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ICC के नए अध्यक्ष जय शाह की बैठक चैंपियंस ट्रॉफी पर पाकिस्तान की शर्तों को लेकर मचा बवाल

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नवनियुक्त अध्यक्ष जय शाह गुरुवार को 16 सदस्यीय बोर्ड के साथ अपनी पहली महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य मुख्य रूप से नए अध्यक्ष का परिचय कराना और वैश्विक क्रिकेट संरचना पर विचार-विमर्श करना है। हालांकि, चैंपियंस ट्रॉफी के मुद्दे पर अभी तक कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया गया है, और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की शर्तों को लेकर स्थिति में अभी भी अस्पष्टता बनी हुई है।

जय शाह ने 1 दिसंबर 2023 को आईसीसी के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था, और यह उनकी पहली बोर्ड बैठक होगी। इस बैठक में वह पहले से तय किए गए बोर्ड सदस्यों के साथ बैठेंगे, जिनमें 12 पूर्णकालिक सदस्य देश, तीन सहयोगी देश, और आईसीसी के अध्यक्ष शामिल हैं। बैठक का एजेंडा चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर कोई निर्णायक कदम उठाना नहीं है, बल्कि मुख्य उद्देश्य नए अध्यक्ष का परिचय देना और बोर्ड की प्राथमिकताओं पर चर्चा करना है।

पाकिस्तान की चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर शर्तों पर आईसीसी बोर्ड की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पिछली बैठक में अपनी शर्तों के साथ चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन के लिए हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार किया था, लेकिन यह भी स्पष्ट किया था कि वह भविष्य में भारत में आयोजित होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट में अपने मुकाबले खेलने के लिए तैयार नहीं हैं। पीसीबी ने कहा था कि वे तब तक भारत में कोई भी मैच नहीं खेलेंगे जब तक भारत अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करता।

हालांकि, आईसीसी बोर्ड में शामिल 12 पूर्णकालिक सदस्य देशों और अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान की इस मांग को खारिज कर दिया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी के सभी बोर्ड सदस्यों ने पाकिस्तान को किसी भी लिखित आश्वासन देने से इंकार कर दिया था और यह कहा था कि जब ऐसी स्थिति आएगी, तब उस पर निर्णय लिया जाएगा।

एक महिला प्रतिनिधि भी आईसीसी बोर्ड में शामिल हैं, जो बैठक के दौरान मौजूद थीं, लेकिन उनके द्वारा भी पाकिस्तान की शर्तों पर कोई अलग रुख नहीं अपनाया गया। आईसीसी के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे पर कोई निर्णय तब तक नहीं लेंगे जब तक वास्तविक परिस्थितियाँ सामने नहीं आतीं।

पाकिस्तान की जिद और आईसीसी के समक्ष संभावित परिणाम

आईसीसी बोर्ड के सदस्यों द्वारा पाकिस्तान की मांग को खारिज किए जाने के बाद यह सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान अपनी शर्तों पर अड़ा रहता है तो क्या होगा? आगामी बोर्ड बैठक में अगर चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर कोई चर्चा उठती है, तो पाकिस्तान को अपने रुख पर पुनर्विचार करना होगा, क्योंकि उसके पास इस मामले पर कहने के लिए ज्यादा कुछ नहीं बचा है।

अगर पाकिस्तान अपनी मांग पर अड़ा रहता है और भविष्य के टूर्नामेंट में भारत में अपने मैच खेलने से इंकार करता है, तो आईसीसी के पास दो संभावनाएँ हो सकती हैं:

1. आईसीसी पाकिस्तान के बिना चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन कर सकता है

आईसीसी यह निर्णय ले सकता है कि चैंपियंस ट्रॉफी को पाकिस्तान के बिना किसी अन्य देश में आयोजित किया जाए और पाकिस्तान की जगह किसी और टीम को प्रतिस्थापित किया जाए। अगर पाकिस्तान भारत में अपने मैच नहीं खेलने पर अड़ा रहता है, तो इस विकल्प की संभावना बनती है।

2. चैंपियंस ट्रॉफी को रद्द कर दिया जाए

आईसीसी की तरफ से चैंपियंस ट्रॉफी को रद्द करने का भी एक विकल्प हो सकता है। हालांकि, यह विकल्प आईसीसी के लिए खासा कठिन हो सकता है, क्योंकि टूर्नामेंट के आयोजन के लिए पूरे साल की एक निर्धारित विंडो खोज पाना आसान नहीं होगा। टूर्नामेंट को रद्द करना आईसीसी के लिए नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि यह क्रिकेट के वैश्विक कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण इवेंट है।

हालांकि, पाकिस्तान के लिए यह स्थिति और भी कठिन हो सकती है, क्योंकि उसने पहले ही अपने स्टेडियम के नवीनीकरण का कार्य शुरू कर दिया है। अगर चैंपियंस ट्रॉफी रद्द हो जाती है या पाकिस्तान के बिना आयोजित की जाती है, तो पाकिस्तान को आर्थिक रूप से भी बड़ा नुकसान हो सकता है।

पाकिस्तान का रुख और उसके परिणाम

पीसीबी की मांग और आईसीसी बोर्ड के नकारात्मक रुख को देखते हुए पाकिस्तान का रुख महत्वपूर्ण होगा। अगर पाकिस्तान भविष्य में अपनी शर्तों पर अड़ा रहता है तो उसे यह समझना होगा कि यह क्रिकेट की वैश्विक संस्था के लिए सिर्फ एक टूर्नामेंट का मसला नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट की एकता और विश्वभर में खेल के प्रसार के लिए एक अहम निर्णय हो सकता है।

आईसीसी के सदस्य देश भी यह चाहते हैं कि क्रिकेट के विकास और सम्मान के लिए सभी टीमें और देशों को एकजुट होकर काम करना चाहिए, न कि किसी एक टीम के आग्रह पर क्रिकेट कैलेंडर में बदलाव किए जाएं।

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