99% लोग नहीं जानते प्राइवेट जेट्स में पेट्रोल की बजाय जेट फ्यूल का इस्तेमाल होता है, जानिए
प्राइवेट जेट्स में अक्सर पेट्रोल का इस्तेमाल होने की बात सामान्य समझ में आती है, लेकिन असल में ऐसा नहीं होता। लगभग 99% लोग ये बात नहीं जानते होंगे कि प्राइवेट जेट्स के लिए पेट्रोल की बजाय एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) या जेट फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। यह विशेष प्रकार का फ्यूल जेट इंजन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उच्च तापमान और कम दबाव में भी स्थिरता के साथ काम करता है। यह फ्यूल जेट इंजन के लिए बिल्कुल परफेक्ट और सुरक्षित होता है। खास बात यह है कि यह फ्यूल कैरोसीन-बेस्ड होता है और सामान्य पेट्रोल की तुलना में पूरी तरह से अलग होता है।
आइए जानते हैं एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) और प्राइवेट जेट्स के फ्यूल एफिशिएंसी से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) की खासियत और कार्यप्रणाली
एविएशन टर्बाइन फ्यूल, जिसे हम सामान्यत: जेट फ्यूल के नाम से जानते हैं, एक उच्च गुणवत्ता वाला ईंधन होता है। यह खासतौर पर जेट इंजन को सही तरीके से चलाने के लिए तैयार किया जाता है। इसकी निर्माण प्रक्रिया में ऐसा फ्यूल इस्तेमाल किया जाता है, जो उच्च तापमान और कम दबाव में भी बिना किसी दिक्कत के काम कर सके। सामान्य पेट्रोल या डीजल की तुलना में, जेट फ्यूल का मिश्रण और संरचना जेट इंजन की कार्यशक्ति को बेहतर बनाने के लिए उपयुक्त होती है।
यह फ्यूल कैरोसीन-बेस्ड होता है, जो एक खास प्रकार का हाइड्रोकार्बन होता है और बहुत ही उच्च ऑक्टेन रेटिंग के साथ आता है। यह स्थिरता के साथ उच्च गति पर काम करता है और इंजनों के लिए बहुत सुरक्षित होता है।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल के फायदे
- उच्च तापमान सहन क्षमता: जेट इंजन को उच्च तापमान में काम करने की जरूरत होती है, और एविएशन फ्यूल इस तापमान को सहन करने में सक्षम होता है। यह इंजन को अत्यधिक गर्मी और दबाव से बचाता है, जिससे इंजन की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
- कम प्रेशर में स्थिरता: जेट फ्यूल को ऐसे इंजनों में इस्तेमाल किया जाता है जो कम दबाव में भी काम करते हैं। एटीएफ की संरचना इस दबाव में स्थिर रहती है, जिससे इंजन की कार्यप्रणाली प्रभावित नहीं होती।
- ऊर्जा दक्षता: ATF, सामान्य ईंधन की तुलना में अधिक ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे विमान की यात्रा अधिक कारगर और इकोनॉमिकली सक्षम होती है।
प्राइवेट जेट्स की फ्यूल एफिशिएंसी: छोटी और बड़ी जेट्स के बीच अंतर
प्राइवेट जेट्स की फ्यूल एफिशिएंसी का मापने का तरीका आम कारों से थोड़ा अलग होता है। प्राइवेट जेट्स के लिए, ईंधन का खपत इस बात पर निर्भर करता है कि जेट कितने बड़े हैं और उसमें कितने यात्री सफर कर रहे हैं।
छोटे प्राइवेट जेट्स
जैसे Cessna Citation जैसे छोटे जेट्स औसतन 2-3 गैलन प्रति मील ईंधन जलाते हैं। इसका मतलब है कि ये छोटे जेट्स प्रति मील की यात्रा के लिए 2 से 3 गैलन जेट फ्यूल का इस्तेमाल करते हैं।
बड़े प्राइवेट जेट्स
बड़े जेट्स, जैसे कि Gulfstream G650, अधिक वजन और क्षमता वाले होते हैं। इसलिए, यह बड़े जेट्स 5-6 गैलन प्रति मील तक फ्यूल जलाते हैं। इन जेट्स का ईंधन खपत ज्यादा होने का कारण उनकी बड़ी संरचना और अधिक यात्रा दूरी होती है।
पैसेंजर माइल्स प्रति गैलन (Passenger miles per gallon)
यदि जेट में अधिक यात्री यात्रा कर रहे हों, तो इसकी फ्यूल एफिशिएंसी बेहतर हो जाती है। उदाहरण के लिए, छोटे जेट्स जो 4-6 यात्री ले जाते हैं, वे प्रति गैलन 10-15 यात्री मील दे सकते हैं।
Passenger miles per gallon (PMPG) का मतलब यह है कि प्रत्येक गैलन फ्यूल पर कितने यात्री मील तय किए जा सकते हैं। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो, जितने अधिक यात्री एक विमान में यात्रा कर रहे हैं, उतनी बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी मिलती है।
जेट फ्यूल का माइलेज
एक गैलन एविएशन फ्यूल लगभग 3.78 लीटर के बराबर होता है। माइलेज आमतौर पर विमान की यात्रा की दूरी और उसमें लोड किए गए यात्रियों की संख्या के आधार पर बदलता है। इसलिए, जेट का माइलेज केवल विमान के आकार पर निर्भर नहीं करता, बल्कि उसमें कितने लोग सफर कर रहे हैं, इस पर भी निर्भर करता है।
एविएशन फ्यूल की कीमत और मेंटेनेंस
एविएशन फ्यूल की कीमत सामान्य वाहन फ्यूल की तुलना में थोड़ी अलग होती है। जेट फ्यूल का मूल्य कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतें, स्थानीय आपूर्ति, और विशेष हवाई अड्डे पर इसकी उपलब्धता।
इसके अलावा, प्राइवेट जेट्स का मेंटेनेंस भी काफी महंगा होता है। जेट के इंजन और अन्य महत्वपूर्ण पार्ट्स का रखरखाव अत्यधिक खर्चीला होता है। इंजन की सफाई, फ्यूल सिस्टम की जांच, और नियमित सर्विसिंग की आवश्यकता होती है, ताकि विमान सुरक्षित और कार्यशील बना रहे।
एविएशन फ्यूल की उपलब्धता
एविएशन फ्यूल की उपलब्धता अलग-अलग हवाई अड्डों पर भिन्न हो सकती है। जहां बड़े हवाई अड्डों पर यह फ्यूल आसानी से उपलब्ध होता है, वहीं छोटे हवाई अड्डों पर इसकी उपलब्धता सीमित हो सकती है। इसके अलावा, छोटे और बड़े विमानों के लिए जेट फ्यूल के प्रकार में भी अंतर हो सकता है, जिसे उड़ान के दौरान ईंधन दक्षता के लिहाज से चुना जाता है।