उत्तराखंड में 6,559 महिलाओं को मिलेगा रोजगार: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 6,559 महिलाओं को रोजगार देने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने इस भर्ती के लिए विभाग को अगले दो दिनों में विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश दिए हैं।
374 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 6,185 सहायिकाओं के पदों पर भर्ती
राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के पदों पर भर्ती के लिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 374 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 6,185 सहायिकाओं के खाली पदों को भरने के लिए जल्द ही विज्ञप्ति जारी की जाएगी। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत, महिला उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, और आवेदन की प्रक्रिया में करीब 30 दिन का समय दिया जाएगा।
महिला सशक्तीकरण मंत्री रेखा आर्या ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया, “प्रदेश में लगभग सभी जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का उच्चीकरण किया गया था, जिसके बाद वहां तैनात सहायिकाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन गईं, जिसके कारण सहायिकाओं के कई पद खाली हो गए थे।” मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में आंगनबाड़ी भर्ती नियमावली में संशोधन किया गया था, जिससे इन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया।
भर्ती प्रक्रिया के लिए निर्देश
मंत्री ने अधिकारियों को इस भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। विभाग को कहा गया है कि वे जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू करें और सभी जरूरी जानकारी उम्मीदवारों तक पहुंचाएं। साथ ही, महिला अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए करीब 30 दिन का समय दिया जाएगा, ताकि वे अपना आवेदन सही तरीके से प्रस्तुत कर सकें।
महिला सशक्तीकरण मंत्री रेखा आर्या ने विभाग के अधिकारियों से यह भी कहा कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल सके।”
आंगनबाड़ी केंद्रों में उच्चीकरण और नई भर्ती नीति
प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में आंगनबाड़ी केंद्रों का उच्चीकरण किया गया था, जिसके बाद आंगनबाड़ी सहायिकाएं अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगी हैं। इससे पहले, आंगनबाड़ी सहायिकाओं के पद खाली थे, और अब इन पदों पर नई भर्ती की जाएगी।
हालांकि, आंगनबाड़ी केंद्रों के उच्चीकरण से कई कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बीच कार्यभार का वितरण बदल गया था, लेकिन अब भर्ती नियमावली में किए गए संशोधनों के बाद इन पदों पर नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर शासनादेश जारी किया जा चुका है और विभाग को अगले एक या दो दिन में भर्ती के विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
महिला रोजगार के नए अवसर
यह भर्ती प्रक्रिया राज्य में महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करेगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के तौर पर नियुक्त होने वाली महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से स्वतंत्र होंगी, बल्कि उन्हें समाज में सम्मानजनक कार्यों का हिस्सा बनने का भी अवसर मिलेगा।
इस भर्ती से महिलाओं को उनके घरों के नजदीक ही रोजगार मिल सकेगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। इसके साथ ही, यह कदम महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
नंदा गौरा योजना और अन्य योजनाओं की समीक्षा
महिला सशक्तीकरण मंत्री रेखा आर्या ने हाल ही में नंदा गौरा योजना और अन्य योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल, बिजली और शौचालय जैसी सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएं। इस पर उन्होंने जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अगले पांच दिन के भीतर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव निदेशालय को भेजें।
मंत्री ने कहा, “आंगनबाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर केंद्र पर पेयजल, बिजली और शौचालय जैसी सुविधाएं हों, ताकि बच्चों और महिलाओं को कोई कठिनाई न हो।”
नंदा गौरा योजना के तहत अधिक आवेदन
इसके अलावा, मंत्री रेखा आर्या ने नंदा गौरा योजना के तहत अधिक से अधिक आवेदन मंगाने की भी बात की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 31 दिसंबर तक इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा आवेदन प्राप्त किए जाएं। नंदा गौरा योजना महिला सशक्तीकरण और बाल कल्याण के लिए एक प्रमुख योजना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
मंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि नंदा गौरा योजना के तहत अधिक से अधिक महिलाएं आवेदन करें और इस योजना का लाभ उठाएं। इसके लिए हर जिले में प्रचार-प्रसार की गतिविधियां की जाएं, ताकि महिलाएं इस योजना के बारे में जान सकें और इसका लाभ उठा सकें।”
रोजगार के अवसरों के साथ महिला सशक्तीकरण
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने राज्य में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। उनकी योजना है कि राज्य की हर महिला को रोजगार के अवसर मिलें, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। इस दिशा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ समाज में सम्मानजनक स्थिति भी प्रदान करेगा।
इसके अलावा, राज्य सरकार महिला कल्याण की दिशा में अन्य योजनाओं पर भी काम कर रही है, जैसे कि महिला सशक्तीकरण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, महिला-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं, और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर विभिन्न पहलें।