यूपीसीएल ने दिसंबर में बिजली दरों में 85 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट दी, उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने दिसंबर महीने में बिजली उपभोक्ताओं को एक और राहत देने का ऐलान किया है। कंपनी ने फ्यूल एंड पावर परचेज कोस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) के तहत बिजली दरों में 85 पैसे प्रति यूनिट तक की औसत छूट दी है। इस कदम से लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे उनके बिजली बिलों में भारी कमी आएगी।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक (एमडी) अनिल कुमार ने इस राहत के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियामक आयोग ने बिजली खरीद की औसत खरीद लागत 5.03 रुपये प्रति यूनिट तय की हुई है। हालांकि, यूपीसीएल ने इस महीने इन तय दरों से कम कीमत पर बिजली खरीदी, जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को होने वाला है। इस किफायती खरीद के कारण उपभोक्ताओं को लगभग 85 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट मिलेगी। यूपीसीएल के इस कदम से दिसंबर में उपभोक्ताओं को कुल 103 करोड़ 52 लाख रुपये की छूट मिलने की संभावना है।
फ्यूल एंड पावर परचेज कोस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) का प्रभाव
एफपीपीसीए एक ऐसी प्रणाली है, जिसके तहत बिजली वितरण कंपनियों को अपनी बिजली खरीद लागत में बदलाव को ग्राहकों तक पहुँचाने की अनुमति मिलती है। यूपीसीएल ने इस व्यवस्था का फायदा उठाते हुए दिसंबर में बिजली खरीद के लिए अपनी औसत लागत को 5.03 रुपये प्रति यूनिट के बजाय कम कीमत पर बिजली खरीदी। इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को उनके मासिक बिजली बिलों में सीधे-सीधे राहत मिलने वाली है।
यूपीसीएल द्वारा खरीदी गई सस्ती बिजली के कारण बिजली की कीमत में जो गिरावट आई है, उसका सीधा फायदा सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को मिलेगा। खासकर घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए यह राहत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इनके बिलों में बड़ी छूट दी जाएगी।
पहले भी मिल चुकी है छूट
यह पहली बार नहीं है जब यूपीसीएल ने उपभोक्ताओं को बिजली की कीमत में कमी दी है। इससे पहले अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक भी उपभोक्ताओं को छूट दी गई थी। अप्रैल से अक्टूबर तक यूपीसीएल ने विभिन्न महीनों में कुल 84.19 करोड़ रुपये की बचत की, जिससे उपभोक्ताओं को औसतन 88 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी गई थी।
- जुलाई में 39.06 करोड़ रुपये की बचत से 30 पैसे प्रति यूनिट की छूट
- अगस्त में 67.10 करोड़ रुपये की बचत से 52 पैसे प्रति यूनिट की छूट
- सितंबर में 28.88 करोड़ रुपये की बचत से 23 पैसे प्रति यूनिट की छूट
- अक्टूबर में 84.19 करोड़ रुपये की बचत से 70 पैसे प्रति यूनिट की छूट
- नवंबर में 104.49 करोड़ रुपये की बचत से औसतन 88 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी गई थी।
किसे कितनी छूट मिलेगी?
दिसंबर में होने वाली इस छूट का लाभ विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं को मिलेगा। यूपीसीएल द्वारा घोषित दरों के अनुसार, विभिन्न उपभोक्ताओं को अलग-अलग छूट मिलेगी। नीचे दी गई सूची में उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट छूट की जानकारी दी गई है:
1. घरेलू उपभोक्ता
घरेलू उपभोक्ताओं को दिसंबर में 25 पैसे से लेकर 68 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट मिलेगी, जो उनके बिजली बिलों में एक महत्वपूर्ण कमी का कारण बनेगी।
2. अघरेलू उपभोक्ता
अघरेलू उपभोक्ताओं को 98 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी। यह सुविधा उन उपभोक्ताओं को मिलेगी जो व्यावसायिक या अन्य उद्देश्यों के लिए बिजली का उपयोग करते हैं।
3. गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी
सरकारी पब्लिक यूटिलिटी को 92 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी, जो राज्य के विभिन्न सरकारी उपयोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
4. प्राइवेट ट्यूबवेल उपभोक्ता
प्राइवेट ट्यूबवेल उपयोगकर्ताओं को 30 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी, जो उनके कृषि कार्यों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
5. कृषि गतिविधियां
कृषि गतिविधियों के लिए 42 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी, जो किसानों के लिए राहत का एक अहम कदम है।
6. एलटी इंडस्ट्री
लो वोल्टेज (एलटी) इंडस्ट्रीज को 91 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी, जिससे इन उद्योगों को अपनी उत्पादन लागत को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
7. एचटी इंडस्ट्री
हाई वोल्टेज (एचटी) इंडस्ट्रीज को भी 91 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी, जो उनके परिचालन लागत में कमी करेगी।
8. मिक्स लोड
मिक्स लोड उपभोक्ताओं को 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी, जो विभिन्न प्रकार के विद्युत उपभोग के लिए है।
9. रेलवे ट्रैक्शन
रेलवे ट्रैक्शन को भी 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी, जिससे भारतीय रेलवे को अपनी ऊर्जा लागत कम करने में मदद मिलेगी।
10. ईवी चार्जिंग स्टेशन
इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों को 81 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया जाएगा।
यूपीसीएल के इस कदम का महत्व
यूपीसीएल द्वारा दी जा रही छूट न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत का कारण है, बल्कि यह राज्य सरकार की बिजली खरीद नीति और वितरण प्रणाली की दक्षता को भी प्रदर्शित करता है। इस निर्णय से बिजली की खपत में वृद्धि हो सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली की लागत एक प्रमुख मुद्दा रहा है।
इतना ही नहीं, यह कदम राज्य सरकार के स्वच्छ ऊर्जा नीति की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। अगर यूपीसीएल की स्मार्ट खरीदारी की नीति इसी तरह सफल रहती है, तो भविष्य में और भी अधिक उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा, और राज्य को सस्ती और पर्यावरण मित्र बिजली मिल सकेगी।
इस पहल से यूपीसीएल की छवि भी मजबूत हुई है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं के हित में निरंतर काम कर रहा है। यूपीसीएल की यह छूट योजना राज्य में बिजली की उपलब्धता और किफायती दरों को लेकर एक सकारात्मक संदेश भेजने का कार्य करेगी।