Uttarakhand

उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को 22 दिनों के बाद मिली राहत, BS3 BS4 बसों का संचालन फिर से शुरू

नई दिल्ली: दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 (GRAP-4) के तहत लागू की गई पाबंदियों के कारण उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का संचालन 14 नवंबर से ठप हो गया था। हालांकि, बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने इन बसों के संचालन पर लगाई गईं पाबंदियों को हटा दिया है। अब, शुक्रवार से उत्तराखंड परिवहन निगम की लगभग 221 बीएस-3 और बीएस-4 बसों का संचालन दिल्ली रूट पर फिर से शुरू हो जाएगा।

दिल्ली सरकार ने जारी किया आदेश, बसों का संचालन फिर से शुरू

14 नवंबर को दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 (GRAP-4) लागू किया गया था, जिसके अंतर्गत प्रदूषण नियंत्रण के लिए बीएस-3 और बीएस-4 मानकों की बसों का संचालन दिल्ली में प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस आदेश के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम की 194 सामान्य और 27 वॉल्वो बसों का संचालन पूरी तरह से रुक गया था।

हालांकि, 22 दिनों तक दिल्ली जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, दिल्ली सरकार ने 22 दिनों बाद इन बसों पर लगी पाबंदी को हटा दिया है। बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया कि शुक्रवार से उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का संचालन फिर से दिल्ली रूट पर शुरू किया जाएगा।

22 दिन तक यात्रियों को झेलनी पड़ीं मुश्किलें

उत्तराखंड से दिल्ली के बीच परिवहन निगम की बसों का संचालन बंद होने से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्री घंटों तक बसों का इंतजार करते रहे और कई बार तो उन्हें दिल्ली जाने के लिए बसें ही नहीं मिल पाईं। खासकर, वे लोग जो दिल्ली में काम करते हैं या परिवार से मिलने जा रहे थे, उन्हें इस समस्या का अधिक सामना करना पड़ा।

बसों के संचालन के ठप होने के कारण, यात्रियों को निजी बसों और टैक्सियों का सहारा लेना पड़ा, जो कि काफी महंगे थे। निजी वाहनों में यात्रा करने के लिए यात्रियों को दो से तीन गुना अधिक किराया चुकाना पड़ रहा था। इस अतिरिक्त खर्च ने उनकी यात्रा को और भी कठिन बना दिया।

यात्रियों के लिए महंगी यात्रा: किराए में तीन गुना बढ़ोतरी

बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों के संचालन बंद होने से यात्रियों को निजी वाहनों में यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान देहरादून से दिल्ली के लिए बड़ी संख्या में निजी बसें और टैक्सियां संचालित हो रही थीं, लेकिन इनका किराया पहले से तीन गुना अधिक था। जो यात्री पहले परिवहन निगम की बसों में कम खर्च पर दिल्ली यात्रा करते थे, उन्हें अब निजी बसों और टैक्सियों के महंगे किराए का सामना करना पड़ा।

यात्री कई बार गहरी परेशानी का सामना करते हुए दिल्ली जाने के लिए जगह-जगह बसों के इंतजार में घंटों बर्बाद करते थे। यह स्थिति उत्तराखंड से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए एक बड़े संकट के रूप में सामने आई थी।

चालकों और परिचालकों को हुआ आर्थिक नुकसान

उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 बसों का संचालन बंद होने से केवल यात्रियों को ही परेशानी नहीं हुई, बल्कि निगम के चालकों और परिचालकों को भी बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ। कई संविदा और विशेष श्रेणी के चालक-परिचालक काम नहीं मिलने के कारण बेरोजगार हो गए थे। इन चालकों और परिचालकों को किमी के हिसाब से वेतन दिया जाता है, और जब बसों का संचालन रुक गया, तो उनका वेतन भी रुक गया।

यह आर्थिक संकट उनके लिए काफी परेशानी का कारण बना, क्योंकि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस वेतन पर निर्भर थे। इस स्थिति ने न केवल चालकों और परिचालकों को, बल्कि उनके परिवारों को भी कठिनाइयों में डाल दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और दिल्ली सरकार का कदम

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, दिल्ली सरकार ने पाबंदियां हटाने का निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार का यह कदम उत्तराखंड परिवहन निगम और यात्रियों दोनों के लिए राहत का कारण बनेगा। दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए जो कदम उठाए गए थे, उनका उद्देश्य है हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों के संचालन में किसी प्रकार की रुकावट नहीं होगी।

दिल्ली सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को जारी किए गए आदेश के अनुसार, शुक्रवार से परिवहन निगम की सभी बीएस-3 और बीएस-4 बसों का संचालन दिल्ली रूट पर फिर से शुरू हो जाएगा। यह कदम न केवल दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए राहत का कारण बनेगा, बल्कि परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिए भी रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

यात्री राहत की उम्मीद में

अब, 22 दिनों के बाद यात्रियों को राहत मिली है, और वे फिर से उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में यात्रा कर सकेंगे। इससे न केवल उन्हें किराए में कमी मिलेगी, बल्कि उनकी यात्रा का समय भी कम होगा। इसके अलावा, चालक और परिचालक भी फिर से काम पर लौट सकेंगे, जिससे उनका आर्थिक संकट भी समाप्त होगा।

इस फैसले से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए एक सुकून की बात यह है कि उन्हें अब किसी प्रकार के महंगे निजी वाहनों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। साथ ही, यह कदम उत्तराखंड परिवहन निगम के लिए भी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि यह निगम की बसों का संचालन फिर से सामान्य स्थिति में आ जाएगा।

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