पंजाब पुलिस ने अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर आईईडी प्लांट करने की कोशिश को नाकाम किया, दो आरोपी गिरफ्तार
अजनाला (पंजाब): पंजाब पुलिस ने अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) प्लांट करने की कोशिश को नाकाम करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह बड़ा खुलासा पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने किया, जिसमें उन्होंने बताया कि इस धमाके की साजिश में बब्बर खालसा इंटरनेशनल और आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) का हाथ था।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में से एक की पहचान अमृतसर के जशनदीप सिंह के रूप में हुई है, जबकि दूसरा आरोपी एक नाबालिग है। इन दोनों आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद पुलिस ने मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
आईईडी धमाके की योजना और आरोपियों की गिरफ्तारी
पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद यह खुलासा किया कि उन्होंने 23 नवंबर को अजनाला पुलिस स्टेशन में आईईडी लगाने का प्रयास किया था। इसके अलावा, आरोपियों ने अन्य हमलों की साजिश भी रची थी। आईईडी धमाके का उद्देश्य पुलिस स्टेशन को नुकसान पहुंचाना और पंजाब में माहौल को बिगाड़ना था।
डीजीपी गौरव यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “इस साजिश के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल और आईएसआई का हाथ था। हमारे पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि ये आतंकी संगठन राज्य में अशांति फैलाने के लिए काम कर रहे थे।” पुलिस ने इस मामले में 2 हैंड ग्रेनेड और एक पिस्तौल के साथ गोला-बारूद और एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है।
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों से गहन पूछताछ की गई है, जिससे कई अहम जानकारियाँ सामने आई हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख सरगना हरविंदर सिंह रिंदा और हैप्पी पासिया के संपर्क में थे, जो कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के मुख्य सदस्य हैं।
आतंकवादी साजिश में पाकिस्तान का हाथ
आईएसआई और बब्बर खालसा इंटरनेशनल का संबंध न केवल पंजाब, बल्कि पूरे देश में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। पंजाब पुलिस के अनुसार, ये आतंकी संगठन स्थानीय स्लीपर सेल्स का इस्तेमाल करते हुए आईईडी और अन्य विस्फोटक उपकरणों का निर्माण करते हैं, ताकि सार्वजनिक स्थानों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जा सके।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपियों को पाकिस्तान से वित्तीय सहायता और हथियारों की आपूर्ति की गई थी, जिससे वे पंजाब में आतंक फैलाने के लिए तैयार हो गए थे। यह पूरी साजिश आईएसआई के इशारे पर चल रही थी, जो हमेशा भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश करता रहा है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई
अजनाला पुलिस स्टेशन के बाहर आईईडी धमाके की योजना को पंजाब पुलिस ने समय रहते नाकाम कर दिया, जिससे एक बड़ी आतंकी घटना को टाल दिया गया। पुलिस ने इस संदर्भ में एसएसओसी अमृतसर में एफआईआर भी दर्ज की है और जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
पंजाब पुलिस के एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने एक साथ मिलकर इस मामले को हल किया है। पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी बड़ी साजिश को नाकाम करने के लिए बेहद अहम साबित हुई है, जिससे न केवल पुलिस स्टेशन बल्कि आम नागरिकों की जान भी बचाई जा सकी।
पुलिस की कार्यवाही और भविष्य की रणनीति
पंजाब पुलिस का कहना है कि उनकी कार्यवाही केवल इस गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है। पुलिस अब आतंकवादी स्लीपर सेल्स और उनके कनेक्शनों का पता लगाने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। पंजाब के कई अन्य जिलों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और राज्य के विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया, “हमारी टीम पूरे राज्य में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि पंजाब में शांति बनी रहे और किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों को पनपने का मौका न मिले।”
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ अब और भी अधिक सख्त हो गई हैं और किसी भी तरह की साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
पंजाब में सुरक्षा स्थिति
पंजाब में आतंकवाद फिर से सिर उठा सकता है, यह चिंता का विषय बन गया है, खासकर तब जब आतंकवादी समूहों और पाकिस्तान स्थित एजेंसियों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने इस खतरे को भांपते हुए अपनी तैयारियों को और मजबूत किया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का नेटवर्क अब पंजाब में काफी सक्रिय हो गया है। हालांकि पंजाब पुलिस ने अब तक कई आतंकवादी योजनाओं को नाकाम किया है, फिर भी यह संगठन अभी भी राज्य में माहौल को बिगाड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।