Uttarakhand

उत्तराखंड में सर्दी की सख्त मार, बर्फबारी के बाद बढ़ी ठंड

देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड में हाल ही में हुई बर्फबारी के बाद मौसम भले ही साफ हो गया हो, लेकिन ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। दिन में चटक धूप खिलने के बावजूद रात के समय तापमान में गिरावट ने सर्दी का अहसास और भी बढ़ा दिया है। उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे सर्द हवाएं लोगों को खासा परेशान कर रही हैं।

मौसम में आए बदलाव से ठंड बढ़ी

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सप्ताह भी न्यूनतम तापमान में गिरावट हो सकती है, जिससे रातें और भी सर्द हो जाएंगी। एक दिसंबर से लेकर अब तक के तापमान के आंकड़े देखें तो देहरादून में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया जा रहा है। वहीं, पिछले चार दिनों से न्यूनतम तापमान पांच डिग्री से भी नीचे बना हुआ है, जिससे रात के समय ठंड काफी बढ़ गई है। दिन में सूर्य की तेज़ किरणों से तापमान में थोड़ा सुधार होता है, लेकिन रात को सर्दी का सामना करना बहुत कठिन हो रहा है।

रविवार, 17 दिसंबर को देहरादून का अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक था। वहीं, रात का न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो पिछले दिन से तीन डिग्री कम था। इससे साफ है कि रात में ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ-साथ शीतलहर का असर भी दिखाई दे रहा है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार, 19 दिसंबर तक उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन कोहरे और शीतलहर का खतरा बढ़ सकता है। अगले दो दिन में कोहरे की संभावना है, जिससे दृश्यता में कमी आएगी और वाहन चलाने में परेशानी हो सकती है। इसके बाद, 17 दिसंबर से तापमान में और गिरावट आने की संभावना है, साथ ही शीतलहर की चेतावनी भी दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ठंड और ज्यादा बढ़ सकती है, जिससे जनजीवन पर असर पड़ सकता है।

बदरीनाथ धाम में शीतलहर का प्रकोप

उत्तराखंड के प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम में इन दिनों बर्फ नहीं है, लेकिन कड़ाके की ठंड ने वहां के तापमान को माइनस 11 डिग्री तक पहुंचा दिया है। यहां सुबह और शाम के समय बर्फीली हवाओं के कारण हाड़कंपा देने वाली ठंड महसूस हो रही है। बदरीनाथ में हाल के दिनों में शीतलहर का प्रभाव बढ़ गया है, और यह ठंड काफी कड़ी हो गई है। धाम में मौजूद उर्वशी धारा का पानी जम गया है, और इसके कारण यहां के नल और नालियों का पानी भी फ्रीज़ हो गया है।

यहां पर आईटीबीपी, पुलिस और बीकेटीसी के कर्मचारी तैनात हैं, जो मास्टर प्लान के कामों की निगरानी कर रहे हैं। हालांकि धूप खिलने पर थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन शाम होते ही ठंड फिर से बढ़ जाती है, और बाहर खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है। बदरीनाथ धाम में स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण बन गई है, क्योंकि यहां बर्फ न होने के बावजूद सर्दी का प्रकोप कम नहीं हो रहा।

कोहरे और शीतलहर की बढ़ती संभावना

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में कोहरे और शीतलहर की चेतावनी जारी की है। अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है, जिससे ठंड की चुभन और बढ़ेगी। 17 दिसंबर से तापमान में और कमी आने की आशंका है, और इसके बाद शीतलहर चलने की पूरी संभावना है। इन मौसमीय बदलावों के कारण राज्य में जनजीवन पर भी असर पड़ सकता है।

उत्तराखंड के कई इलाकों में जैसे देहरादून, हल्द्वानी, और मसूरी में भी शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है। विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद तापमान में भारी गिरावट आई है, जिससे ठंड के असर में वृद्धि हुई है। ऐसे में राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस सर्दी के मौसम में लोगों को सावधानी बरतने और गर्म कपड़े पहनने की सलाह दी है।

कृषि और दैनिक जीवन पर प्रभाव

उत्तराखंड में ठंड का असर केवल आम जीवन पर नहीं, बल्कि कृषि गतिविधियों पर भी पड़ रहा है। ठंडी हवाओं और शीतलहर के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है। खासतौर पर बागवानी, सब्जियों और फूलों की फसलों पर ठंड का असर ज्यादा देखने को मिल सकता है। किसानों को अपने खेतों में ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है।

अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, चमोली जैसे पहाड़ी जिलों में तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे यहां के निवासी सर्दी से जूझ रहे हैं। खासकर, ऊंचाई वाले इलाकों में रात के तापमान में गिरावट के साथ अधिक ठंड महसूस हो रही है। ये इलाकें पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होते हैं, लेकिन इस सर्दी में बाहरी पर्यटकों के लिए ठंड एक बड़ी चुनौती बन सकती है।

उत्तराखंड के नागरिकों के लिए जरूरी सावधानियां

इस समय उत्तराखंड में रहने वाले नागरिकों को ठंड से बचने के लिए कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए। सर्दी में विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाना जरूरी है, क्योंकि ये वर्ग अधिक प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही, रात के समय घरों में हीटर या अन्य गर्म रखने के उपायों का इस्तेमाल करें। बाहर जाने पर गर्म कपड़े पहनना जरूरी है, और कोहरे के समय वाहन चलाते समय सतर्कता बरतनी चाहिए।

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