Uttarakhand

उत्तराखंड में सीजन की पहली बर्फबारी, बदले मौसम ने बढ़ाई ठंड

उत्तराखंड में रविवार दोपहर बाद अचानक मौसम का मिजाज बदलने से चारों धामों और हर्षिल घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी शुरू हो गई है। साथ ही, निचले इलाकों में हो रही बारिश के कारण ठंड बढ़ गई है। यह बर्फबारी खासकर तीर्थ स्थलों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में देखी गई, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई है।

चारों धामों में बर्फबारी से पर्यटकों का उत्साह

गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रविवार को मौसम में बदलाव के साथ बर्फबारी शुरू हो गई। गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित सुधांशु सेमवाल ने बताया कि वहां हल्की बर्फबारी हो रही है और रात में भारी बर्फबारी की उम्मीद जताई गई है। वहीं यमुनोत्री धाम में कड़ाके की सर्दी की वजह से गरुड़ गंगा का पानी जम गया है और प्राकृतिक झरने भी बर्फ बन गए हैं।

यमुनोत्री धाम के स्थानीय निवासी मोहन सजवाण ने बताया कि धाम के आसपास की चोटियां पूरी तरह से बर्फ की सफेद चादर से ढक चुकी हैं। निचले इलाकों में हो रही बारिश ने सर्दी को और भी बढ़ा दिया है, जिससे वहां के लोग और पर्यटक बर्फबारी का भरपूर आनंद ले रहे हैं।

केदारनाथ और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी

रविवार को केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ और अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम के बदलने के बाद देर शाम बर्फबारी शुरू हो गई। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य में जुटे सेवानिवृत्त कैप्टन सोवन सिंह बिष्ट ने बताया कि वहां के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जहां अधिकतम तापमान माइनस 8 और न्यूनतम तापमान माइनस 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है।

यही स्थिति चमोली जिले के बदरीनाथ क्षेत्र में भी रही, जहां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में देर शाम बर्फबारी का दौर शुरू हुआ। निचले इलाकों में बूंदाबांदी होने के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। वहीं, चीन सीमा क्षेत्र के माणा पास, घस्तोली, बाड़ाहोती और सुमना क्षेत्र में भी बर्फबारी शुरू हो गई थी।

ठंड में इज़ाफा, स्वास्थ्य पर असर

यहां तक कि कई स्थानों पर ठंड की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कई स्थानों पर पानी की नलियां तक जम गई हैं और लोग अपने घरों के अंदर सर्दी से बचने के लिए अलाव जलाने लगे हैं। इस ठंड के कारण बच्चों और बुजुर्गों को खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है, जो सामान्य रूप से ठंड बढ़ने के कारण होते हैं।

कई लोग पहले से ही सूखी ठंड का शिकार हो चुके थे, लेकिन बर्फबारी के बाद स्थिति में और सुधार आने की संभावना जताई जा रही है। बर्फबारी के कारण शुद्ध वायु और ठंडी हवाएं आने से वातावरण में ताजगी आई है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकता है।

काश्तकारों की चिंता

वहीं, इस समय उत्तराखंड के काश्तकारों में बर्फबारी और बारिश के कारण मिश्रित भावनाएं हैं। खासकर सेब और अन्य फसलों के उत्पादकों को इस मौसम के प्रभाव के कारण चिंता बनी हुई है। इस बार लंबे समय से सूखा और ठंडी हवा का प्रकोप था, लेकिन अब बर्फबारी और बारिश से किसानों को उम्मीद है कि उनकी फसलें सही प्रकार से विकसित हो सकती हैं।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बर्फबारी और बारिश का मिश्रण कृषि के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर सेब जैसे फलों के उत्पादन में। हालांकि, अत्यधिक बर्फबारी और तेज हवाएं फसलों को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं, इसलिए काश्तकारों को सर्दी से बचाव के उपायों पर ध्यान देना होगा।

पर्यटकों का उत्साह और सर्दी की बढ़ती मार

जहां एक ओर बर्फबारी ने पर्यटकों के चेहरे खिला दिए हैं, वहीं स्थानीय लोग भी इस मौसम का भरपूर आनंद ले रहे हैं। पर्यटक विशेष रूप से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा पर पहुंचे हुए हैं। इस सीजन में पहली बार बर्फबारी देखने के लिए पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा हुआ है, खासकर उन पर्यटकों का जो बर्फबारी के बाद इन क्षेत्रों में शांति और ठंड का अनुभव करना चाहते हैं।

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