Uttarakhand

अनुपम खत्री के नेतृत्व में रालोद का शिष्टमंडल पुलिस मुख्यालय पहुँचा, ट्रैफिक व्यवस्था, नशे का कारोबार और थानों की कार्यप्रणाली पर की चर्चा

देहरादून: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश महासचिव और मुख्य प्रवक्ता अनुपम खत्री के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक आईपीएस दीपम सेठ से मुलाकात की। इस दौरान रालोद नेताओं ने पुलिस प्रमुख को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और अन्य गंभीर मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा के प्रमुख बिंदुओं में प्रदेश में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था, नशे का बढ़ता कारोबार, और कई थानों और चौकियों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वाहन नहीं किए जाने पर जोर दिया गया।

नशे का बढ़ता कारोबार, पुलिस की नाकामी

प्रदेश महासचिव अनुपम खत्री ने बैठक के दौरान राज्य में नशे के बढ़ते कारोबार पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “प्रदेश के गांवों से लेकर शहरों की गलियों तक नशा पहुँच गया है। देहरादून के कई स्थानों पर नशा फुटकर सामान की तरह बेचा जा रहा है। नशे का सामान अब मैदानी रास्तों से होते हुए पहाड़ों तक पहुँच चुका है। लेकिन, इसे रोकने में पुलिस तंत्र पूरी तरह से नाकाम रहा है।” अनुपम खत्री ने इस समस्या पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई और सरकार तथा पुलिस प्रशासन से इस पर ठोस कदम उठाने की अपील की।

ट्रैफिक व्यवस्था की गंभीर स्थिति

रालोद महासचिव ने प्रदेश में ट्रैफिक व्यवस्था के बिगड़ने पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है और इससे कई परिवारों को दुख का सामना करना पड़ रहा है। जबकि पुलिस और परिवहन विभाग लगातार इन दुर्घटनाओं को रोकने का प्रयास कर रहे हैं, फिर भी दुर्घटनाओं की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।”

अनुपम खत्री ने ट्रैफिक नियमों की जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन से ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारे प्रयास तभी सफल होंगे जब लोगों को ट्रैफिक नियमों की पूरी और सही जानकारी हो। यह केवल जागरूकता अभियानों से संभव नहीं है, बल्कि लोगों को व्यावहारिक रूप से ट्रैफिक नियमों की शिक्षा देने की आवश्यकता है।”

बच्चों को ट्रैफिक नियमों की शिक्षा देने का सुझाव

रालोद महासचिव ने सुझाव दिया कि सरकारी और निजी विद्यालयों में ट्रैफिक नियमों से संबंधित निरंतर कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों के बच्चों के समूह बनाकर सिग्नल्स और ट्रैफिक व्यवस्था का व्यावहारिक ज्ञान देना चाहिए। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों को इस दिशा में अपने योगदान के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

“जब तक बच्चों को सड़क पर नियमों की सही जानकारी नहीं मिलेगी, तब तक दुर्घटनाओं को रोकना मुश्किल होगा। बच्चों को बचपन से ही ट्रैफिक नियमों की आदत डालनी होगी, ताकि भविष्य में वे सही तरीके से सड़क पर चलें,” खत्री ने कहा।

पुलिस महानिदेशक का रालोद के सुझावों पर सकारात्मक रुख

नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक आईपीएस दीपम सेठ ने रालोद के सभी सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि वह राज्य में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और नशे के कारोबार को रोकने के लिए रालोद के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन इन मामलों में सख्ती से कदम उठाएगा और रालोद जैसे समाजसेवी संगठन से सहयोग की उम्मीद करता है।

दीपम सेठ ने कहा, “हमारे पास इस तरह के मुद्दों पर रालोद का सहयोग मिलने से हम इसे और भी बेहतर तरीके से निपटा सकते हैं। हम रालोद के सुझावों पर गंभीरता से विचार करेंगे और इन मामलों में ठोस कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को जन जागरूकता अभियानों के साथ-साथ अन्य तरीकों से ट्रैफिक नियमों को लागू करने की दिशा में कदम उठाने होंगे।

रालोद की भूमिका को सराहा

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि रालोद ने प्रदेश में कानून व्यवस्था से संबंधित मुद्दों को उठाकर एक सकारात्मक पहल की है। उन्होंने कहा कि रालोद का यह कदम जनहित में है और पार्टी के सुझावों का पुलिस प्रशासन स्वागत करता है। पुलिस प्रशासन भविष्य में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन, नशे की बिक्री और थानों की कार्यप्रणाली पर रोक लगाने के लिए रालोद के साथ मिलकर काम करेगा।

बैठक में रालोद के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे

इस अवसर पर रालोद के महानगर अध्यक्ष गोविंद वाधवा, महानगर महिला मोर्चा अध्यक्ष सुनीता साहनी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनिल देवरानी और कमलप्रीत कौर भी उपस्थित रहे। इन सभी ने पुलिस महानिदेशक से आग्रह किया कि प्रदेश में बढ़ते अपराध और अव्यवस्था को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को और अधिक सक्रिय होना होगा।

रालोद ने यह भी अनुरोध किया कि पुलिस विभाग को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में विशेष अभियान चलाकर नशे के कारोबार और अवैध गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की आवश्यकता है। साथ ही, ट्रैफिक सुरक्षा के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को और अधिक सख्त कदम उठाने चाहिए।।

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