Uttarakhand

DEHRADUN : घंटाघर पर स्पीड ब्रेकर निर्माण के दौरान हादसों की संख्या में वृद्धि, सुरक्षा इंतजामों की कमी

देहरादून शहर में इन दिनों सड़कों पर स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग बनाने का काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत यह निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा में सुधार करना और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि, घंटाघर क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर बनाने के बाद यहां हुए लगातार हादसों ने सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ब्रेकर तो बनाए गए, लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए कोई संकेतक या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए गए, जिससे लोगों को इन ब्रेकर के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई और वे दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इस दौरान कुछ गंभीर दुर्घटनाएं भी हुईं, जिनमें एक बच्चा बुरी तरह घायल हो गया।

घंटाघर पर बढ़े हादसे, स्थानीय लोग परेशान

घंटाघर के समीप स्मार्ट सिटी परियोजना द्वारा बनाए गए स्पीड ब्रेकर पर सोमवार को लगातार सात दुर्घटनाएं हुईं। इन हादसों में से दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए। स्थानीय लोगों के मुताबिक, हादसों के दौरान एक तीन साल का बच्चा भी बुरी तरह ज़ख्मी हो गया। बच्चा अपनी मां के हाथ से छिटककर दूर जाकर गिरा और सिसकते हुए अपने पिता के गले लग गया। हादसा इतना भयंकर था कि बच्चा काफी सहम गया और वह लगातार अपने माता-पिता को पुकारता रहा।

स्थानीय निवासी इस बात से नाराज हैं कि निर्माण के दौरान स्पीड ब्रेकर तो बनाए गए, लेकिन इनकी चेतावनी के लिए कोई संकेतक या बैरियर नहीं लगाया गया। इसकी वजह से लोग अनजान रहे और स्पीड ब्रेकर से टकराकर चोटिल हो गए। कई लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो गए, और इससे स्थानीय लोगों के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ गई है।

स्मार्ट सिटी की जनसंपर्क अधिकारी का बयान

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्मार्ट सिटी की जनसंपर्क अधिकारी प्रेरणा ध्यानी ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान पेंटिंग का काम नहीं किया जा सकता है, इसलिए स्पीड ब्रेकर के पास बैरियर लगाकर रोड को बंद कर दिया गया है। उनके अनुसार, पेंटिंग का काम बाद में किया जाएगा, लेकिन यह साफ नहीं किया गया कि बैरियर की कमी से हादसे क्यों हो रहे हैं।

प्रेरणा ध्यानी ने यह भी कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य सड़कों पर दुर्घटनाओं को कम करना था, लेकिन इस प्रक्रिया में सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। यह प्रशासन और स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए एक बड़ा सवाल है, क्योंकि इस काम को पूरा करने के बाद कोई विचारशीलता सुरक्षा इंतजामों की थी।

ओएनजीसी चौक और अन्य स्थानों पर किए गए सुधार

स्मार्ट सिटी के तहत पिछले कुछ महीनों में शहर के विभिन्न हिस्सों में सड़क सुरक्षा उपायों पर काम किया गया है। ओएनजीसी चौक पर भी स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग बनाई गई थी, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हुआ था। इसके अलावा, राजपुर रोड पर नए डिवाइडर लगाए जा रहे हैं, ताकि वाहनों के आपस में टकराने की संभावना कम हो सके। हालांकि, घंटाघर क्षेत्र में किए गए सुधारों ने समस्या पैदा कर दी है, और यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन सुधारों में सुरक्षा पहलुओं को पर्याप्त ध्यान में रखा गया है।

सड़क हादसों की बढ़ती संख्या और प्रशासन की जिम्मेदारी

सड़क हादसों की बढ़ती संख्या ने प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। लगातार हो रही दुर्घटनाओं से लोगों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है। सवाल यह उठता है कि जब सड़क सुरक्षा उपायों को लागू किया जा रहा है, तो क्या प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इन उपायों के साथ-साथ सुरक्षा इंतजाम भी पूरी तरह से किए जाएं।

स्थानीय लोग और राहगीर अक्सर शिकायत करते हैं कि शहर में यातायात के नियमों का पालन नहीं किया जाता और सड़कों पर हो रहे निर्माण कार्य के बावजूद सुरक्षा के इंतजाम पूरी तरह से नहीं होते। घंटाघर और अन्य क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर के निर्माण के दौरान इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया, जिसके कारण हादसों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

प्रशासन से अपेक्षाएँ

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किए जा रहे कामों में सुरक्षा के पहलुओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। जब तक सड़क पर कोई नया सुधार किया जाता है, तब तक लोगों को सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग के निर्माण के दौरान चेतावनी बोर्ड्स और बैरियर लगाना आवश्यक है ताकि लोग इन बदलावों से अवगत हों।

साथ ही, स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्माण कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए पर्याप्त सावधानियां बरती जाएं। इन सुधारों के साथ ही, रोड पर काम करते समय पेंटिंग, साइन बोर्ड्स और बैरियर जैसे जरूरी सुरक्षा उपायों का भी ध्यान रखा जाए।

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