उत्तराखंड में वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने के लिए नीति का निर्माण
उत्तराखंड सरकार राज्य को एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए पहली बार एक समग्र नीति बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के अधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर इस नीति का ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने पंतनगर और देहरादून एयरपोर्ट में विमानों की रात की लैंडिंग की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए भी तेज़ी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
यह निर्णय बुधवार को सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक में लिया गया। इस बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के दो नए शहरों के विकास, विभिन्न विकास परियोजनाओं की समीक्षा और राज्य को एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना पर चर्चा की।
वेडिंग डेस्टिनेशन की नीति का उद्देश्य
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में यह स्पष्ट किया कि राज्य में वेडिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस नीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व को देखते हुए राज्य को एक आकर्षक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न पर्यटन स्थलों का चयन किया जाएगा, जहां वेडिंग प्लानर्स और होटल समूहों से सहयोग लेकर आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “उत्तराखंड में शादी के आयोजन के लिए कई आकर्षक स्थल हैं, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के कारण शादी के आयोजन के लिए आदर्श हैं। हम इन स्थलों पर उपयुक्त सुविधाएं उपलब्ध कराकर राज्य को एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेंगे।”
वेडिंग डेस्टिनेशन के प्रचार-प्रसार के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से वेडिंग प्लानरों और होटल समूहों से सहयोग लेने की बात कही। साथ ही, उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयासों से न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
एयरपोर्ट की नाइट लैंडिंग सुविधा
बैठक में मुख्यमंत्री ने पंतनगर और देहरादून एयरपोर्ट में विमानों की रात की लैंडिंग की सुविधा की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से इस दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश दिए, ताकि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों और दूल्हा-दुल्हन के परिवारों के लिए यात्रा में कोई रुकावट न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह कदम राज्य के पर्यटन क्षेत्र को और भी सशक्त बनाएगा और बाहरी राज्य से आने वाले पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाएगा। इससे राज्य में पर्यटन के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा और शादी के आयोजनों के लिए आने वाले लोग भी आसानी से उत्तराखंड पहुंच सकेंगे।”
नए शहरों और विकास परियोजनाओं की कार्ययोजना
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य में दो नए शहरों के विकास के लिए कार्ययोजना को तेजी से धरातल पर उतारने के निर्देश दिए। इन शहरों में गंगा और शारदा कॉरिडोर डेवलपमेंट और डाकपत्थर में बनने वाली नॉलेज सिटी की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और जून 2026 तक सभी परियोजनाओं पर विधिवत कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। “हमारी प्राथमिकता यह है कि इन योजनाओं के जरिए राज्य में रोजगार के अवसरों का सृजन हो और उत्तराखंड को हर क्षेत्र में एक नए स्तर पर पहुंचाया जाए,” मुख्यमंत्री ने कहा।
25 साल की विकास योजना
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की आगामी 25 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विकास योजनाओं का सुनियोजित प्लान तैयार करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य में अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम किया जाएगा।
इस दिशा में यूआईआईडीबी द्वारा तैयार की जाने वाली योजनाओं में जनप्रतिनिधियों और अन्य स्टेक होल्डरों के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं की नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि समय पर कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके और विकास योजनाओं में कोई भी विघ्न न आए।
सामूहिक प्रयासों से विकास
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विकास के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की विकास यात्रा में सभी विभागों, जनप्रतिनिधियों और राज्य के नागरिकों का सहयोग आवश्यक है। “हम सभी मिलकर राज्य के विकास में योगदान देंगे और इसे हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे,” मुख्यमंत्री ने कहा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक मदन कौशिक, रेनू बिष्ट, राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर राजेश कुमार, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी सविन बंसल, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।