सीएम धामी ने राज्य के सामान्य नागरिकों को भी उत्तराखंड निवास में ठहरने की सुविधा देने की योजना बनाई
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में एक अहम निर्णय लिया है जिसके तहत नई दिल्ली में स्थित उत्तराखंड निवास को आम जनता के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस मामले में तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया और स्पष्ट किया कि राज्य के सामान्य नागरिकों को भी इस आवास में ठहरने की सुविधा मिल सके। मुख्यमंत्री धामी ने यह निर्देश तब दिए जब उन्होंने संबंधित समाचारों का संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया था कि उत्तराखंड निवास में ठहरने के लिए केवल उच्च स्तरीय अधिकारियों और नेताओं को ही प्राथमिकता दी जा रही थी।
मुख्यमंत्री ने शासनादेश में संशोधन के निर्देश दिए
बुधवार को मुख्यमंत्री धामी ने एक शासनादेश जारी किया, जिसके तहत उत्तराखंड निवास में केवल उच्च सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को ही ठहरने की अनुमति दी गई थी। यह शासनादेश राज्य संपत्ति विभाग द्वारा जारी किया गया था, जिसमें ठहरने की पात्रता और शुल्क सूची भी दी गई थी। इस आदेश के मुताबिक, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सांसद, विधायक, और अन्य उच्च स्तर के सरकारी अधिकारी उत्तराखंड निवास में ठहरने के योग्य थे। इसके अलावा, राज्य के कई संवैधानिक पदों पर नियुक्त व्यक्तियों को भी ठहरने की सुविधा प्रदान की जा रही थी।
लेकिन यह आदेश राज्य के आम नागरिकों के लिए न केवल असंतोषजनक था, बल्कि राज्य सरकार के उद्देश्यों के विपरीत भी प्रतीत हो रहा था। मुख्यमंत्री धामी ने इस स्थिति पर ध्यान दिया और तत्काल इस आदेश में संशोधन करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री का आदेश: आम नागरिकों को भी ठहरने की सुविधा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड निवास का उद्देश्य केवल उच्च पदस्थ अधिकारियों और नेताओं के लिए नहीं, बल्कि राज्य के सामान्य नागरिकों के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने आदेश दिया कि “आम व्यक्ति को भी उपलब्धता के आधार पर उत्तराखंड निवास में ठहरने का अवसर दिया जाए”। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह व्यवस्था पारदर्शिता और समता के आधार पर बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि ठहरने के लिए लागू शुल्क को भी उचित तरीके से पुनर्निर्धारित किया जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिन नागरिकों के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं हैं, वे भी राज्य के निवास में ठहरने की व्यवस्था का लाभ उठा सकें।
शासनादेश में क्या बदलाव हुए हैं?
सीएम धामी के निर्देश के बाद, बुधवार को जारी शासनादेश में अब संशोधन किए गए हैं। पहले के आदेश में, केवल उच्च स्तर के अधिकारियों और नेताओं को ही ठहरने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब इसमें राज्य के विभिन्न सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी ठहरने की व्यवस्था को सरल और समावेशी बनाया गया है।
उत्तराखंड निवास में अब आम नागरिकों के लिए भी ठहरने की सुविधा होगी, बशर्ते उनके पास कक्ष की उपलब्धता हो। इससे राज्य के उन नागरिकों को लाभ होगा, जो दिल्ली में सरकारी कामों या व्यक्तिगत कारणों से यात्रा करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से उत्तराखंड निवास का उपयोग अधिकतम होगा और राज्य के नागरिकों के लिए यह एक संसाधन के रूप में कार्य करेगा।
ठहरने के शुल्क में बदलाव
मुख्यमंत्री धामी ने ठहरने के शुल्क में भी संशोधन के निर्देश दिए हैं। इसके तहत, राज्य सरकार द्वारा आयोजित बैठकों को निशुल्क किया जाएगा, जबकि निगमों या समितियों को बैठक के लिए 15,000 रुपये प्रति दिन का शुल्क देना होगा। अन्य कार्यक्रमों के लिए शुल्क 35,000 रुपये प्रति दिन निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि शुल्क की संरचना पारदर्शी और उचित हो, जिससे विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों को समान अवसर मिल सके।
राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए विशेष प्रावधान
उत्तराखंड निवास में अभी भी राज्य के उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान रहेगा। इसके तहत, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी इस आवास में ठहरने के पात्र होंगे। इसके अलावा, राज्य के संवैधानिक आयोगों के अध्यक्ष, मेयर, जिपं अध्यक्ष, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी यहां ठहरने की अनुमति रहेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह व्यवस्था राज्य के नेताओं और अधिकारियों के लिए उनकी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने के दौरान एक सुविधाजनक आवास प्रदान करेगी, जिससे उन्हें अपने कार्यों को बेहतर तरीके से करने का अवसर मिलेगा।
सीएम धामी का दृष्टिकोण और उद्देश्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह कदम उत्तराखंड निवास के संचालन में एक बड़ा सुधार है। उनका उद्देश्य राज्य के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और राज्य के विकास को एक नए दिशा में ले जाना है। मुख्यमंत्री ने इस निर्णय के माध्यम से यह संदेश दिया है कि राज्य सरकार आम नागरिकों की भलाई के लिए निरंतर काम कर रही है, और उन्हें राज्य के संसाधनों का उचित उपयोग करने का अधिकार मिलना चाहिए।
धामी ने कहा कि उत्तराखंड निवास को एक ऐसा स्थान बनाना चाहिए जहां राज्य के नागरिक न केवल सरकारी कार्यों के लिए, बल्कि निजी उद्देश्यों के लिए भी रुक सकें। इस कदम से दिल्ली में उत्तराखंड के नागरिकों के लिए एक बेहतर और सुविधाजनक आवास की व्यवस्था होगी, जो न केवल राज्य के आर्थिक और प्रशासनिक उद्देश्यों में सहायक होगा, बल्कि राज्य की छवि को भी सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करेगा।