उत्तराखंड में शवों को भेजने के लिए हेली एंबुलेंस सेवा का विस्तार, जल्द शुरू होगी नई सुविधा
देहरादून, 14 दिसंबर 2024 – उत्तराखंड राज्य सरकार जल्द ही हेली एंबुलेंस सेवा का दायरा बढ़ाने जा रही है। अब तक यह सेवा मुख्य रूप से गंभीर मरीजों को दूरगामी क्षेत्रों से ऋषिकेश के एम्स अस्पताल तक लाने के लिए उपयोग की जाती थी, लेकिन अब इसे और भी व्यापक बना दिया जाएगा। राज्य सरकार ने तय किया है कि अब अस्पतालों में मौत होने पर शवों को उनके निवास स्थान तक भेजने के लिए भी हेली एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जाएगा।
हेली एंबुलेंस सेवा में विस्तार की योजना
उत्तराखंड में पहाड़ी इलाकों, कठिन मार्गों और दुर्गम स्थानों पर सड़क मार्ग से शवों को परिवहन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। ऐसे में हेली एंबुलेंस सेवा शवों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए एक राहत का उपाय बन सकती है। इस नई सुविधा के तहत, राज्य के किसी भी अस्पताल से शवों को हेली एंबुलेंस के माध्यम से उनके निवास स्थान तक भेजा जा सकेगा।
शासन ने इसके लिए एक मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो इस सेवा को संचालन के लिए सभी आवश्यक दिशानिर्देशों और नियमों का निर्धारण करेगी। यह कमेटी विस्तृत ड्राफ्ट तैयार कर शासन को सौंपेगी, जिसके बाद राज्य में इस सुविधा को लागू किया जाएगा।
समिति का गठन और उद्देश्यों पर प्रकाश
राज्य सरकार ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की निदेशक डॉ. सुनीता टाम्टा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना और संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत जौहरी को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
इस समिति का मुख्य उद्देश्य हेली एंबुलेंस सेवा को शवों के परिवहन के लिए अधिकतम प्रभावी और सुरक्षित बनाना है। समिति शवों को हेली एंबुलेंस के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने की प्रक्रिया, चुनौतियाँ, और सुरक्षा उपायों पर विचार करेगी। इसके अलावा, इस प्रक्रिया में आने वाली प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय बाधाओं को भी पहचाना जाएगा।
समिति की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी और इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाएगी। राज्य के अंदर और बाहरी राज्यों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जो इस सेवा का दायरा और विस्तार सुनिश्चित करेगा।
शवों के परिवहन में हेली एंबुलेंस सेवा का महत्व
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में जहां सड़क मार्गों का जाल सीमित है, और कई गांवों और दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क मार्ग से पहुंचने में लंबा समय लग सकता है, वहां हेली एंबुलेंस सेवा शवों के परिवहन के लिए एक सुविधाजनक विकल्प बन सकती है। हेली एंबुलेंस के द्वारा शवों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि परिवार के लिए भी यह एक बड़ा सहारा साबित होगा, जो अपने प्रियजनों के शव को तुरंत और सुरक्षित रूप से घर पहुंचाने के लिए इंतजार कर रहे होते हैं।
इससे पहले, शवों को सड़क मार्ग से भेजने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, जिससे किसी भी तरह के अप्रत्याशित हादसे और समय की देरी की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। हेली एंबुलेंस सेवा इन समस्याओं का समाधान प्रदान करेगी और तीव्र गति से शवों को अंतिम संस्कार के स्थान तक पहुंचाने में मदद करेगी।
उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस सेवा का मौजूदा उपयोग
वर्तमान में, उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस का मुख्य रूप से गंभीर मरीजों को राज्य के विभिन्न अस्पतालों से ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तक लाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। पहाड़ी इलाकों से रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाना बहुत कठिन और समय-consuming हो सकता है, लेकिन हेली एंबुलेंस द्वारा यह प्रक्रिया तेज़ और सुरक्षित बन गई है।
उत्तराखंड सरकार का यह कदम हेली एंबुलेंस सेवा के उपयोग को और अधिक सुविधाजनक और प्रभावी बनाने के लिए एक नया मोड़ है। अब तक मरीजों के लिए ही इस सेवा का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब यह मृतकों के शवों के लिए भी उपलब्ध होगा, जो एक नया और महत्वपूर्ण पहलू है।
नई व्यवस्था के लिए संभावित चुनौतियाँ
हेली एंबुलेंस सेवा को शवों के परिवहन के लिए लागू करने में कई चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं। सबसे पहली चुनौती हेलीपैड और उचित लैंडिंग जोन की उपलब्धता होगी, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में जहां हेलीपैड का निर्माण किया जाना अभी बाकी हो सकता है। इसके अलावा, मौसम की अनिश्चितताओं और दुर्घटनाओं के संभावित जोखिमों को भी ध्यान में रखना होगा, जिससे एयरलिफ्टिंग में कोई विघ्न न आए।
इसके अलावा, शवों के परिवहन के दौरान मानवीय संवेदनाओं का भी ध्यान रखना होगा, ताकि परिवार वालों को कोई मानसिक तनाव न हो। यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक होगा कि शवों की सुरक्षा और सम्मानपूर्ण परिवहन किया जाए, जो परिवार के लिए मानसिक शांति प्रदान करेगा।
राज्य के विकास की दिशा में कदम
उत्तराखंड सरकार की यह पहल प्रदेश के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा साबित हो सकती है, खासकर उन परिवारों के लिए जो मुश्किल इलाकों में रहते हैं और जहां सड़क मार्ग से शवों को भेजना अत्यधिक कठिन होता है। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि यह राज्य के विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा, जो राज्य की समग्र सामाजिक और भौतिक ढांचे में सुधार करेगा।
इससे राज्य के अंदर और बाहर, दोनों स्थानों के लिए एक नया सेवा नेटवर्क विकसित होगा, जो समय की बचत के साथ-साथ आपातकालीन परिस्थितियों में मदद करेगा। हेली एंबुलेंस सेवा का विस्तार उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक और सफलता की ओर इशारा करता है, और यह उम्मीद की जा सकती है कि इससे राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली में एक और सकारात्मक बदलाव आएगा।