Punjab

पंजाब विधानसभा स्पीकर ने आम आदमी पार्टी के तीन नवनिर्वाचित विधायकों को दिलाई शपथ

पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के तीन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई। इस समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा भी उपस्थित थे। शपथ ग्रहण की यह प्रक्रिया पंजाब की राजनीति के एक अहम पल के रूप में उभरकर सामने आई, जो राज्य के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करने वाली मानी जा रही है।

शपथ ग्रहण के दौरान क्या हुआ?

सभी विधायकों ने विधानसभा परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह में विधिवत शपथ ली। सबसे पहले विधानसभा हलका चब्बेवाल से डॉक्टर इशांक ने विधायक पद की शपथ ली। इसके बाद डेरा बाबा नानक हलके से गुरदीप सिंह रंधावा और गिद्दड़बाहा हलके से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने भी शपथ ली। इन तीनों विधायकों ने पंजाबी में अपनी शपथ ली और विधानसभा की नियमों के प्रति अपनी निष्ठा और प्रतिबद्धता जाहिर की।

शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान और पंजाब आप के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने उन्हें बधाई दी और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इन विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पार्टी के कई अन्य नेता और समर्थक भी मौजूद थे, जिन्होंने इस अवसर को सफल और ऐतिहासिक बनाने में योगदान दिया।

कांग्रेस के विधायक ने शपथ क्यों नहीं ली?

जहां तीन आम आदमी पार्टी के विधायक शपथ ले रहे थे, वहीं कांग्रेस पार्टी के बरनाला हलके के नवनिर्वाचित विधायक कुलदीप सिंह ढिल्लों उर्फ काला ढिल्लों इस शपथ ग्रहण समारोह से बाहर रहे। वह इस शपथ समारोह में शामिल नहीं हुए और फिलहाल उन्होंने विधायक पद की शपथ नहीं ली।

कांग्रेस पार्टी के विधायक के शपथ ग्रहण में शामिल न होने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कुलदीप सिंह ढिल्लों ने पार्टी के भीतर कुछ विवादों के कारण शपथ समारोह में भाग लेने से मना किया है। इस मामले में कांग्रेस के उच्च पदाधिकारियों ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में एक नई चर्चा शुरू कर दी है।

शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री भगवंत मान की उपस्थिति

इस शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी उपस्थित थे। उन्होंने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों को शुभकामनाएं दी और कहा कि उनकी पार्टी की पूरी टीम पंजाब के विकास में तेजी लाने के लिए कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नवनिर्वाचित विधायकों से अपेक्षाएं व्यक्त कीं कि वे जनहित में कार्य करें और लोगों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करें।

उन्होंने कहा, “आप पार्टी का मुख्य उद्देश्य पंजाब को एक बेहतर राज्य बनाना है, जहां हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बेहतर सुविधाएं मिल सकें।” मुख्यमंत्री मान ने शपथ ग्रहण करने वाले विधायकों से अपील की कि वे अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाएं और अपनी पार्टी की नीतियों को पूरी तरह से लागू करें।

पंजाब की राजनीति में नया मोड़

इस शपथ ग्रहण समारोह के बाद से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। इस समय पंजाब विधानसभा में आप पार्टी का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। विशेष रूप से भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य की राजनीति में बदलाव की उम्मीदें बढ़ी हैं।

हालांकि, कांग्रेस के विधायक के शपथ ग्रहण से इनकार ने एक सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कांग्रेस पार्टी में किसी तरह का आंतरिक विवाद चल रहा है? क्या इससे पार्टी की राजनीति में कोई हलचल होने वाली है? कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच शपथ ग्रहण न लेने के कारणों को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है, लेकिन इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति को और भी जटिल बना दिया है।

पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इस अवसर पर कहा, “यह एक ऐतिहासिक दिन है, जब हमारे पार्टी के तीन विधायक विधानसभा में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो गए हैं। हम सब मिलकर पंजाब को एक नया दिशा देने के लिए काम करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी पार्टी का उद्देश्य हमेशा से पंजाब के नागरिकों की भलाई और प्रदेश के विकास के लिए काम करना रहा है। हम सभी विधायकों से अपेक्षाएं रखते हैं कि वे अपनी पूरी मेहनत और निष्ठा से प्रदेश की सेवा करें।”

कांग्रेस और आप के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा

पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत और कांग्रेस के अंदर उठते विवादों के बीच, यह स्थिति और भी दिलचस्प हो जाती है। कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि यह पार्टी के भीतर नेतृत्व संकट की ओर इशारा करता है। वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि वह अब पंजाब में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकती है।

आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में और भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों के अंदर की गतिविधियों और चुनावों के परिणामों पर नजर रखना बहुत महत्वपूर्ण होगा।

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