Uttarakhand

देहरादून: कांग्रेस नेता और प्रॉपर्टी डीलर राजीव जैन के घर ईडी का छापा, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

देहरादून, 17 दिसंबर: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के चमन विहार इलाके में कांग्रेस नेता और प्रॉपर्टी डीलर राजीव जैन के घर पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। इस कार्रवाई में ईडी और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की करीब 18 गाड़ियों का काफिला राजीव जैन के घर पर पहुंचा और सुबह चार बजे से छापेमारी शुरू कर दी।

इस छापेमारी में ईडी ने करोड़ों रुपये की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और नकदी बरामद की है। हालांकि, अधिकारियों ने बरामद की गई रकम और संपत्ति का पूरा विवरण सार्वजनिक नहीं किया है। यह छापेमारी उत्तराखंड की राजनीति और व्यापार जगत के लिए एक बड़े घटनाक्रम के रूप में सामने आई है, खासकर जब यह सामने आया कि राजीव जैन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी माने जाते हैं।

छापेमारी की वजह: धन शोधन के आरोप

सूत्रों के मुताबिक, राजीव जैन के खिलाफ धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से संबंधित मामले की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ईडी ने राजीव जैन के खिलाफ एक बड़े धन शोधन नेटवर्क के संदर्भ में जांच शुरू की है, जिसमें जैन के संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और कुछ नकदी भी बरामद की गई हैं।

राजीव जैन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी डीलिंग के माध्यम से बेहिसाब धन का संचय किया है, जो संदिग्ध स्रोतों से प्राप्त हुआ। अब ईडी इस मामले में जांच कर रही है और यह संभव है कि इस मामले में राजीव जैन के खिलाफ धन शोधन का केस दर्ज किया जाए।

छापेमारी के दौरान क्या हुआ?

मंगलवार तड़के चार बजे के आसपास, जब अधिकांश लोग सो रहे थे, ईडी और सीआईएसएफ की एक बड़ी टीम राजीव जैन के घर पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी। ईडी के अधिकारियों ने जैन के घर के सभी कमरे, अलमारी, लॉकर और दस्तावेज़ों की जांच की।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी की टीम ने जैन के घर से करोड़ों रुपये की संपत्ति और कुछ नकदी बरामद की है। साथ ही, जैन के पास विभिन्न संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज़ भी जब्त किए गए हैं। छापेमारी के दौरान एक साथ 18 गाड़ियों में ईडी और सीआईएसएफ की टीम घटनास्थल पर मौजूद थी, जो इस पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित कर रही थी।

ईडी की इस कार्रवाई से जैन के घर और आसपास के इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।

राजीव जैन का राजनीतिक कनेक्शन: पूर्व सीएम हरीश रावत से करीबी रिश्ते

राजीव जैन का कनेक्शन उत्तराखंड की राजनीति से भी गहरा है। वह कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी रिश्तेदार माने जाते हैं। रावत के शासनकाल में जैन को कई महत्वपूर्ण कनेक्शन और प्रभावशाली रिश्ते प्राप्त हुए थे, जिनकी वजह से उनके प्रॉपर्टी के कारोबार को भी बढ़ावा मिला था।

राजीव जैन की प्रॉपर्टी डीलिंग के मामलों को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उनकी संपत्तियों और धन के स्रोतों के बारे में इतनी गंभीर जांच की जा रही है। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि इस छापेमारी के पीछे कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम भी हो सकता है, खासकर जब यह मामला उत्तराखंड में विपक्षी दलों द्वारा उठाया जा रहा है।

ईडी की कार्रवाई: मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर कड़ी निगरानी

ईडी की इस कार्रवाई को मनी लॉन्ड्रिंग की जटिल जांच प्रक्रिया के तहत देखा जा रहा है। ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में छापेमारी सामान्य प्रक्रिया बन चुकी है, जहां वह संदिग्ध वित्तीय लेनदेन, काले धन, और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करता है।

पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कई महत्वपूर्ण मामलों में जांच की है, जिनमें कई बड़े राजनीतिक नेता, व्यापारी और प्रॉपर्टी डीलर्स शामिल हैं।

ईडी के कड़े कदम: कांग्रेस की प्रतिक्रिया

ईडी की इस छापेमारी को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, राज्य की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि कांग्रेस इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख सकती है। राज्य में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह छापेमारी एक संवेदनशील मुद्दा बन सकता है, और इसका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।

राजीव जैन के करीबी रिश्तों के कारण, कांग्रेस पार्टी के भीतर इस छापेमारी को लेकर एक नई बहस का दौर शुरू हो सकता है, जो विपक्षी दलों द्वारा इसके राजनीतिक और कानूनी पहलुओं को चुनौती देने का एक कारण बन सकता है।

राज्य में राजनीतिक हलचल और भविष्य की जांच

इस घटना के बाद से उत्तराखंड के राजनीतिक माहौल में हलचल बढ़ गई है। विपक्षी दलों और मीडिया में इस छापेमारी को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं, और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ईडी की इस कार्रवाई के और भी पहलू सामने आ सकते हैं।

राजीव जैन के खिलाफ जांच के विस्तार के बाद, यह मामला केवल एक व्यक्तिगत व्यापारी या प्रॉपर्टी डीलर से ज्यादा कुछ बन सकता है। अब तक की जानकारी के अनुसार, ईडी ने जैन के कारोबार और संपत्ति के संबंध में महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त किए हैं, और यह संभव है कि जांच का दायरा बढ़े।

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