Uttarkashi Mosque:अतिक्रमण जांच समिति जल्द ही मस्जिद पक्ष के दस्तावेजों की जांच करेगी
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जनपद में पिछले चार माह से चल रहे मस्जिद विवाद पर अब एक नया मोड़ आ सकता है। अतिक्रमण जांच समिति द्वारा मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए जल्द ही कार्यवाही शुरू की जाएगी। समिति ने कुछ दिनों पहले मस्जिद के दस्तावेजों पर शक जताते हुए जमीन के खातेदारों को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद खातेदारों और उनके आश्रितों ने समिति को संयुक्त रूप से जवाब और दस्तावेजों की प्रतिलिपियां सौंपी हैं। अब, इन दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।
मस्जिद विवाद की पृष्ठभूमि
उत्तरकाशी जिले में मस्जिद विवाद पिछले चार महीनों से गहराता जा रहा है। यह विवाद केवल स्थानीय मस्जिद तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसे लेकर विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के बीच तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली है। अल्पसंख्यक सेवा समिति ने इस मामले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है, जबकि देवभूमि विचार मंच ने मस्जिद के खिलाफ महापंचायत आयोजित की थी। इसके बाद अब बजरंग दल के नेतृत्व में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
इस बीच, जिला प्रशासन ने भी इस मसले पर गंभीरता से ध्यान देते हुए अतिक्रमण जांच समिति का गठन किया था। डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के निर्देश पर गठित इस समिति का मुख्य उद्देश्य मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों की जांच करना है, ताकि इस विवाद को कानूनी रूप से सुलझाया जा सके।
समिति की नोटिस और दस्तावेजों की जांच
अतिक्रमण जांच समिति के अध्यक्ष एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला ने कुछ दिनों पहले मस्जिद की जमीन के खातेदारों को नोटिस जारी किए थे। इनमें से 9 खातेदारों को नोटिस भेजे गए थे, जिनमें से तीन खातेदारों का निधन हो चुका है। आश्चर्यजनक रूप से, इन खातेदारों और उनके आश्रितों ने प्रशासन को संयुक्त रूप से एक जवाब दिया और दस्तावेजों की प्रतिलिपियां सौंपी। इन दस्तावेजों की जांच अब बहुत जल्द की जाएगी।
हालांकि समिति के सदस्य अब तक महापंचायत और अन्य कार्यों में व्यस्त थे, इसलिए दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी। लेकिन अब समिति ने स्पष्ट किया है कि वह जल्द ही इन दस्तावेजों की समीक्षा करेगी, और यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
समिति का गठन और सदस्य
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के निर्देश पर 3 सितंबर को अतिक्रमण की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया था। इस समिति के अध्यक्ष एसडीएम मुकेश चंद रमोला हैं, जबकि इसमें सीओ, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और पालिका की अधिशासी अधिकारी भी सदस्य के रूप में शामिल हैं। यह समिति पूरी तरह से निष्पक्ष और कानूनी प्रक्रिया के तहत मस्जिद से जुड़े दस्तावेजों की जांच करेगी।
समिति के सदस्य यह सुनिश्चित करेंगे कि मस्जिद की भूमि पर किसी प्रकार का अवैध कब्जा या अतिक्रमण तो नहीं किया गया है। इसके साथ ही, यह जांच भी की जाएगी कि संबंधित दस्तावेज सही हैं या उनमें कोई गड़बड़ी तो नहीं की गई है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
उत्तरकाशी में इस मस्जिद विवाद को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों से अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। जहां एक ओर अल्पसंख्यक सेवा समिति इस मुद्दे को न्यायालय में ले गई है और इसे धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता का मामला मान रही है, वहीं देवभूमि विचार मंच ने मस्जिद के खिलाफ महापंचायत आयोजित की थी।
महापंचायत के बाद, बजरंग दल ने भी मस्जिद के खिलाफ आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। संगठन के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मस्जिद के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, और इसके लिए वे सड़क पर उतरने का भी संकेत दे चुके हैं।
प्रशासन की भूमिका
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने इस मामले को पूरी गंभीरता से लिया है। अतिक्रमण जांच समिति का गठन इसका प्रमाण है कि प्रशासन इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए तैयार है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर यह विवाद अब तक पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है, लेकिन प्रशासन का मानना है कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद ही इस मामले का समाधान निकाला जा सकेगा।
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि प्रशासन सभी पक्षों को सुनने के बाद ही उचित कदम उठाएगा। उनका कहना है, “हमारी प्राथमिकता यह है कि कोई भी पक्ष कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए। मस्जिद विवाद को लेकर सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।”