UTTARAKHAND: आंध्र प्रदेश में सेना के अधिकारी के साथ धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
उत्तराखंड पुलिस ने सेना के एक अधिकारी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले मुख्य आरोपी कारी सुरेश को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने पहले भी एक आरोपी को गिरफ्तार किया था, लेकिन मुख्य आरोपी लगातार नाम और जगह बदलकर छिपा हुआ था। हालांकि, पुलिस की टीम ने कई दिनों की मेहनत के बाद उसे पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है, जिसमें वह लोगों से धोखाधड़ी करने के लिए विभिन्न फर्जी वेबसाइट्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स का इस्तेमाल करता था।
धोखाधड़ी की शिकायत 16 अगस्त 2023 को दर्ज हुई थी
इस मामले की शुरुआत 16 अगस्त 2023 को हुई, जब एक सेना अधिकारी ने ज्योतिर्मठ कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उनसे दो लाख 70 हजार 303 रुपये की धोखाधड़ी की थी। आरोपी ने सेना के अधिकारी को फर्जी तरीके से विश्वास में लेकर उनसे पैसे ट्रांसफर करवा लिए थे।
शिकायत मिलने के बाद, पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और 19 मार्च 2024 को केरल के कोठमांगलम क्षेत्र से एक आरोपी, बी. मानिकंदन को गिरफ्तार किया। हालांकि, मामले का मुख्य आरोपी कारी सुरेश अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर था और वह विभिन्न जगहों पर नाम और स्थान बदलते हुए छिपा हुआ था।
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशाखापट्टनम में चली सख्त कार्रवाई
करीब सात महीने की छानबीन के बाद पुलिस को सुरेश के ठिकाने का पता चला, जिसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस ने पहले आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में आरोपी के बारे में जानकारी एकत्र की और फिर विशाखापट्टनम में उसकी तलाश शुरू की। पुलिस ने स्थानीय अधिकारियों और साइबर सेल के साथ मिलकर क्षेत्र में गहरी छानबीन की और आरोपी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।
पुलिस टीम को स्थानीय पुलिस से सहयोग मिला, जिसके बाद उन्होंने विशाखापट्टनम में तीन दिसंबर 2024 को आरोपी कारी सुरेश (38) को गिरफ्तार किया। कारी सुरेश विशाखापट्टनम का निवासी है और वह लंबे समय से ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाओं में शामिल था।
आरोपी के पास से मोबाइल और धोखाधड़ी के उपकरण मिले
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपी से एक मोबाइल फोन बरामद किया, जिसमें कई व्हाट्सएप ग्रुप्स बने हुए थे। इन ग्रुप्स के माध्यम से वह लोगों को विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी के जाल में फंसाता था। आरोपी ने लोगों को ऑनलाइन नौकरी लगाने, शादी के लिए लड़का-लड़की ढूंढने, आधार कार्ड और पैन कार्ड वेरिफिकेशन जैसे फर्जी कामों के नाम पर ठगा था। इसके अलावा, वह एक फर्जी ऑनलाइन शेयर मार्केट वेबसाइट बना कर लोगों से पैसा लगवाता था और उन्हें निवेश के नाम पर धोखा देता था।
इसके अलावा, आरोपी ने साइबर अरेस्ट का लिंक और ओटीपी भेजकर भी लोगों से धोखाधड़ी की। यह एक प्रकार का साइबर क्राइम था, जिसमें आरोपी ने कई लोगों को झांसा देकर पैसे हड़पे। पुलिस के अनुसार, आरोपी का यह नेटवर्क बेहद संगठित था और उसने अपने जाल में कई लोगों को फंसाया था।