पंजाब में स्मार्ट कार्ड के जरिए राशन वितरण प्रणाली में सुधार, एनएफएसए लाभार्थियों के लिए नई व्यवस्था
पंजाब में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अब राशन प्राप्त करने के लिए राशन कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार ने लाभार्थियों के लिए स्मार्ट कार्ड जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है।
राज्य सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 40 लाख लाभार्थियों के लिए चिप आधारित स्मार्ट कार्ड बनाने का आदेश दिया है। इन स्मार्ट कार्डों के जरिए राशन वितरण की प्रक्रिया सरल और त्वरित होगी। अब, पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन पर टच करते ही लाभार्थी के परिवार की पूरी जानकारी प्राप्त हो सकेगी, और तुरंत राशन जारी किया जाएगा।
14,400 पीओएस मशीनों का किया गया इंतजाम
इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए पंजाब सरकार ने 14,400 पीओएस मशीनों की व्यवस्था की है। इस मशीन के माध्यम से लाभार्थी के परिवार का पूरा डाटा रियल टाइम में प्राप्त हो सकेगा। इसके अलावा, स्मार्ट कार्ड प्रणाली से राशन वितरण में तेजी आएगी और डाटा की अपडेटिंग भी हो सकेगी, जिससे पारदर्शिता में वृद्धि होगी।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था के तहत अब राशन वितरण में पहले जैसी देरी और फर्जी लाभार्थियों की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। स्मार्ट कार्ड के माध्यम से रियल टाइम डाटा मिल सकेगा, जिससे विभाग को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि केवल योग्य परिवारों को ही राशन मिल रहा है।
एनएफएसए के तहत 40 लाख परिवारों को मिलेगा राशन
पंजाब में 14,000 डिपो होल्डर्स हैं, जिनके माध्यम से 40 लाख परिवारों को एनएफएसए के तहत राशन वितरित किया जाता है। हर लाभार्थी परिवार को प्रति माह 5 किलो गेहूं मिलता है। उदाहरण के लिए, यदि परिवार में 4 सदस्य हैं, तो उन्हें तीन महीने का राशन (60 किलो गेहूं) एक साथ प्रदान किया जाता है।
अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए इस नए स्मार्ट कार्ड प्रणाली के तहत गेहूं वितरित किया जाएगा। पहले जहां लाभार्थी को राशन कार्ड और आधार कार्ड लेकर डिपो में जाना पड़ता था, वहीं अब यह प्रक्रिया बहुत ही सरल और त्वरित हो जाएगी। इसके अलावा, फर्जी लाभार्थियों की पहचान करना भी अब आसान होगा, क्योंकि डाटा को ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा।
स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए एजेंसी का चयन
पंजाब सरकार ने इस नई प्रणाली के तहत स्मार्ट कार्ड बनाने और वितरित करने के लिए एक एजेंसी हायर करने का निर्णय लिया है। विभाग ने इस काम के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी किया है। एजेंसी का चयन होते ही स्मार्ट कार्ड बनाने और वितरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
यह एजेंसी न केवल कार्ड बनाएगी, बल्कि इनकी निगरानी और रखरखाव का काम भी करेगी। स्मार्ट कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों का पूरा डाटा ऑनलाइन रहेगा, जो कि किसी भी धोखाधड़ी या धांधली की तुरंत पहचान करने में सहायक होगा। इससे विभाग को लाभार्थियों के अधिकारों का संरक्षण करने में मदद मिलेगी और सिस्टम की पारदर्शिता में वृद्धि होगी।
छह सप्ताह में 33 प्रतिशत कार्ड होंगे तैयार
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इस योजना के तहत कार्डों की डिलीवरी को लेकर एक टाइमलाइन निर्धारित की है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि पहले छह सप्ताह में 33 प्रतिशत कार्ड तैयार कर दिए जाएंगे और लाभार्थियों को वितरित किए जाएंगे। इसके बाद, अगले 9 सप्ताह में 66 प्रतिशत कार्ड तैयार होंगे और 12 सप्ताह के भीतर सभी 40 लाख कार्ड लाभार्थियों को वितरित कर दिए जाएंगे।
इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित वितरण के लिए विभाग ने ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था भी की है, जिससे लाभार्थियों को अपने कार्ड की स्थिति का पता चलता रहेगा।
पुराने सिस्टम से मिली परेशानी को मिलेगा समाधान
पंजाब में पहले राशन कार्ड प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को कई दस्तावेज़ और समय की आवश्यकता होती थी। राशन कार्ड के साथ-साथ आधार कार्ड भी दिखाना अनिवार्य था और फिर अंगूठा लगाकर राशन प्राप्त किया जाता था। इस प्रणाली में काफी समय लगता था और कई बार लाभार्थियों को समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था।
नई स्मार्ट कार्ड प्रणाली से इन सभी परेशानियों का समाधान होगा। लाभार्थी अब केवल स्मार्ट कार्ड के जरिए अपनी पहचान साबित कर सकेंगे और राशन प्राप्त कर सकेंगे। यह प्रणाली न केवल लाभार्थियों के लिए सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि यह प्रणाली विभाग के लिए भी काफी लाभकारी साबित होगी, क्योंकि यह रियल टाइम डाटा के माध्यम से वितरण प्रक्रिया की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।