कर्णप्रयाग में आयोजित विवाह में 40 गरीब बच्चों को बनाया गया मुख्य बराती, हो रही सराहना
कर्णप्रयाग, उत्तराखंड – कर्णप्रयाग नगर में आयोजित एक विवाह समारोह ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है, और इसकी अनूठी पहल की वजह से परिवार को बहुत सराहना मिल रही है। इस विवाह में एक नवाचार के तौर पर 40 गरीब बच्चों को मुख्य बराती बनाया गया, और उन्हें शादी के तोहफे के रूप में गर्म कपड़े दिए गए। इस पहल के माध्यम से भट्ट परिवार ने यह संदेश दिया कि समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए भी खुशियों में समान स्थान होना चाहिए।
अनूठी पहल: गरीब बच्चों को किया गया मुख्य बराती
रामकृष्ण भट्ट और हरिकृष्ण भट्ट के परिवार ने अपने भतीजे अंशुल भट्ट के विवाह के दौरान एक नया उदाहरण पेश किया। कर्णप्रयाग के इस विशेष विवाह समारोह में 40 बच्चों को मुख्य बराती बनाया गया, जो कर्णप्रयाग स्थित अखिल भारतीय सेवा अभियान (एमफॉर सेवा) हॉस्टल के बच्चे थे। ये बच्चे विभिन्न आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे थे, और उन्हें शादी समारोह का हिस्सा बनाने का फैसला भट्ट परिवार ने किया।
शादी के इस समारोह में जब ये बच्चे बरात में शामिल हुए, तो उन्हें विशेष सम्मान के साथ स्वागत किया गया। सभी बच्चों को ट्रैक सूट पहनाए गए और जब वे बरात में पहुंचे, तो उन्हें फूल मालाओं से सम्मानित किया गया। ये दृश्य बेहद खास था, क्योंकि बच्चों के चेहरों पर खुशी और उत्साह साफ देखा जा सकता था।
भट्ट परिवार के इस कदम ने ना केवल विवाह को खास बनाया, बल्कि गरीब और अनाथ बच्चों के लिए समाज में एक सशक्त संदेश भी दिया।
एमफॉर सेवा: गरीब और अनाथ बच्चों के लिए एक आश्रय
एमफॉर सेवा एक संस्था है जो गरीब, अनाथ और असहाय बच्चों के लिए काम करती है। इस संस्था में वर्तमान में 40 बच्चे रह रहे हैं, जो शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक रूप से कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भट्ट परिवार का इस संस्था के साथ पुराना रिश्ता है, और वे समय-समय पर इन बच्चों की मदद करते रहते हैं।
इन बच्चों को मुख्य बराती बनाने का निर्णय लेने के बाद, भट्ट परिवार ने यह सुनिश्चित किया कि बच्चों को शादी में एक सम्मानजनक स्थान मिले। साथ ही, उन्हें कुछ तोहफे भी दिए गए ताकि वे इस दिन को अपने जीवन के एक अहम हिस्से के रूप में याद रखें।
आयोजन के दौरान बच्चों का उत्साह
शादी समारोह में जब इन बच्चों का स्वागत किया गया और उन्हें माला पहनाई गई, तो वे थोड़े से शर्माते हुए भी खुशी से झूम रहे थे। यह उनके जीवन का एक अद्वितीय अनुभव था, जिसे वे लंबे समय तक याद रखेंगे। कई बच्चे जो कभी जीवन में खुशियों की कल्पना नहीं कर पाए थे, आज वे समाज के बड़े और प्रभावशाली समारोह का हिस्सा बने थे।
इस पहल से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा, और उन्हें यह एहसास हुआ कि वे समाज के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। भट्ट परिवार ने इस अवसर पर यह भी निर्णय लिया कि वे भविष्य में इस तरह की और पहलें करेंगे, जिससे इन बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और जीवन की अन्य आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
भविष्य में भी गरीब बच्चों की मदद की जाएगी
भट्ट परिवार का कहना है कि यह पहल केवल एक शुरुआत है। भविष्य में भी वे इस तरह के आयोजनों और कार्यक्रमों में गरीब बच्चों को शामिल करने का निर्णय लेंगे। इस पहल से परिवार ने यह संदेश दिया कि समाज में सभी वर्गों के बच्चों को समान अवसर मिलना चाहिए, और विशेष रूप से उन बच्चों को जो विभिन्न कारणों से जीवन की बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
इसके अलावा, भट्ट परिवार ने यह भी निर्णय लिया है कि वे एमफॉर सेवा के बच्चों की पढ़ाई और अन्य जरूरतों के लिए मदद जारी रखेंगे। बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा और जीवन की अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भट्ट परिवार अपनी भूमिका निभाएगा, ताकि वे समाज में अपने पैरों पर खड़े हो सकें और अपने जीवन को सुधार सकें।
समाज में बदलाव की पहल
यह पहल न केवल एक विवाह समारोह की विशेषता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक शानदार उदाहरण है। भट्ट परिवार का यह कदम निश्चित ही कर्णप्रयाग नगर में चर्चा का विषय बन गया है और दूसरों को भी प्रेरित कर रहा है। इस आयोजन से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि यदि समाज के संपन्न वर्ग के लोग अपनी भूमिका समझें और कमजोर वर्ग के बच्चों को आगे बढ़ने का मौका दें, तो समाज में समानता की भावना को बढ़ावा मिल सकता है।