृह के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है।
मसूरी विकास प्राधिकरण के सचिव पद पर बदलाव
मसूरी विकास प्राधिकरण (एमडीए) के सचिव पद पर भी बड़ा बदलाव किया गया है। मोहन सिंह बर्निया को सचिव मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का नया कार्यभार सौंपा गया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी किसी अन्य अधिकारी के पास थी।
पीसीएस अधिकारियों में बदलाव
पीसीएस अधिकारियों में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पीसीएस अधिकारी ईलागिरी को एडीएम पौड़ी गढ़वाल से हटाकर सचिव रेरा और सचिव भू-संपदा अपीलीय अधिकरण का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा, दिनेश प्रताप सिंह से राज्य संपत्ति विभाग का विहित प्राधिकृत अधिकारी का प्रभार हटा दिया गया है और उन्हें अन्य कार्य सौंपे गए हैं।
सचिवालय सेवा के अपर सचिव प्रदीप सिंह रावत से राजस्व और उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग का कार्यभार हटा लिया गया है। इस जिम्मेदारी से मुक्त कर उन्हें अन्य विभागों का कार्य सौंपा गया है।
जिलों में बदलाव: स्मार्ट सिटी और मेला अधिकारी का प्रभार
शासन ने देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल को स्मार्ट सिटी के सीईओ का नया कार्यभार सौंपा है। इससे पहले यह जिम्मेदारी अपर सचिव सोनिका के पास थी। अब सोनिका को इस दायित्व से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा, हरिद्वार के मेला अधिकारी का प्रभार भी बदल दिया गया है। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह को अब यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है, जबकि इससे पहले यह कार्य अपर सचिव धीराज गर्ब्याल के पास था।
प्रशासनिक फेरबदल का उद्देश्य और आगामी योजनाएं
राज्य सरकार द्वारा किए गए इस प्रशासनिक फेरबदल का उद्देश्य विभिन्न विभागों के कार्यों में सुधार और बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण स्थापित करना है। यह बदलाव राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारियों की क्षमता के अनुरूप कार्यभार का वितरण करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
विशेष रूप से, कृषि, गन्ना चीनी, परिवहन, ग्राम विकास, और समाज कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अधिकारियों के दायित्वों में बदलाव के कारण उन क्षेत्रों में अपेक्षित सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।