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दिल्ली में बर्फबारी का असर: शीतलहर का येलो अलर्ट

दिल्ली में तापमान में गिरावट,

दिल्ली में पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर अब राजधानी के मौसम पर भी दिखने लगा है। दिल्ली में अचानक तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, और शहर में शीतलहर ने एक बार फिर से दस्तक दी है। दिल्ली के आयानगर और सफदरजंग इलाके में तापमान में गहरी गिरावट आई है, जिससे ठंड में इजाफा हुआ है। इस गिरावट के साथ ही, दिल्ली में शीतलहर ने 28 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जो पिछले कुछ दशकों में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज करने वाला दिन साबित हो सकता है।

मौसम विभाग ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अगले दो दिनों यानी बृहस्पतिवार और शुक्रवार के लिए शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। इसमें तापमान के और गिरने की संभावना जताई गई है, और न्यूनतम तापमान चार से छह डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है।

दिल्ली में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट

आज दिल्ली में तापमान में एक दिन पहले के मुकाबले काफी गिरावट आई है। आयानगर में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, वहीं सफदरजंग में यह 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान इस सीजन में अब तक का सबसे कम तापमान है। मंगलवार के मुकाबले, आज न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री की गिरावट आई है। 11 दिसंबर, 1996 को 2.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया था, जो इस दिन के तापमान से अधिक ठंडा था। हालांकि, अब तक का सबसे कम तापमान 27 दिसंबर, 1930 को दर्ज किया गया था, जब सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 0.0 डिग्री सेल्सियस था।

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में आज न्यूनतम तापमान में गिरावट की वजह हिमालय से आने वाली ठंडी हवाएं हैं। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में कमी आने के कारण हवा का प्रवाह बदल गया है, जो इस ठंडी का कारण बना है। इस बदलाव से दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में ठंड में इजाफा हुआ है, जिससे शीतलहर की स्थिति बन गई है।

शीतलहर का असर और दिल्लीवासियों को बढ़ी मुश्किलें

दिल्ली में शीतलहर का असर विशेष रूप से वृद्धजन, बच्चों और कमजोर स्वास्थ्य वाले व्यक्तियों पर ज्यादा पड़ सकता है। शीतलहर के दौरान तापमान में गिरावट के साथ-साथ हवा की गति भी तेज हो सकती है, जो शरीर को अधिक ठंडा करती है और गर्मी के कपड़े भी प्रभावी नहीं होते। ऐसी स्थिति में, विशेष रूप से खुले स्थानों पर काम करने वाले लोग या सड़क पर यातायात करने वाले लोग अत्यधिक ठंड का शिकार हो सकते हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में दिल्लीवासियों को इस सर्दी का और अधिक सामना करना पड़ सकता है। विभाग ने सभी से अपील की है कि वे ठंड से बचने के लिए जरूरी एहतियात बरतें, जैसे कि गर्म कपड़े पहनें, और खासकर उन लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित करें जो ठंड से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

शीतलहर के कारण: हिमालय से आने वाली ठंडी हवाएं

मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में हो रही शीतलहर का मुख्य कारण हिमालय से आ रही ठंडी हवाएं हैं। जब पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होता है, तो हवाओं का रुख बदलता है और यह ठंडी हवाएं दिल्ली की ओर आ जाती हैं। यह हवाएं न केवल तापमान को घटाती हैं, बल्कि हवा की गति भी बढ़ाती हैं, जिससे ठंड का असर और अधिक बढ़ जाता है।

पश्चिमी विक्षोभ एक मौसम प्रणाली है, जो सामान्यत: उत्तर-पश्चिमी भारत में सक्रिय होती है। जब इसका प्रभाव कम होता है, तो सामान्यत: ठंडी हवाएं दिल्ली जैसे मैदानी क्षेत्रों की ओर बढ़ती हैं, और इस समय यह स्थिति बन गई है।

अधिकतम तापमान में भी गिरावट

दिल्ली में शीतलहर के साथ-साथ अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई है। आज अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम था। 24 घंटे के भीतर इसमें 2 डिग्री की कमी देखी गई है। इस गिरावट का प्रभाव दिनभर की सर्दी पर भी पड़ा है, और लोगों को धूप में भी ठंड का अनुभव हो रहा है।

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