Uttarakhand

उत्तराखंड में सूखी ठंड का कहर, दिसंबर की शुरुआत हुई सबसे सर्द दिन के साथ

उत्तराखंड में मानसून की विदाई के बाद से लगातार सूखी ठंड का सामना कर रहे लोग इस बार दिसंबर की शुरुआत में रिकॉर्ड सर्दी का अनुभव कर रहे हैं। राज्य के पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक लोग सूखी ठंड से परेशान हैं। खासकर देहरादून, हरिद्वार और अन्य प्रमुख शहरों में तापमान में आई गिरावट ने बीते कुछ सालों में दिसंबर के पहले दिन के सबसे सर्द तापमान को दर्ज किया है। रविवार, 1 दिसंबर को देहरादून का अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो बीते दस वर्षों में किसी भी एक दिसंबर को दर्ज किया गया सबसे कम तापमान था।

मौसम का अनुमान: अगले चार दिन तक शुष्क रहेगा मौसम

मौसम विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में अगले चार दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। सूखी ठंड के कारण ठंडक में इजाफा होगा और लोग इस सप्ताह भी सर्दी से परेशान रहेंगे। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी हवाओं का प्रभाव कमजोर होने के कारण प्रदेश में बारिश नहीं हो रही है, जिससे सूखी ठंड का असर और बढ़ गया है। दिसंबर के पहले सप्ताह में सर्दी की यह स्थिति अधिकतर पहाड़ी और मैदानी इलाकों में देखी जा रही है।

मौसम विशेषज्ञों की चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि इस सप्ताह प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा और तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा, “पश्चिमी हवाओं का प्रभाव कम होने की वजह से बारिश नहीं हो रही है और सूखी ठंड की स्थिति लगातार बनी हुई है।” इस दौरान, विशेष रूप से सुबह और शाम के समय में पाला पड़ने की संभावना जताई जा रही है, जिससे ठंड और भी बढ़ सकती है।

दिन और रात के तापमान में अंतर

इस समय प्रदेश में दिन और रात के तापमान में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। जैसे देहरादून में दिन के समय का अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री और रात का न्यूनतम तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस तक गिरा। इस तापमान का अंतर करीब 16 डिग्री सेल्सियस तक है, जो सूखी ठंड के कारण लोगों को खासा परेशान कर रहा है। खासकर पहाड़ी इलाकों में इस अंतर को महसूस किया जा रहा है, जहां लोग सर्दी के शिकार हो रहे हैं।

विभिन्न शहरों में तापमान की स्थिति

आइए एक नजर डालते हैं, राज्य के प्रमुख शहरों में 1 दिसंबर को दर्ज तापमान पर:

देहरादून

  • अधिकतम तापमान: 25.8 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान: 9.7 डिग्री सेल्सियस

पंतनगर

  • अधिकतम तापमान: 26.0 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान: 8.6 डिग्री सेल्सियस

मुक्तेश्वर

  • अधिकतम तापमान: 19.5 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान: 5.9 डिग्री सेल्सियस

नई टिहरी

  • अधिकतम तापमान: 18.6 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान: 6.8 डिग्री सेल्सियस

यह आंकड़े दिखाते हैं कि पूरे प्रदेश में तापमान में गिरावट आई है, और खासकर पहाड़ी इलाकों में यह गिरावट और भी अधिक महसूस हो रही है।

पिछले सालों में दिसंबर के पहले दिन का तापमान

यदि हम पिछले कुछ सालों का तापमान देखें, तो इस साल की एक दिसंबर को रिकॉर्ड किया गया तापमान पिछले दस वर्षों के मुकाबले सबसे कम है। पिछले वर्षों में दिसंबर के पहले दिन का तापमान कुछ इस प्रकार था:

  • 2023: 26.8 डिग्री सेल्सियस
  • 2022: 28.4 डिग्री सेल्सियस
  • 2021: 26.7 डिग्री सेल्सियस
  • 2020: 27.7 डिग्री सेल्सियस
  • 2019: 26.4 डिग्री सेल्सियस
  • 2018: 25.5 डिग्री सेल्सियस
  • 2017: 26.7 डिग्री सेल्सियस
  • 2016: 29.2 डिग्री सेल्सियस
  • 2015: 28.7 डिग्री सेल्सियस
  • 2014: 27.0 डिग्री सेल्सियस

जैसा कि आप देख सकते हैं, इस साल का तापमान पिछले दस वर्षों के तापमान से काफी कम है, जिससे ठंड का असर अधिक महसूस हो रहा है।

सूखी ठंड का प्रभाव और चुनौती

मौसम में आ रही इस बदलाव के कारण, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए समस्या बढ़ सकती है। सूखी ठंड का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ सकता है। पाला पड़ने के कारण फसलों को भी नुकसान हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सब्जियों और अन्य कृषि उत्पादों की खेती की जाती है। मौसम के इस बदलाव से प्रशासन के लिए भी चुनौती बढ़ सकती है, क्योंकि सूखी ठंड और पाले के कारण सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने ठंड के प्रभाव से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय शुरू कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सर्दी से बचने के लिए उपयुक्त गर्म कपड़े पहनने, खासकर बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखने और ठंडी जगहों पर न जाने की सलाह दी है। साथ ही, कृषि विभाग भी किसानों को समय पर पाला बचाने के उपायों के बारे में जागरूक कर रहा है।

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